Economic Survey 2023 Live Updates : बजट से पहले पेश किया गया आर्थिक सर्वे, GDP ग्रोथ का अनुमान 6 से 6.80 फीसदी

वित्‍तमंंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में आज दोपहर करीब 1 बजे आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पेश की. इसमें अगले वित्‍तवर्ष के लिए 6 फीसदी से लेकर 6.8 फीसदी तक विकास दर अनुमान लगाया गया है.

Economic Survey 2023 India Live Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2023 को संसद के पटल पर रख दिया है. सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान देश की जीडीपी विकास दर 6 से 6.8 फीसदी तक रहने का अनुमान जाहिर किया गया है. पिछले साल के आर्थिक सर्वेक्षण में 2022-23 के दौरान देश की जीडीपी विकास दर 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया था.

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31 Jan 2023 17:48 (IST)

फार्मा सेक्‍टर में भारत का तीसरा स्‍थान

Economic Survey 2023 : आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत का फार्मास्‍युटिकल्‍स उद्योग वैश्विक पटल पर अपना खास स्‍थान बना चुका है. फार्मा उत्‍पादों के उत्‍पादन में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है और मूल्‍य के आधार पर 14वें स्‍थान पर है. 60 फीसदी बाजार हिस्‍सेदारी के आधर पर भारत वैश्विक स्‍तर पर अग्रणी वैक्‍सीन निर्माता है. फार्मा क्षेत्र में सितंबर 2022 तक संचयी विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश 20 बिलियन डालर से ज्‍यादा था.

31 Jan 2023 17:08 (IST)

Economic Survey 2023 : सामाजिक सेवा कार्यों पर खर्च में वृद्धि

आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि जारी वित्त वर्ष में केंद्र व राज्य सरकारों ने अब तक सामाजिक कार्यों पर संयुक्त रूप से 21.3 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए. इस खर्च में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यह जारी वित्त वर्ष में कुल सरकारी खर्च का 26.6 फीसदी रहने का अनुमान है. जबकि बीते वित्त वर्ष यह 26.1 फीसदी था.

31 Jan 2023 16:22 (IST)

कर्ज और निवेश ने चलाया विकास का पहिया, मनी मैनेजमेंट पर रहा सरकार को जोर

आर्थिक सर्वे (India Economic Survey 2023) में सरकार ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2023 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बदले हुए रुख के चलते सरकार के सरप्लस कैश की स्थिति में सुधार हुआ है. नीतिगत दरों में वृद्धि के बाद उधार और जमा दरों में बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा जून 2022 तक बॉन्ड प्रतिफल भी ऊपर रहा. बीते साल घरेलू बाजार में लोन की मांग काफी बढ़ी है. इस दौरान कमर्शियल बैंकों समेत नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की ओर से बांटे गए लोन में अभूतपूर्व तरीके से बढ़ोतरी देखने मिली है. वहीं बीते साल कमर्शियल बैंक की वसूली दर भी सबसे ज्यादा रही.

31 Jan 2023 15:40 (IST)

Economic Survey : सभी महीनों में बढ़ा GST कलेक्शन

Economic Survey 2023 : 1.5 करोड़ रुपये के औसत मासिक संग्रह के साथ चालू वित्‍त वर्ष के दौरान सभी महीनों में जीएसटी संग्रह में लगातार वृद्धि हुई. जीएसटी करदाताओं की संख्‍या वर्ष 2017 में 70 लाख थी, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 1.4 करोड़ से अधिक हो गई है.

GST Collection, e-way bill

31 Jan 2023 15:35 (IST)

Economic Survey 2023 : निर्यात के मोर्चे पर बड़ी सफलता

Economic Survey : भारत ने चालू वित्‍तवर्ष में तमाम दुश्‍वारियों के बावजूद बेहतर रणनीति और प्रबंधन के दम पर निर्यात के मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल की है. राष्‍ट्रपति ने भी कहा है कि भारत अब खरीदने नहीं बल्कि बेचने वाला देश बन रहा है. मोदी सरकार की देश को दुनिया की फैक्‍ट्री बनाने की रणनीति सफल होती दिख रही, क्‍योंकि 2021-22 की तुलना में देखें तो चालू वित्‍तवर्ष के दौरान देश का निर्यात करीब 16 फीसदी बढ़ गया है. हालांकि, ग्‍लोबल मार्केट में उठापटक की वजह से कच्‍चे तेल की कीमतें बढ़ने से आयात बिल पर जरूर बोझ पड़ा है.

