6 महीने में फिल्म इंडस्ट्री के डूबे 9,000 करोड़, संकट में लाखों लोगों की नौकरियां

मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से देश के सभी थियेटर्स को तत्काल खोलने की मांग की है.
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) ने ट्वीट कर कहा है कि अनलॉक इंडिया (Unlock India) के तहत मॉल्स, एयरलाइंस, रेलवे, रिटेल, रेस्टोरेंट, जिम और कई दूसरे सेक्टर्स खोले जा चुके हैं. अब थियेटर्स (Cinema Theaters) को दोबारा खोलने की मंजूरी भी दी जानी चाहिए क्योंकि इससे सीधे तौर पर 2,00,000 लोगों का परिवार चलता है.
- News18Hindi
- Last Updated: September 15, 2020, 7:45 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में सिनेमाघरों (Cinema Halls) पर भी ताले जड़ दिए गए. अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया में भी अब तक थियेटर्स को दोबारा खोलने (Reopen Theaters) को लेकर सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं दिया गया है. इससे फिल्म इंडस्ट्री (Film Industry) से जुड़े लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी (Livelihood) का संकट पैदा हो गया है. इस बीच मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) ने केंद्र सरकार से थियेटर्स को खोलने की मंजूरी देने की अपील की है. एसोसिएशन ने ट्वीट कर कहा है कि सिनेमाघरों के दोबारा खुलने से लाखों लोगों की नौकरी (Job Security) बचेगी.
लॉकडाउन के दौरान फिल्म इंडस्ट्री को हुआ 9,000 करोड़ का नुकसान
एसोसिएशन ने ट्वीट किया, 'हम बड़े पर्दे पर फिल्में देखने, ताली बजाने, हंसने और रोने का रोमांच भूलते जा रहे हैं.' साथ ही लिखा है कि फिल्म इंडस्ट्री को लॉकडाउन के कारण 1,500 करोड़ रुपये प्रति माह का नुकसान (Loss) हो रहा है. आसान शब्दों में समझें तो अब तक इस इडस्ट्री को 9,000 करोड़ रुपये का तगड़ा झटका लग चुका है. इससे लाखों लोगों की नौकरियों पर संकट खड़ा हो गया है. एसोसिएशन ने कहा कि देश में करीब 10,000 सिनेमा स्क्रीन हैं. इनके जरिये देश के लाखों लोगों का मनोरंजन होता है तो लाखों लोगों का घर चलता है. इस सेक्टर में प्रत्यक्ष तौर पर 2,00,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार (Employment) मिला हुआ है. लॉकडाउन के कारण उनके सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई है.
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने लिखा कि अनलॉक इंडिया के तहत मॉल्स, एयरलाइंस, रेलवे, रिटेल, रेस्टोरेंट, जिम और कई दूसरे सेक्टर्स खोले जा चुके हैं. अनलॉक-4 के तहत बार (Bars) और मेट्रो सर्विसेस (Metro Services) को भी शुरू कर दिया गया है. सिनेमाघरों में इन सभी जगहों से बेहतर सुविधाएं होने के बाद भी शुरू करने की मंजूरी नहीं दी गई है. थियेटर्स में साफ-सफाई का बाकी जगहों से कहीं ज्यादा ध्यान रखा जाता है. इनमें भीड़ भी इकट्ठी नहीं हो पाती है. सिनेमाघरों में सुरक्षा के सभी मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाता है. थियेटर्स में बिना टिकट कोई भी व्यक्ति एट्री नहीं कर सकता है. हर शो का समय तय होने के कारण भीड़ जमा नहीं होती है. एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर स्टाफ मौजूद रहता है. इसके अलावा ज्यादातर थियेटर्स में बड़े-बड़े वेटिंग एरिया हैं. इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए सरकार को थियेटर्स को खोलने की मंजूरी दे देनी चाहिए.
