नई दिल्ली. निजी क्षेत्र में काम करने वाले काफी लोग जल्दी-जल्दी एक कंपनी छोड़कर दूसरी कंपनी में नौकरी ज्वाइन कर लेते हैं. मौजूदा दौर में काफी लोगों की नौकरी छूट गई और उन्हें दूसरी जॉब भी नहीं मिल पाई है. कुछ लोग सेवानिवृत्ति के समय से पहले ही नौकरी छोड़ देते हैं. ऐसे किसी भी परिस्थिति में आपको अपने एम्प्लॉय प्रॉविडेंट फंड (EPF) को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, नहीं तो आपको दोहरा नुकसान उठाना पड़ सकता है. दरअसल, नौकरी छोड़ने के बाद अगर आप अपने ईपीएफ अकाउंट में कोई ट्रांजेक्शन नहीं करते हैं तो निश्चित समय तक ही ये एक्टिव रहता है. वहीं, इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्सेबल इनकम में तब्दील हो जाता है.
निष्क्रिय ईपीएफ अकाउंट पर कब तक मिलेगा ब्याज?
नौकरी छोड़ने वाले ज्यादातर लोगों को लगता है कि उनके पीएफ अकाउंट में जमा रकम पर ब्याज मिलता रहेगा और पूंजी बढ़ती रहेगी. दरअसल, ऐसा तय अवधि तक ही होता है. बता दें कि नौकरी छोड़ने के बाद पहले 36 महीने तक कोई सहयोग राशि (Contribution) जमा नहीं होने पर ईपीएफ अकाउंट निष्क्रिय खाते (In Operative Account) की श्रेणी में डाल दिया जाता है. ऐसे में आपको अपना खाता एक्टिव रखने के लिए कुछ रकम 3 साल से पहले निकाल लेनी चाहिए.
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पीएफ अकाउंट कब तक नहीं किया जाएगा निष्क्रिय?
मौजूदा नियमों के तहत अगर कर्मचारी 55 साल की उम्र में रिटायर (Retirement) होता है और उसके 36 महीने के भीतर जमा रकम निकालने के लिए आवेदन नहीं करता है तो पीएफ अकाउंट निष्क्रिय हो जाएगा. आसान शब्दों में समझें तो कंपनी छोड़ने के बाद भी पीएफ अकाउंट पर ब्याज मिलता रहेगा और 55 साल की उम्र तक निष्क्रिय नहीं होगा.
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PF की रकम पर मिले ब्याज पर कब से लगेगा टैक्स?
नियमों के मुताबिक, सहयोगी राशि जमा नहीं करने पर पीएफ अकाउंट निष्क्रिय नहीं होता है. हालांकि, इस दौरान मिले ब्याज पर टैक्स (Tax on Interest Income) लगता है. पीएफ खाते के 7 साल तक निष्क्रिय रहने के बाद भी क्लेम नहीं किया तो रकम सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड (SCWF) में चली जाती है. बता दें कि ईपीएफ और एमपी एक्ट, 1952 की धारा-17 के जरिये छूट पाने वाले ट्रस्ट भी सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड के नियमों के दायरे में आते हैं. इन्हें भी खाते की रकम को वेलफेयर फंड में ट्रांसफर करना होता है.
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वेलफेयर फंड में ट्रांसफर रकम पर कब तक कर सकते हैं क्लेम?
पीएफ अकाउंट की ट्रांसफर हुई बिना क्लेम वाली रकम 25 साल तक सीनियर सिटीजंस वेलफेयर फंड में रहती है. इस दौरान पीएफ अकाउंट होल्डर रकम पर दावा कर सकता है. बता दें कि पुरानी कंपनी के पास अपने पीएफ की रकम छोड़ने का कुछ फायदा नहीं है. दरअसल, नौकरी नहीं करने की अवधि में कमाए गए ब्याज पर टैक्स लगता है. अगर आप 55 साल में रिटायर होते हैं तो खाते को निष्क्रिय न होने दें. अंतिम बैलेंस जल्द से जल्द निकाल लें. पीएफ अकाउंट 55 साल की उम्र तक निष्क्रिय नहीं होगा. फिर भी पीएफ बैलेंस को पुराने संस्थान से नए संस्थान में ट्रांसफर करना अच्छा है. इससे रिटायरमेंट पर अच्छी रकम जुट जाएगी.
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