Farmers Protest: किसान आंदोलन के बीच सरकार ने MSP पर खरीदा 60 हजार करोड़ रु से अधिक का धान

सरकार ने 318 लाख टन धान की खरीद की
किसान आंदोलन के बीच सरकार ने इस सत्र में 30 नवंबर तक 318 लाख टन धान की खरीद की है. यह पिछले साल की समान अवधि के 268.15 लाख टन से 18.58 प्रतिशत अधिक है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 2, 2020, 2:56 PM IST
नई दिल्ली. किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच सरकार ने मंगलवार को कहा कि चालू खरीफ विपणन सत्र के दौरान उसने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अब तक 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर 318 लाख टन धान की खरीद की है. यह पिछले साल की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है. सरकार ने कहा कि चालू खरीफ विपणन सत्र में मौजूदा योजनाओं के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीफ फसलों की खरीद जारी रहेगी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र में धान की खरीद सुचारू रूप से जारी है.
पिछले साल से 18.58% अधिक
सरकार ने इस सत्र में 30 नवंबर तक 318 लाख टन धान की खरीद की है. यह पिछले साल की समान अवधि के 268.15 लाख टन से 18.58 प्रतिशत अधिक है. बयान में कहा गया कि लगभग 29.70 लाख किसानों को पहले से ही 60,038.68 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ चल रहे खरीफ विपणन सत्र के खरीद कार्यों से लाभान्वित किया गया है.’ 318 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.77 लाख टन का योगदान दिया है, जो कुल खरीद का 63.76 प्रतिशत है.
ये भी पढ़ें : Farmers Protest Live: सिंघु बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत, कुछ देर में कृषि कानूनों पर सरकार को देंगे आपत्तियां
कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान
कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान अबतक अपनी जंग लड़ रहे हैं. पिछले करीब एक हफ्ते से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए हैं. केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बीते दिन जो बातचीत हुई, उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. इस वजह से किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जबतक कि ये कानून वापस नहीं हो जाते हैं.

6 दिनों से जारी है किसान आंदोलन
बता दें कि मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान 6 दिनों से आंदोलनरत हैं. मंगलवार को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत हुई, जो बेनतीजा रही. दोपहर 3 बजे शुरू हुई ये बैठक करीब 7 बजे खत्म हुई. सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे. किसान नेता चंदा सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम सरकार से कुछ तो जरूर वापस लेंगे, चाहे वो बुलेट हो या शांतिपूर्ण समाधान. अब सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी. इस बीच आज किसान दिल्ली कूच करने वाले हैं. आज पंजाब और हरियाणा से भी ट्रैक्टर रवाना होंगे. इस बीच पुलिस ने दिल्ली नोएडा का चिल्ला बॉर्डर बंद कर दिया है.
पिछले साल से 18.58% अधिक
सरकार ने इस सत्र में 30 नवंबर तक 318 लाख टन धान की खरीद की है. यह पिछले साल की समान अवधि के 268.15 लाख टन से 18.58 प्रतिशत अधिक है. बयान में कहा गया कि लगभग 29.70 लाख किसानों को पहले से ही 60,038.68 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ चल रहे खरीफ विपणन सत्र के खरीद कार्यों से लाभान्वित किया गया है.’ 318 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.77 लाख टन का योगदान दिया है, जो कुल खरीद का 63.76 प्रतिशत है.
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कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान
कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान अबतक अपनी जंग लड़ रहे हैं. पिछले करीब एक हफ्ते से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए हैं. केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बीते दिन जो बातचीत हुई, उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. इस वजह से किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जबतक कि ये कानून वापस नहीं हो जाते हैं.
6 दिनों से जारी है किसान आंदोलन
बता दें कि मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान 6 दिनों से आंदोलनरत हैं. मंगलवार को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत हुई, जो बेनतीजा रही. दोपहर 3 बजे शुरू हुई ये बैठक करीब 7 बजे खत्म हुई. सरकार ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे. किसान नेता चंदा सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम सरकार से कुछ तो जरूर वापस लेंगे, चाहे वो बुलेट हो या शांतिपूर्ण समाधान. अब सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी. इस बीच आज किसान दिल्ली कूच करने वाले हैं. आज पंजाब और हरियाणा से भी ट्रैक्टर रवाना होंगे. इस बीच पुलिस ने दिल्ली नोएडा का चिल्ला बॉर्डर बंद कर दिया है.