चुनावी बॉन्ड की शुरुआत साल 2018 में हुई थी. (फोटो- मनीकंट्रोल )
नई दिल्ली. कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) से पहले सरकार ने शुक्रवार को राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए इस्तेमाल होने वाले इलेक्टोरल या चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) की 26वीं किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी. इसकी बिक्री 3 अप्रैल, 2023 से शुरू होगी.
कर्नाटक में 10 मई को मतदान होगा. चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार मतों की गिनती 13 मई को होगी. बता दें कि राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉन्ड को पेश किया गया है.
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स्टेट बैंक के इन ब्रांच से खरीद सकते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बिक्री के 26वें चरण में 3 से 12 अप्रैल तक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है. चुनावी बॉन्ड का पिछला चरण (25वीं खेप) 19-28 जनवरी, 2023 के बीच बिक्री के लिए खुला था. अधिकृत एसबीआई शाखाओं में बेंगलुरु, लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई शामिल हैं. एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने वाला इकलौता अधिकृत बैंक है.
1-10 मार्च, 2018 में की गई थी इलेक्टोरल बॉन्ड की पहली किस्त की बिक्री
राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए नकदी के विकल्प के तौर पर इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने की व्यवस्था लागू की गई. बॉन्ड को कोई भी भारतीय नागरिक या भारत में स्थापित कंपनी खरीद सकती है. इलेक्टोरल बॉन्ड की पहली किस्त की बिक्री 1-10 मार्च, 2018 में की गई थी.
क्या होते हैं इलेक्टोरल बॉन्ड
मोदी सरकार ने 2018 में राजनीतिक दलों की ओर से फंड जुटाने के लिए बॉन्ड जारी किया था, जिसे चुनावी बॉन्ड कहा जाता है. सरकार ने इस दावे के साथ इसकी शुरुआत की थी कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी. आप इस बॉन्ड के जरिए अपनी पसंद की पार्टी को चंदा दे सकते हैं. इसमें व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं ये बॉन्ड खरीद सकते हैं और राजनीतिक पार्टियां इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते हैं. बैंक चुनावी बॉन्ड उसी ग्राहक को बेचते हैं, जिनका केवाईसी वेरिफाइड होगा. बॉन्ड पर चंदा देने वाले का नाम नहीं होता और इसे गुप्त रखा जाता है.
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