नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमोडिटी और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर दिखने लगा है. ऊंची कीमतों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को मार्च 2022 में झटका लगा है. इस महीने आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई है. इसका असर औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों पर पड़ने की पूरी आशंका है.
आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन मार्च में धीमा पड़कर 4.3 फीसदी पर आ गया. एक साल पहले इसी महीने इसमें 12.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. यह फरवरी 2022 के मुकाबले भी कम है. फरवरी में इन उद्योगों की विकास दर 6 फीसदी रही थी.
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5 बुनियादी उद्योगों में आई गिरावट
वाणिज्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 8 प्रमुख बुनियादी उद्योगों में से 5 की वृद्धि दर में फरवरी के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई. जबकि तीन की वृद्धि दर फरवरी की तुलना में ज्यादा रही. आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र शामिल हैं. जिन पांच उद्योगों में फरवरी के मुकाबले ग्रोथ धीमी रही उनमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात उद्योग शामिल हैं.
कोयला क्षेत्र में सबसे ज्यादा गिरावट
मार्च 2022 में कोयला उद्योग की ग्रोथ रेट माइनस 0.1 फीसदी रही जो फरवरी 2022 में 6.8 फीसदी थी. इसी तरह कच्चे तेल का उत्पादन दर गिरकर शून्य से 3.4 फीसदी नीचे चला गया. फरवरी में भी इसमें गिरावट आई थी और यह शून्य से 2.2 फीसदी नीचे रहा था. प्राकृतिक गैस क्षेत्र की वृद्धि दर 12.5 फीसदी से घटकर 7.6 फीसदी पर आ गई. रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि दर 6.2 फीसदी रही जो एक महीने पहले फरवरी में 8.8 फीसदी रही थी. इस्पात उद्योग की वृद्धि दर 5.9 फीसदी से घटकर 3.7 फीसदी रह गई.
तीन उद्योगों में बढ़ोतरी
फर्टिलाइजर्स, सीमेंट और बिजली उद्योगों की वृद्धि दर मार्च में बढ़ी है. फर्टिलाइजर्स उद्योग की विकास दर में सबसे ज्यादा तेजी आई है और यह 15.3 फीसदी पर पहुंच गई. फरवरी में इस उद्योग की विकास दर शून्य से 1.4 फीसदी नीचे रही थी. मार्च में सीमेंट और बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमशः 8.8 फीसदी और 4.9 फीसदी रही.
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आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 10.4 प्रतिशत रही. जबकि एक साल पहले 2020-21 में इसमें 6.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी. मार्च के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. औद्योगिक उत्पादन में इन आठ बुनियादी उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 फीसदी है. मार्च के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े 12 मई को जारी किए जाएंगे.
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