31 Jan 2023 15:28 (IST)

राज्यों की उधार लेने की क्षमता को बढ़ाया: आर्थिक सर्वे

Economic Survey : आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार वित्‍तीय वर्ष 2023 में राजकोषीय घाटे की पूर्ति के लिए बजट अनुमान प्राप्‍त करने के ट्रैक पर है. वर्ष के पहले 8 महीनों में प्रत्‍यक्ष करों में वृद्धि उनके दीर्घावधि औसत की तुलना में बहुत अधिक रही है. केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्‍यय को बढ़ावा देने के लिए राज्‍यों की उधार लेने की सीमा को बढ़ा दिया है.

31 Jan 2023 15:06 (IST)

Economic Survey : किन कारकों से मिली अर्थव्यवस्था को मदद

Economic Survey : आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, निजी खपत में वृद्धि से उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा मिला. बेहतर टीकाकरण व्यवस्था के कारण लोग एक बार फिर रेस्तरां, होटल, सिनेमाघरों व शॉपिंग मॉल में आ पाए और आर्थिक चक्र एक बार फिर कुछ हद तक पहले की तरह चलने लगा. केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय ने भी इसमें बड़ा योगदान दिया. सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 23 के पहले आठ महीने में केंद्र का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) 63.4 फीसदी बढ़ा. सर्वे में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि के 2 मुख्य कारण निजी खपत और पूंजी संरचना ही रही है. इससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिला है जिसका सबूत कर्मचारी भविष्य निधि के पंजीकरण के रूप में देखा जा सकता है. हालांकि, प्राइवेट कंपनियों द्वारा अब खर्च को बढ़ाकर रोजगार सृजन में अब अपनी भूमिका भी निभानी होगी.

31 Jan 2023 15:00 (IST)

Economic Survey ...फिर भी खास रहा 2022

भारत के लिए साल 2022 कई मायनों में खास रहा. डॉलर के मौजूदा मापदंड के अनुसार हम दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन चुके हैं और मार्च तक खत्‍म होने वाले वित्‍तवर्ष में देश की नॉमिनल जीडीपी करीब 3.5 लाख करोड़ डॉलर होगी. इस दौरान अर्थव्‍यवस्‍था 7 फीसदी की गति से बढ़ने का अनुमान है, जो दुनिया में अन्‍य किसी भी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था वाले देश से कहीं ज्‍यादा है.

31 Jan 2023 14:52 (IST)

Economic Survey : कमजोर मुद्रा से मिली दोहरी चुनौती

भारत को सिर्फ महंगाई और महामारी से नहीं कमजोर मुद्रा जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ा. अमेरिका ने अपनी मुद्रा यानी डॉलर को मजबूत रखने के लिए लगातार ब्‍याज दरें बढ़ाई. नतीजतन भारत का आयात महंगा होने लगा और व्‍यापार घाटा भी बढ़ गया. महामारी के दौरान चालू खाते में जहां सरप्‍लस पैसा जमा था, वहीं डॉलर के आगे रुपया कमजोर होने से चालू खाते का घाटा यानी कैड भी काफी बढ़ गया. आयात वाली सभी वस्‍तुएं और सेवाएं महंगी हो गईं. हालांकि, हम इस चुनौती से भी भारत पार पा चुका है और रुपये पर भी दबाव कुछ कम हो रहा है.

31 Jan 2023 14:52 (IST)

Economic Survey : देश का पूंजीगत व्‍यय भी बढ़ा

आर्थिक सर्वे (India Economic Survey 2023) में सरकार ने बताया है देश का पूंजीगत व्‍यय भी बढ़ा. केंद्र सरकार का कैपेक्‍स जीडीपी के 1.7 प्रतिशत के दीर्घकालिक औसत से बढ़कर वित्‍त वर्ष 2022 में जीडीपी का 2.5 फीसदी हो गया है.

