नई दिल्ली. सरकार बजट 2022 (Budget 2022) की तैयारियों में जोरशोर से जुटी है. अन्य उद्योगों के साथ ऑटो इंडस्ट्री (Auto Industry) को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट में सरकार महामारी से प्रभावित ऑटो इंडस्ट्री का टैक्स छूट (Tax Rebates) से लेकर जीएसटी और अन्य मोर्चों पर राहत दे सकती है. लेकिन इस बार ज्यादा जोर इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) पर रह सकता है.
दरअसल, सरकार ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में फेम-2 (FAME-2) नीति के तहत सब्सिडी और टैक्स छूट दे सकती है. ई-वाहन इंडस्ट्री का कहना है कि वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण उपभोक्ता मांग को बनाए रखने और ई-वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए फेम-2 सब्सिडी को साल 2023 से भी आगे जारी रख सकती हैं. अगर ऐसा होता है तो अगले एक साल में इस सेगमेंट में काफी अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है.
फेम-2 को 2023 के बाद भी जारी रखने की जरूरत
एथर एनर्जी (Ather Energy) के को-फाउंडर एवं सीई तरुण मेहता का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में बढ़ोतरी जारी है क्योंकि ग्राहकों को फेम-2 के तहत दी जा रही सब्सिडी और टैक्स छूट का लाभ मिल रहा है. ऐसे में मांग बनाए रखने के लिए सरकार को फेम-2 सब्सिडी को साल 2023 से भी आगे जारी रखना चाहिए.
ज्यादा कंपनियों को पीएलआई के दायरे में लाए सरकार
भारतीय टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर्स (Indian Two Wheeler Manufacturers) का कहना है कि सरकार को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के दायरे में ज्यादा कंपनियों को लाने पर विचार करना चाहिए. हीरो इलेक्ट्रिक (Hero Electric) के मैनेजिंग डायरेक्टर नवीन मुंजाल का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग एवं मांग को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने नीतिगत तौर पर बेहतर काम किया है. जहां तक पीएलआई योजना का सवाल है तो सरकार को इसका दायरा बढ़ाते हुए इसमें अन्य ईवी निर्माताओं को शामिल करना चाहिए.
विकास और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावा
तरुण मेहता ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन परिवेश में स्टार्टअप कंपनियों की अधिकता है. वे सामने आकर ईवी क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन उनमें अधिकांश पीएलआई योजना के लिए अयोग्य हैं. इस योजना को अधिक समावेशी बनाने की आवश्यकता है क्योंकि इससे स्टार्टअप उद्योग के लिए नए अधिक अवसर खोलने में मदद मिलेगी. इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में विकास और इनेवोशन को बढ़ावा मिलेगा.
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने पर मिले प्रोत्साहन
उन्होंने कहा कि तेजी से ईवी अपनाने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (Charging Infrastructure) का विकास करना जरूरी है. सभी मौजूदा, आगामी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में अनिवार्य रूप से ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना सुनिश्चित करने की जबरदस्त आवश्यकता है. इसके लिए सरकार को ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान देना होगा.
2021 में 15 साल के बराबर खरीदे ई-वाहन
सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल के मुताबिक, भारतीय ग्राहक अब ई-वाहन की महत्ता समझने लगे हैं. यही वजह है कि लोगों ने 2021 में पिछले साल 15 के बराबर ई-वाहन खरीदे हैं. इसका मतलब है कि लोगों ने पिछले 15 साल में जितने ई-वाहन खरीदे थे, उतना एक साल यानी 2021 में ही खरीद लिया. यह आंकड़े बताता है कि भारतीय ग्राहकों में ई-वाहन के प्रति जागरुकता बढ़ी है. पिछले साल कुल 2.34 इलेक्ट्रिक टू व्हीलर बिके, जो 2020 से दोगुना ज्यादा है.
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