नई दिल्ली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने नौकरियों के मोर्चे पर महिलाओं और युवाओं की चिंता बढ़ा दी है. इन्हें न सिर्फ नई नौकरी ढूंढने में दिक्कतें आ रही हैं बल्कि अनुभव और प्रोफेशनल कनेक्शन के बिना मौजूदा नौकरी में बने रहना मुश्किल हो रहा है. लिंक्डइन वर्कफोर्स कॉन्फिडेंस इंडेक्स (LinkedIn Workforce Confidence Index) की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने युवाओं में अनुभव और कनेक्शन की अहमियत ज्यादा बढ़ा दी है. इसके बिना पुराने और अनुभवी साथियों के मुकाबले करियर को लेकर उनकी चिंता दोगुनी बढ़ गई है.
नौकरियों की कमी को लेकर कौन कितना है परेशान
लिंक्डइन की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 30 फीसदी जेनरेशन जेड (1997 के बाद जन्मे) प्रोफेशनल्स, 26 फीसदी मिलेनियल (1981 से 1996 के बीच पैदा हुए) और 18 फीसदी बेबी बूमर्स (1946 से 1964 के बीच जन्मे) नौकरियों की कमी को लेकर परेशान हैं. इसके अलावा नए ग्रेजुएट्स के लिए नौकरी ढूंढने का औसत समय कोविड-19 से पहले यानी 2019 के मुकाबले 2020 में 43 फीसदी (2 से 2.8 महीने) बढ़ गया है. 8 मई से 4 जून 2021 के बीच किया गया यह सर्वे 1,891 प्रोफेशनल्स से बातचीत पर आधारित है. नौकरी ढूंढने के साथ पैसे जुटाने की बात की जाए तो बूमर्स के मुकाबले युवाओं में अनिश्चितता ज्यादा है. हर चार में एक जेनरेशन जेड (23 फीसदी) और 24 फीसदी मिलेनियल में अपने कर्ज या बढ़ते खर्चों को लेकर चिंता बढ़ गई है. बूमर्स के मामले में यह आंकड़ा 13 फीसदी है.
ये भी पढ़ें-
केंद्र सरकार की इस योजना में हर महीने मिलेंगे 5000 रुपये, जानें कैसे उठाएं फायदा
कर्ज या खर्च को लेकर महिलाएं हैं ज्यादा परेशान
कामकाजी महिलाओं के मामले में कर्ज या बढ़ते खर्चों को लेकर 23 फीसदी प्रोफेशनल्स परेशान हैं, जबकि कामकाजी पुरुषों के मामले में आंकड़ा 13 फीसदी है. सर्वे में कहा गया है कि दूसरी लहर ने नौकरियों के मोर्चे पर महिलाओं के लिए ज्यादा असंतोष पैदा कर दिया है. कामकाजी पुरुषों के मुकाबले दोगुनी ज्यादा कामकाजी महिलाएं नौकरी की उपलब्धता और ढूंढने में लगने वाले समय को लेकर परेशान हैं. यही वजह है कि महिला पेशेवरों का व्यक्तिगत भरोसा सूचकांक (ICI) मार्च के +57 से घटकर जून की शुरुआत में +49 रह गया, जो कामकाजी पुरुषों के मुकाबले चार गुना कम है. कामकाजी पुरुषों का आईसीआई भी मार्च के +58 से घटकर +56 रह गया है. लिंक्डइन इंडिया के कंट्री मैनेजर अरशुतोष गुप्ता ने कहा कि मामूली सुधार के बाद भी कामकाजी महिलाओं और युवा पेशेवरों में आत्मविश्वास का स्तर सबसे कम है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Employment opportunities, Job insecurity, Job loss, Job opportunity
FIRST PUBLISHED : June 23, 2021, 08:18 IST