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'स्टाफ और दर्शकों की कोरोना वायरस से सुरक्षा का तैयार है प्लान'
एसोसिएशन ने कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन, कोरिया, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूएई, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका में सेफ्टी प्रोटोकॉल्स के साथ सिनेमाघरों को पहले ही खोला जा चुका है. इस तरह अब तक 85 देशों की सरकारें सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराते हुए थियेटर्स को खोलने की मंजूरी दे चुकी हैं. एसोसिएशन ने कहा कि भारतीय मल्टीप्लेक्स भी दर्शकों की कोरोना वायरस से पूरी सुरक्षा के इंतजामों के साथ तैयार हैं. हमने अपने स्टाफ और दर्शकों की सुरक्षा का पूरा प्लान बना लिया है. ऐसे में हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि लाखों लोगों के रोजगार को ध्यान में रखते हुए थियेटर्स को तत्काल प्रभाव से खोलने की मंजूरी दी जाए.
लॉकडाउन के दौरान फिल्म इंडस्ट्री को हुआ 9,000 करोड़ का नुकसान
एसोसिएशन ने ट्वीट किया, 'हम बड़े पर्दे पर फिल्में देखने, ताली बजाने, हंसने और रोने का रोमांच भूलते जा रहे हैं.' साथ ही लिखा है कि फिल्म इंडस्ट्री को लॉकडाउन के कारण 1,500 करोड़ रुपये प्रति माह का नुकसान (Loss) हो रहा है. आसान शब्दों में समझें तो अब तक इस इडस्ट्री को 9,000 करोड़ रुपये का तगड़ा झटका लग चुका है. इससे लाखों लोगों की नौकरियों पर संकट खड़ा हो गया है. एसोसिएशन ने कहा कि देश में करीब 10,000 सिनेमा स्क्रीन हैं. इनके जरिये देश के लाखों लोगों का मनोरंजन होता है तो लाखों लोगों का घर चलता है. इस सेक्टर में प्रत्यक्ष तौर पर 2,00,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार (Employment) मिला हुआ है. लॉकडाउन के कारण उनके सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई है.
एसोसिएशन ने कहा, इसलिए थियेटर्स खोलने की दी जानी चाहिए मंजूरीJoy of watching stories unfold on the big screen: the clapping, laughing and tears. We miss it. Can’t wait to have you back at the movies!#UnlockCinemaSaveJobs pic.twitter.com/ViB9P8dOly
— Multiplex Association Of India (@MAofIndia) September 15, 2020
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ने लिखा कि अनलॉक इंडिया के तहत मॉल्स, एयरलाइंस, रेलवे, रिटेल, रेस्टोरेंट, जिम और कई दूसरे सेक्टर्स खोले जा चुके हैं. अनलॉक-4 के तहत बार (Bars) और मेट्रो सर्विसेस (Metro Services) को भी शुरू कर दिया गया है. सिनेमाघरों में इन सभी जगहों से बेहतर सुविधाएं होने के बाद भी शुरू करने की मंजूरी नहीं दी गई है. थियेटर्स में साफ-सफाई का बाकी जगहों से कहीं ज्यादा ध्यान रखा जाता है. इनमें भीड़ भी इकट्ठी नहीं हो पाती है. सिनेमाघरों में सुरक्षा के सभी मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाता है. थियेटर्स में बिना टिकट कोई भी व्यक्ति एट्री नहीं कर सकता है. हर शो का समय तय होने के कारण भीड़ जमा नहीं होती है. एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर स्टाफ मौजूद रहता है. इसके अलावा ज्यादातर थियेटर्स में बड़े-बड़े वेटिंग एरिया हैं. इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए सरकार को थियेटर्स को खोलने की मंजूरी दे देनी चाहिए.
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'स्टाफ और दर्शकों की कोरोना वायरस से सुरक्षा का तैयार है प्लान'
एसोसिएशन ने कई देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन, कोरिया, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूएई, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका में सेफ्टी प्रोटोकॉल्स के साथ सिनेमाघरों को पहले ही खोला जा चुका है. इस तरह अब तक 85 देशों की सरकारें सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराते हुए थियेटर्स को खोलने की मंजूरी दे चुकी हैं. एसोसिएशन ने कहा कि भारतीय मल्टीप्लेक्स भी दर्शकों की कोरोना वायरस से पूरी सुरक्षा के इंतजामों के साथ तैयार हैं. हमने अपने स्टाफ और दर्शकों की सुरक्षा का पूरा प्लान बना लिया है. ऐसे में हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि लाखों लोगों के रोजगार को ध्यान में रखते हुए थियेटर्स को तत्काल प्रभाव से खोलने की मंजूरी दी जाए.