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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची : रिपोर्ट

बुलेट ट्रेन की अनुमानित परिचालन लागत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हुई: रिपोर्ट

बुलेट ट्रेन की अनुमानित परिचालन लागत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हुई: रिपोर्ट

शुरुआती डेडलाइन को पार कर चुकी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत भी अब बढ़ती दिख रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इसक ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हुई.
लागत में वृद्धि का कारण कंस्ट्रक्शन मेटेरियल में तेजी और भूमि अधिग्रहण में देरी है.
बुलेट ट्रेन के परिचालन की शुरुआती डेडलाइन 2022 थी.

नई दिल्ली. देश की पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में लगने वाले अनुमानित खर्च में जोरदार उछाल आया है. 2015 में हुई एक स्टडी में मुबंई-अहमदाबाद रूट पर पहली बुलेट ट्रेन दौड़ाने में करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था. अब टीओई की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुमानित लागत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हो गई है. इस गणना में जीएसटी शामिल नहीं किया गया है. यानी यह और अधिक हो सकता है.

न्यूज18 हिंदी इस रिपोर्ट की स्वतंत्र रुप से पुष्टि नहीं करता है. रिपोर्ट की मानें तो भूमि अधिग्रहण में अनुमान से अधिक खर्च हुआ है. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन मेटेरियल जैसे, सीमेंट, स्टील व लोहे आदि की कीमत भी काफी बढ़ गई है. वहीं, नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) का कहना है कि प्रोजेक्ट के लिए नई लागत की जानकारी अभी नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण का काम और सभी कॉन्ट्रैक्ट्स पूरे होने के बाद ही इसकी घोषणा की जा सकेगी. गौरतलब है कि कोविड-19 के कारण हाई-स्पीड रेल का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

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2022 में हुई थी शुरुआत
सितंबर 2017 में शुरू हुए इस 508 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट को पूरा करने की शुरुआती डेडलाइन 2022 ही थी. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केवल दादर और नागर हवेली में ही अब तक 100 फीसदी भूमि अधिग्रहण हो सका है. प्रोजेक्ट के लिए गुजरात में भूमि अधिग्रहण का काम 98.9% और महाराष्ट्र में 73% पूरा हुआ है. केंद्र सरकार का कहना है कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में लग रहा है और यही इस प्रोजेक्ट में देरी की मुख्य वजह है.

जून में आया था रेल मंत्री का बयान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए जून में कहा था कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है जिसकी वजह से प्रोजेक्ट की लागत ऊपर जा सकती है. उन्होंने यह बात गुजरात के सूरत में कही थी.

नई डेडलाइन तय
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए नई डेडलाइन 2026 में तय की है. तब तक इसके पहले फेज में परिचालन का लक्ष्य है. इस प्रोजेक्ट का पहला फेज गुजरात में सूरत से बिलीमोरा के बीच 51 किलोमीटर का स्ट्रेच है. वहीं, सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए कोई टाइमलाइन नहीं सेट की है.

Tags: Bullet Train Project, Business news, Business news in hindi, Indian railway, Mumbai-Ahmedabad bullet train project

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