31 Jan 2023 14:11 (IST)

Economic Survey : राजकोषीय घाटे में आ रही है गिरावट

आर्थिक सर्वे (India Economic Survey 2023) में सरकार ने बताया है कि वित्‍तीय वर्ष 2021 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.2 फीसदी था जो वित्‍तीय वर्ष 2022 में घटकर 6.7 फीसदी रह गया. वित्‍तीय वर्ष 2023 में जीडीपी का 6.4 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है. राजकोषीय घाटे में क्रमिक गिरावट पिछले दो वर्षों में राजस्‍व संग्रह में वृद्धि और सावधानीपूर्वक किए गए राजकोषीय प्रबंधन का परिणाम है.

31 Jan 2023 14:07 (IST)

वैश्विक संकट के बावजूद विकास दर में सबसे आगे भारत

भारत सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण (India Economic Survey 2023) में कहा गया है कि 2020 के बाद दुनिया को आर्थिक स्तर पर झटकों का सामना करना पड़ा है. कई देशों पर बुरा असर पड़ा है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही. वित्त वर्ष 22 में देश की अर्थव्यवस्था ने अन्य मुल्कों से बेहतर विकास दर हासिल की.

31 Jan 2023 14:05 (IST)

Economic Survey 2023: महंगाई और महामारी से उबर रहा भारत, मंदी से कोसों दूर

आर्थिक सर्वे (India Economic Survey 2023) में भारत सरकार ने बताया है कि अर्थव्‍यवस्‍था अभी कोविड-19 की महामारी से उबर ही रही थी कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से नया संकट सामने आ गया. पहले महामारी और अब महंगाई ने आ घेरा, लेकिन कुशल प्रबंधन और सही रणनीति से हम इससे पार पाने में कामयाब रहे और अब भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था मंदी से कोसों दूर दिख रही है.

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31 Jan 2023 14:03 (IST)

भारत ने अपने आर्थिक मुद्दों को बेहतर तरीके से संभाला : जयंत सिन्हा

Economic Survey 2023: आर्थिक सर्वे पर बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने कहा, “6.5 फीसदी की विकास दर कम नहीं है. तमाम वैश्विक संकटों के वावजूद भारत ने अपने आर्थिक मुद्दों को बेहतर ढंग से संभाला.”

31 Jan 2023 14:00 (IST)

देश के सकल कर राजस्‍व में 15.5 फीसदी की वृद्धि

Economic Survey 2023 : अप्रैल से नवंबर 2022 तक देश के सकल कर राजस्‍व में 15.5 फीसदी का उछाल आया है. प्रत्‍यक्ष करों और जीएसटी संग्रहण में वृद्धि होने से सकल कर राजस्‍व बढा है. अप्रैल से दिसंबर 2022 तक वार्षिक आधार पर जीएसटी संग्रह में 24.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

31 Jan 2023 13:59 (IST)

Economic Survey 2023 : ...तो आएगी ऋण संवृद्धि में तेजी

सर्वे डॉक्टूमेंट में कहा गया है कि यदि वित्त वर्ष 24 में मुद्रास्फीति कम होती है और यदि लोन की वास्तिवक लागत नहीं बढ़ती है तो वित्त वर्ष 24 में ऋण संवृद्धि में तेजी आने की संभावना है.

31 Jan 2023 13:34 (IST)

Economic Survey 2023 : अनुमान से भी ज्‍यादा टैक्‍स मिला

वित्‍तमंत्री ने बताया कि इस साल हमें बजट में लगाए गए अनुमान से भी कहीं ज्‍यादा टैक्‍स मिला है. NHAI InvIT ने विदेशी और भारतीय निवेशकों से 10,200 करोड़ रुपये जुटा लिए. हमारा फोकस विनिवेश पर भी है, लेकिन इसमें बाहरी कारक भी बड़ी भूमिका निभाते हैं.

31 Jan 2023 13:31 (IST)

Economic Survey 2023 : फार्मा सेक्‍टर में बढ़ा एफडीआई

 

वित्‍तमंत्री ने बताया कि एफडीआई नी‍तियों में बदलाव के बाद फार्मा सेक्‍टर को अब तक करीब 20 अरब डॉलर का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश मिला है. सितंबर, 2022 तक देखें तो पिछले पांच साल में फार्मा सेक्‍टर में एफडीआई चार गुना बढ़ गया है.

