FASTag से सालाना होगा 12000 करोड़ का फायदा, स्कैन नहीं होने पर टोल होगा फ्री
News18Hindi Updated: November 29, 2019, 1:12 PM IST

अगर टोल प्लाजा का स्कैनर फास्टैग स्कैन नहीं कर पाया तो ऐसी स्थिति में आपको एक भी पैसा टोल के लिए नहीं देना होगा.
नेशनल हाइवे के सभी टोल प्लाजा पर अब टोल वसूलने के लिए फास्टैग (Fastag) अनिवार्य कर दिया गया हैं. इस कदम से सालाना 12 हजार करोड़ रुपये (Fastag save 12000 crore/year) की बचत (फ्यूल और मैन आवर्स के तौर पर) होगी.
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- Last Updated: November 29, 2019, 1:12 PM IST
नई दिल्ली. नेशनल हाइवे के सभी टोल प्लाजा पर अब टोल वसूलने के लिए फास्टैग (Fastag) को अनिवार्य कर दिया गया. इस कदम से भारत को सालाना 12000 करोड़ रुपये (Fastag save 12000 crore/year) की बचत (फ्यूल और मैन आवर्स के तौर पर) होगी. वहीं, किसी टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर स्कैनर में कोई खराबी आ जाती है और वो आपका फास्टैग स्कैन नहीं कर पा रहा है तो इसके लिए वाहन चालक जिम्मेदार नहीं होगा. इस स्थिति में कार मालिक को कोई पैसा नहीं चुकाना होगा और वह फ्री में टोल से गुजर सकेगा. आपको बता दें कि सरकार ने 1 दिसंबर से फास्टैग को देशभर में अनिवार्य कर दिया है. इसके लागू होने के बाद फास्टैग के बिना अगर कोई भी वाहन “फास्टैग लेन” में प्रवेश कर रहा है, तो उसे दोगुना टोल टैक्स देना पड़ेगा.
हर साल होगी करोड़ों की बचत- IIT से पढ़े छात्रों ने बुल्सआई टेक्नोलॉजी ( BullEye Technologies ) नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया है. इस स्टार्टअप की रिपोर्ट के मुताबिक, फास्टैग के इस्तेमाल से सालाना देश को 12 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी.
इस बचत को आम लोगों के काम करने के घंटे और फ्यूल कॉस्ट से जोड़ा गया है. मतलब साफ है कि फास्टैग लगने के बाद टोल प्लाजा पर वाहन नहीं रुकेंगे. ऐसे में आम लोगों का टाइम भी बचेगा और फ्यूल पर होने वाला खर्च भी कम हो जाएगा.
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राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) कार्यक्रम को देशभर में लागू किया गया ताकि बाधाओं को खत्म करके यातायात को सुगम और शुल्क संग्रह को आसान बनाया जा सके. यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की प्रमुख पहल है.सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बयान में कहा, ''70 लाख से ज्यादा फास्टैग जारी किए गए हैं. 26 नवबंर 2019 (मंगलवार) को एक दिन में सबसे ज्यादा 1,35,583 टैग जारी किए गए. इससे पहले एक दिन से सबसे ज्यादा 1.03 लाख टैग जारी किए गए थे.''
फास्टैग जारी करने में रोजाना आधार पर औसतन 330 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. यह आंकड़ा जुलाई में 8,000 से बढ़कर नवबंर में 35,000 टैग हो गया. बयान में कहा गया है कि फास्टैग को 21 नवबंर को मुफ्त किए जाने के बाद फास्टैग बिक्री में तेजी देखी गई है. फास्टैग को 560 से ज्यादा टोल प्लाजा पर स्वीकार किया जा रहा है तथा इसे और बढ़ाया जा रहा है.
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फास्टैग क्या है- फास्टैग यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है जिसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है, ताकि गाड़ी जब टोल प्लाजा से गुजरे तो प्लाजा पर मौजूद सेंसर फास्टैग को रीड कर सके.
वहां लगे उपकरण ऑटोमैटिक तरीके से टोल टैक्स की वसूली कर लेते हैं. इससे वाहन चालकों के समय की बचत होती है.
एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में देश के 537 टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स की वसूली की जा रही है.
हर साल होगी करोड़ों की बचत- IIT से पढ़े छात्रों ने बुल्सआई टेक्नोलॉजी ( BullEye Technologies ) नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया है. इस स्टार्टअप की रिपोर्ट के मुताबिक, फास्टैग के इस्तेमाल से सालाना देश को 12 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी.
इस बचत को आम लोगों के काम करने के घंटे और फ्यूल कॉस्ट से जोड़ा गया है. मतलब साफ है कि फास्टैग लगने के बाद टोल प्लाजा पर वाहन नहीं रुकेंगे. ऐसे में आम लोगों का टाइम भी बचेगा और फ्यूल पर होने वाला खर्च भी कम हो जाएगा.
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70 लाख से ज्यादा फास्टैग बिके- केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि अब तक 70 लाख से ज्यादा फास्टैग जारी किए गए. मंगलवार को सबसे ज्यादा 1,35,583 टैग की बिक्री हुई. यह एक दिन में बिक्री का सर्वाधिक उच्च स्तर है.
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) कार्यक्रम को देशभर में लागू किया गया ताकि बाधाओं को खत्म करके यातायात को सुगम और शुल्क संग्रह को आसान बनाया जा सके. यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की प्रमुख पहल है.
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फास्टैग जारी करने में रोजाना आधार पर औसतन 330 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. यह आंकड़ा जुलाई में 8,000 से बढ़कर नवबंर में 35,000 टैग हो गया. बयान में कहा गया है कि फास्टैग को 21 नवबंर को मुफ्त किए जाने के बाद फास्टैग बिक्री में तेजी देखी गई है. फास्टैग को 560 से ज्यादा टोल प्लाजा पर स्वीकार किया जा रहा है तथा इसे और बढ़ाया जा रहा है.
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फास्टैग क्या है- फास्टैग यह एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टैग है जिसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है, ताकि गाड़ी जब टोल प्लाजा से गुजरे तो प्लाजा पर मौजूद सेंसर फास्टैग को रीड कर सके.
वहां लगे उपकरण ऑटोमैटिक तरीके से टोल टैक्स की वसूली कर लेते हैं. इससे वाहन चालकों के समय की बचत होती है.
एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में देश के 537 टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए टोल टैक्स की वसूली की जा रही है.
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First published: November 29, 2019, 12:29 PM IST
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