नई दिल्ली. महामारी को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employee Provident Fund Organisation) ने अपने सब्सक्राइबर्स (Subscribers) को एक बार फिर ईपीएफओ वेबसाइट या उमंग ऐप (UMANG App) के जरिये निकासी (Withdrawal) की सुविधा दी है. इसके तहत ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स अपने खाते में जमा राशि का 75 फीसदी या तीन महीने के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते के बराबर रकम (दोनों में जो कम हो) निकाल सकते हैं.
निवेश सलाहकार (Investment Advisor) स्वीटी मनोज जैन का कहना है कि सरकार ने महामारी को देखते हुए भले ही यह सुविधा दी है, लेकिन इसका इस्तेमाल आखिरी विकल्प के रूप में ही किया जाना चाहिए. पीएफ अकाउंट (PF Account) से निकासी पर लंबी अवधि में बड़ा नुकसान हो सकता है. वह बताती हैं कि संकट की इस घड़ी में अगर अपने पीएफ अकाउंट से एक लाख रुपये निकालते हैं तो 8.50 फीसदी की सालाना ब्याज दर के हिसाब से 30 साल में आपकी रिटायरमेंट राशि (Retirement Fund) 11.55 लाख रुपये कम हो जाएगी. अकाउंट से जितनी ज्यादा निकालेंगे, रिटायरमेंट की रकम उसी हिसाब से घटती जाएगी.
ऐसे समझें निकासी का गणित
मान लीजिए, आपके खाते में 10 लाख रुपये है और आपका बेसिक वेतन 50,000 रुपये है. ऐसे में आप तीन महीने के वेतन के बराबर राशि यानी 1.5 लाख रुपये निकाल सकते हैं. अगर अकाउंट में जमा कुल रकम 2 लाख रुपये है और आपका बेसिक मासिक वेतन 51,000 रुपये है, तब भी आप 1.5 लाख रुपये ही निकाल सकते हैं. यहां तीन महीने का कुल मासिक वेतन 1.53 लाख रुपये होगा, जबकि कुल जमा यानी 2 लाख रुपये का 75 फीसदी 1.5 लाख रुपये बनेगा. इन दोनों में से जो भी कम हो, वही रकम यानी 1.5 लाख रुपये ही निकाल सकते हैं.
निकासी एक लाख तो झटका 11.55 लाख रुपये
साल नुकसान (रुपये में)
5 1,50,365.67
10 2,26,098.34
15 3,39,974.29
20 5,11,204.61
25 7,68,676.24
30 11,55,825.65
(कैलकुलेशन : सालाना 8.5 फीसदी ब्याज पर)
नुकसान से बचने को करें वॉलिंटरी योगदान
निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि कि पीएफ से निकासी समझदारी भरा फैसला नहीं है. अगर निकासी ही आखिरी विकल्प है और आप नुकसान भी नहीं उठाना चाहते हैं तो पीएफ खाते में वॉलेंटियरी (Voluntary) योगदान करना चाहिए. ऐसा करने से थोड़े समय में उस रकम की भरपाई हो जाएगी, जितनी आपने निकाली है।
…तो लंबी अवधि में होगा बड़ा नुकसान
वह बताते हैं कि पीएफ खाते से निकासी आखिरी विकल्प होना चाहिए वर्ना लंबी अवधि में बड़ा नुकसान हो सकता है. इसका असर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि पर पड़ेगा. ऐसे में बेहतर होगा कि संकट में वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए अन्य विकल्पों का चुनाव करें. मसलन, किसी जानकार से कर्ज लेना, पर्सनल लोन लेना, क्रेडिट कार्ड से निकासी, गोल्ड लोन और टॉप-अप होम लोन आदि विकल्प अपनाकर पीएफ खाते से निकासी से बच सकते हैं.
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