 

31 Jan 2023 13:25 (IST)

Economic Survey 2023 : सड़क निर्माण पर 1.49 लाख करोड़ खर्च

वित्‍तमंत्री ने बताया कि सड़क निर्माण पर सरकार ने चालू वित्‍तवर्ष में अपना खर्च दोगुना से भी अधिक कर दिया है. इस दौरान कुल 1.49 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं. यह पिछले वित्‍तवर्ष से 109 फीसदी ज्‍यादा है.

31 Jan 2023 13:24 (IST)

Economic Survey 2023 : महंगाई काबू में आते ही बढ़ेगी विकास दर : सीतारमण

वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले वित्‍तवर्ष में जैसे ही महंगाई नीचे आएगी, विकास दर को और बढ़ाने में मदद मिलेगी. स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र पर सरकार का खर्च जीडीपी का 2.3 फीसदी पहुंच चुका है.

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राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार सुबह संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया. उन्‍होंने कहा कि भारत को पंगु बनाने वाली नीतियां अब बदल चुकी हैं. नई नीतियों से हमारा देश मजबूत बन रहा है. यही कारण है कि भारत अब मदद लेने वाला नहीं बल्कि मदद करने वाला देश बन रहा है. महामारी के दौरान पूरी दुनिया को टीका उपलब्‍ध कराकर अपने न सिर्फ अपनी काबिलियत दिखाई, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया कि साथ चलकर ही सतत विकास का लक्ष्‍य हासिल किया जा सकता है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अनुमान लगाया है कि वित्‍तवर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 6 फीसदी से लेकर 6.8 फीसदी तक रह सकती है. यह बीते तीन साल में सबसे सुस्‍त विकास दर होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था कोविड-19 महामारी के बाद तेजी से उबर रही थी, लेकिन रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से दोबारा दबाव में आ गई. ग्‍लोबल मार्केट में सप्‍लाई पर असर पड़ा तो महंगाई बेतहाशा भागने लगी और भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था भी इसकी चपेट में आ गई.

रिजर्व बैंक को बदलनी पड़ी रणनीति
रॉयटर्स ने बताया कि महंगाई की मार महामारी से भी ज्‍यादा घातक साबित हो रही है, क्‍योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड के दौरान जो राहतें दीं थी, उसे महंगाई के दबाव में वापस लेना पड़ा. आरबीआई ने 2022-23 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान 6.8 फीसदी रखा था, लेकिन आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में इस अनुमान को बढ़ाए जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं अगले वित्‍तवर्ष के लिए भी खुदरा महंगाई की दर का अनुमान ज्‍यादा रह सकता है.

आरबीआई ने महंगाई के दबाव में रेपो रेट बढ़ाया
महंगाई का दबाव किस कदर दिखा इसकी बानगी रिजर्व बैंक के फैसलों से दिखाई देती है. आरबीआई ने इस साल मई से अब तक महंगाई को थामने के लिए रेपो रेट में 5 बार बढ़ोतरी की है. इस दौरान ब्‍याज दर 2.25 फीसदी बढ़ गई, जिससे कर्ज महंगा हो गया. हालांकि, महंगाई को कुछ हद तक थामने में सफलता मिल गई है.

विकास दर पर होगी सबसे ज्‍यादा नजर
आज जारी होने वाले आर्थिक सर्वे में सबसे ज्‍यादा निगाह अगले साल की विकास दर को लेकर सरकार के अनुमानों पर रहेगी. वित्‍तवर्ष 2021-22 में जारी इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में वित्‍तवर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 8 फीसदी से लेकर 8.5 फीसदी तक लगाया गया था, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से इस अनुमान तक पहुंच पाना काफी मुश्किल लग रहा है. फिलहाल सरकार ने 7 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया है.

इसके अलावा रिजर्व बैंक ने अगले वित्‍तवर्ष के लिए भारत की विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों का दावा है कि मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए भारत की विकास दर गिरकर 5.1 फीसदी तक जा सकती है. आज जारी होने वाले आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में सरकार भी अपना अनुमान सामने रखेगी.

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