EPS 95 के तहत हायर पेंशन स्कीम का विकल्प चुनने के लिए 3 मार्च 2023 तक का समय है.
EPS 95 Detail : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपने खाताधारकों को हायर पेंशन (Higher Pension) पाने मौका दिया है. तमाम चर्चाओं के बीच ये चर्चा है कि ईपीसी 95 को लेने से तगड़ी पेंशन मिलेगी. यह बात बिलकुल ठीक है. ज्यादा पेंशन पाना तो अच्छा है, लेकिन इसके लिए क्या कीमत चुकानी होगी, उसे भी जान लेना चाहिए. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि आपको जो भी पेंशन मिलेगी वह आपके ही पैसे से मिलेगी. सरकार या EPFO या आपकी नियोक्ता कंपनी कोई अतिरिक्त पैसा नहीं देने वाली. इसे यूं समझिए- इस ऑप्ट करने के बाद भी उतना ही पैसा EPF अकाउंट में जाएगा, जितना पहले जाता था. उस पैसे में से आपके PF में कम, और EPS (पेंशन) में ज्यादा डालकर ही ज्यादा पेंशन (Higher Pension) देना मुमकिन किया जाएगा. इस सिंपल सी बात से यह तो साफ होता है कि ज्यादा पेंशन के लिए आपको PF में मिल सकने वाली तगड़ी एकमुश्क रकम से समझौता करना होगा. तो, हायर पेंशन का चुनाव करने से पहले आपको इसके लाभ और हानियों का आकलन कर लेना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन कर्मचारियों ने 1 सितंबर, 2014 से पहले ईपीएफ खाता (EPF Account) खुलवाया है, उन्हें हायर पेंशन के लिए ज्यादा अंशदान का विकल्प दिया जाएगा. ईपीएफओ ने जबसे हायर पेंशन को लेकर अपनी गाइडलाइन जारी की है, इस बारे में कर्मचारियों में कई तरह का संशय और सवाल उठ रहा है. ईपीएफओ ने कहा है कि जल्द ही हायर पेंशन चुनने के लिए ऑनलाइन लिंक भी जारी कर दिया जाएगा. इसके जरिये कर्मचारी हायर पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि, हमने पिछली खबर में उन सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं, जो आपके मन में हो सकते हैं. आप इस दिए गए लिंक पर जाकर अपनी सारी कन्फ्यूजन दूर कर सकते हैं – यहां . एक्सपर्ट का कहना है कि हायर पेंशन का विकल्प चुनने वाले पीएफ खाताधारकों को 5 बड़े नुकसान उठाने पड़ सकते हैं.
1- ‘उड़’ जाएगा पीएफ खाते का पैसा
नया विकल्प चुनने का सबसे बड़ा और पहला नुकसान ये होगा कि आपके ईपीएफ खाते में जमा पैसा पेंशन फंड में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इससे आपके पीएफ खाते पर मिलने वाले कंपाउंड ब्याज का लाभ भी खत्म हो जाएगा. दरअसल, हायर पेंशन के नियमों के तहत नियोक्ता की ओर से किए जाने वाले योगदान का बड़ा अमाउंट पेंशन स्कीम में डाला जाना है. इसका मतलब हुआ कि पीएफ खाते में अब तक जमा रकम का बड़ा हिस्सा निकालकर ईपीएस में डाल दिया जाएगा.
2- एकमुश्त निकासी की सुविधा नहीं
कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) में आपको एकमुश्त निकासी का विकल्प नहीं मिलता है. यह आपकी कुल जमा राशि को पेंशन के रूप में देती है. आप चाहें तो अन्य सरकारी पेंशन योजना जैसे नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में हाथ आजमा सकते हैं. यहां पर बाजार से जुड़ा रिटर्न मिलता है और आप एकमुश्त राशि भी निकाल सकते हैं. इसके अलावा यहां किया जाने वाला निवेश आपको 80सी की 1.5 लाख रुपये की छूट के अलावा 50 हजार की और टैक्स छूट दिलाता है.
3- पीएफ खाते का पूरा पैसा नहीं मिलेगा
पीएफ के मौजूदा नियमों के तहत किसी अनहोनी की स्थिति में अभी इस खाते में जमा पूरा पैसा आपके नॉमिनी (पत्नी-बच्चों) को मिल जाता है. लेकिन, ईपीएस के केस में आपके न रहने पर पत्नी को सिर्फ 50 फीसदी पेंशन मिलेगी. इसका मतलब हुआ कि अगर आपको पेंशन के रूप में 20,000 रुपये मिलते हैं तो आपकी पत्नी को 50 फीसदी यानी 10 हजार रुपये ही मिलेंगे, जबकि बच्चों को 25 फीसदी यानी 5 हजार की पेंशन आएगी.
4- जल्दी नहीं हो सकते रिटायर
ईपीएस में हायर पेंशन का चुनाव करने वालों को सबसे बड़ा नुकसान ये होगा कि उन्हें जल्दी रिटायर होने का विकल्प नहीं मिलेगा. ईपीएस योजना का लाभ तभी मिलता है, जब कर्मचारी 58 साल की उम्र तक काम करके रिटायर हुआ हो अथवा उसने 10 साल तक सर्विस कंप्लीट की हो.
5- कम ब्याज से ज्यादा नुकसान
ईपीएस योजना में आपको ब्याज भी कम मिलता है. इसका मतलब हुआ कि इस मद में जो पैसा आपने जमा किया है, उस पर रिटर्न कम मिलेगा. इसके बजाए आपको अपने पीएफ खाते पर ज्यादा ब्याज मिलता है. अभी पीएफ में जमा पैसे पर 8.10 फीसदी का सालाना ब्याज मिल रहा है.
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