केंद्र सरकार ने 2000 रुपये के नोटों को लेकर दी बड़ी जानकारी
नई दिल्ली. अगर आप प्रोविडेंट फंड (PF) में एक साल में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का योगदान करते हैं तो आपको इसके ब्याज पर सालाना टैक्स कटौती के लिए तैयार रहना चाहिए. इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि टैक्स फ्री तक की लिमिट वाले अकाउंट को अलग से मेंटेन किया जाए. दरअसल, इस बार के बजट (Budget 2021) में सरकार ने प्रस्ताव पेश किया है कि सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा पीएफ योगदान करने वालों के ब्याज पर टैक्स लगाया जाएगा, लेकिन सरकार ने ऐलान के दौरान यह भी कहा कि इसके डिटेल पर अभी काम किया जाएगा. टैक्स जानकारों का कहना है कि यह प्रक्रिया थोड़ी जटिल होने वाली है. अगर विड्रॉल के समय पूरा टैक्स वसूला जाता है तो कर्मचारियों को अलग से अकाउंट मेंटेन करना पड़ सकता है.
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के योगदान करने वालों के लिए सरकार दो अकाउंट मेंटेन करने पर विचार कर रही है. पहले अकाउंट में 2.5 लाख रुपये तक के योगदान की जानकारी होगी, जबकि दूसरे अकाउंट में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के योगदान पर ब्याज से हुई इनकम के बारे में जानकारी होगी. माना जा रहा है कि ऐसा करने से जटिल अकाउंटिंग नियमों से बचने में सहूलियत मिलेगी.
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नये प्रस्ताव में फंस सकता है टैक्स गणित का मसला
इस बात की भी चिंता है कि टैक्स फ्री लेवल से ज्यादा की रकम पर ब्याज की कमाई सालाना तौर पर होगी या विड्रॉल के समय इसे दिया जाएगा? नये प्रस्ताव की गणित में एक समस्या यह भी है कि विड्रॉल के समय पर कर्मचारी का इनकम इतना ज्यादा बढ़ सकता है कि उन्हें उच्च टैक्स ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स देना पड़ सकता है. कुछ मामले में तो कर्मचारी ‘सुपर रिच’ की कैटेगरी में आ जाएंगे और उन्हें 42 फीसदी से ज्यादा टैक्स देना पड़ जाएगा.
टीडीएस को लेकर भी स्पष्टता जरूरी
सरकार को यह भी स्पष्ट करना है कि टीडीएस कौन काटेगा. ब्याज से होने वाली कमाई पर प्रस्तावित टैक्स को अन्य स्त्रोतों से होने वाली कमाई माना जाएगा. ऐसे में क्या नियोक्ता की ओर से टीडीएस काटा जाएगा या सेक्शन 194ए लागू होगा. इस पर भी स्पष्टता की जरूरत है.
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प्रोविडेंट फंड पर इस ऐलान को लेकर सभी की निगाहें अब सरकार पर हैं. दरअसल, मिडिल-क्लास के श्रेणी में आने वाले कई कर्मचारी वालेंटरी पीएफ योगदान करते हैं, जिसकी वजह से पीएफ अकाउंट में उनका सालाना योगदान 2.5 लाख रुपये से अधिक हो जाता है. हालांकि, सरकार का मानना है कि उसे इस कदम से उच्च नेट वर्थ वाले लोगों पर असर पड़ेगा. हाल ही में जारी एक आंकड़े से पता चला है कि एक व्यक्ति ऐसा भी है जिसका पीएफ बैलेंस 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हे. जबकि, दो लोगों का पीएफ बैलेंस 80 करोड़ रुपये से ज्यादा था.
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