Deloitte रिपोर्ट में खुलासा- महामारी के बाद भी बड़ी संख्या में कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होम

कोरोना महामारी के चलते वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ गया है.
डेलॉयट ग्लोबल रिजिल्यंस रिपोर्ट-2021 (Deloitte’s 2021 Global Resilience Report) में कहा गया है कि साल 2020 की वजह से कर्मचारियों के कामकाज के तरीके में जो बदलाव आया है, वह टिकाऊ है.
- भाषा
- Last Updated: January 27, 2021, 11:52 PM IST
नई दिल्ली. देश के टॉप एग्जीक्यूटिव (CXOs) का मानना है कि महामारी के बाद भी उनके कर्मचारियों का एक बड़ा फीसदी ऑफिस से दूर रहकर काम (Remote Working) करेगा. यानी महामारी के बाद भी बड़ी संख्या में कर्मचारी घर से (Work From Office) या अपनी सुविधा के किसी अन्य स्थान से काम करेंगे. डेलॉयट (Deloitte) की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों ने पहले ही रिमोट से काम या लचीले कार्य के घंटों के लिए टेक्नोलॉजी में निवेश किया है. डेलॉयट ने कहा, ''भारत के टॉप एग्जीक्यूटिव का मानना है कि महामारी और लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनके कर्मचारियों का कुछ अधिक प्रतिशत दूर से ही काम करेगा. वैश्विक एग्जीक्यूटिव की तुलना में ऐसा मानने वाले भारतीय एग्जीक्यूटिव की संख्या अधिक है.''
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कर्मचारियों के कामकाज के तरीके आया है बदलावडेलॉयट की ग्लोबल रिजिल्यंस रिपोर्ट-2021 में कहा गया है कि साल 2020 की वजह से कर्मचारियों के कामकाज के तरीके में जो बदलाव आया है, वह टिकाऊ है. सर्वे में शामिल 70 फीसदी भारतीय कार्यकारियों ने कहा कि 2020 उनके लिए बिरला घटनाक्रम नहीं है और उनका मानना है कि आगे चलकर उन्हें कभी-कभी या नियमित आधार पर इस तरह कर बदलाव देखना होगा. वैश्विक स्तर पर ऐसा मानने वाले कार्यकारियों की संख्या 62 फीसदी है.
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रचनात्मक तरीके से सोचने को मजबूर
डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी के भागीदार जॉयदीप दत्ता ने कहा कि 2020 के साल ने भारत और शेष दुनिया के संगठनों को बदलाव वाले माहौल के बीच रचनात्मक तरीके से सोचने को मजबूर किया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों ने पहले ही रिमोट से काम या लचीले कार्य के घंटों के लिए टेक्नोलॉजी में निवेश किया है. डेलॉयट ने कहा, ''भारत के टॉप एग्जीक्यूटिव का मानना है कि महामारी और लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनके कर्मचारियों का कुछ अधिक प्रतिशत दूर से ही काम करेगा. वैश्विक एग्जीक्यूटिव की तुलना में ऐसा मानने वाले भारतीय एग्जीक्यूटिव की संख्या अधिक है.''
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कर्मचारियों के कामकाज के तरीके आया है बदलावडेलॉयट की ग्लोबल रिजिल्यंस रिपोर्ट-2021 में कहा गया है कि साल 2020 की वजह से कर्मचारियों के कामकाज के तरीके में जो बदलाव आया है, वह टिकाऊ है. सर्वे में शामिल 70 फीसदी भारतीय कार्यकारियों ने कहा कि 2020 उनके लिए बिरला घटनाक्रम नहीं है और उनका मानना है कि आगे चलकर उन्हें कभी-कभी या नियमित आधार पर इस तरह कर बदलाव देखना होगा. वैश्विक स्तर पर ऐसा मानने वाले कार्यकारियों की संख्या 62 फीसदी है.
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रचनात्मक तरीके से सोचने को मजबूर
डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी के भागीदार जॉयदीप दत्ता ने कहा कि 2020 के साल ने भारत और शेष दुनिया के संगठनों को बदलाव वाले माहौल के बीच रचनात्मक तरीके से सोचने को मजबूर किया.