इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना महंगा हो सकता है. (canva)
नई दिल्ली. ग्लोबल स्तर पर बैटरी सेल की लागत में आई उछाल की वजह से इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बनाने वाली कंपनियों पर वित्तीय दबाव पड़ रहा है. इसकी वजह से कंपनियां अगले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कीमतों में लगभग 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है. इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) का कहना है कि वह जनवरी में टियागो ईवी की कीमतों में 30-35 हजार रुपये की बढ़ोतरी करेगी.
देश भर में बिजली से चलने वाले दोपहिया वाहनों में आग लगने के मामलों के बढ़ने के कारण सरकार ने सख्त बैटरी सुरक्षा मानदंड निर्धारित करने से पहले जांच तेज कर दी है. अब दो चरणों में बैटरी मानदंडों से न केवल बैटरी सुरक्षा में सुधार होने की उम्मीद है बल्कि उनकी खरीद की लागत में भी बढ़ोतरी होगी.
सरकार ईवी की बैटरी सुरक्षा पर दे रही जोर
ईवी में इस्तेमाल होने वाली बैटरी के लिए सरकार ने दो चरणों में नए मानदंड लागू कर रही है. इसके पहले चरण के तहत एआईएस 038 नामक मानदंड 1 दिसंबर, 2022 से लागू हुआ, जबकि दूसरा चरण 31 मार्च, 2023 से लागू होगा. इससे बैटरी की लागत पहले की तुलना में बढ़ जाएगी. ऐसे में कंपनियों को डर है कि कीमतों के बढ़ने से वाहनों की खरीदारी पर प्रभाव पड़ सकता है. वहीं बैटरी के लिए नए मानदंड नए डिजाइन की शुरूआत करेंगे जो बेहतर थर्मल प्रबंधन और बेहतर बैटरी प्रबंधन प्रणाली और चार्जर के साथ बैटरी को ज्यादा सुरक्षा प्रदान करेंगे.
पिछले साल की तुलना में तीन गुना हुई ईवी की मांग
आधिकारिक पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में ईवी की बिक्री अब तक 2021 की तुलना में तीन गुना हो गई है. 2021 में लगभग 322,000 के मुकाबले 2022 में लगभग 969,000 ईवी बेचे गए हैं. वहीं 2021 की तुलना में इस साल इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 167 फीसदी बढ़कर 31,900 यूनिट हो गई है. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री 2021 में बेची गई डेढ़ लाख यूनिट की तुलना में इस साल चार गुना बढ़कर 6 लाख यूनिट हो गई है.
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