नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने एंट्रिक्स-देवास डील (Antrix Devas Deal) को देश के साथ धोखाधड़ी बताते हुए कांग्रेस से जवाब मांगा है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह कांग्रेस की ओर से कांग्रेस के लिए किया गया घोटाला है. तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस सौदे की खबर कैबिनेट को भी नहीं दी थी. यूपीए सरकार के इस घोटाले के कारण आज सरकार कई अंतरराष्ट्रीय अदालतों में मुकदमे लड़ रही है.
वित्त मंत्री सीतारमण एंट्रिक्स-देवास सौदे को लेकर मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस पर जमकर बरसीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश की सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था. साल 2005 में हुआ यह सौदा संयुक्त प्रगतशील गठबंधन (UPA) सरकार ने 2011 में रद्द कर दिया था. वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर इस सौदे को रद्द करने में 6 साल लगाए.
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सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी 17 जनवरी को एंट्रिक्स-देवास मामले में अहम फैसला दिया था. शीर्ष अदालत ने देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड (Devas Multimedia Pvt. Ltd) और उसकी मूल कंपनी देवास इंप्लॉयीज मॉरीशस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका को खारिज कर दिया था. इन दोनों कंपनियों ने शीर्ष अदालत में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश को चुनौती दी थी.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि एंट्रिक्स-देवास सौदा पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ था. कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने सत्ता का गलत इस्तेमाल करके एस-बैंड स्पेक्ट्रम बेच दिया, जबकि इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किया जाता था. उन्होंने कहा कि तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेस की थी, लेकिन उन्होंने कैबिनेट नोट तक का जिक्र तक नहीं किया था. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पता चलता है कि कैसे यूपीए सरकार ने इस डील में गलत हथकंडे अपनाए थे.
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वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत के लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी कैसे की गई, अब यह बताने की बारी कांग्रेस की है. कांग्रेस बताए कि उसने कैबिनेट को अंधेरे में क्यों रखा? आखिर क्यों उसने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया? वित्त मंत्री ने कहा कि सेटेलाइट लॉन्च होने से पहले ही निजी कंपनी को स्पेक्ट्रम के अधिकार दिए गए थे. यह सरासर गलत था.
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 10-12 साल के संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में न्याय किया. वित्त मंत्री सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने देवास मल्टीमीडिया के लिक्विडेशन यानी इसे बेचकर फंड जुटाने के फैसले को बरकरार रखा है.
S-Band 2 से 4 गीगाहर्ट्ज वाले स्पेक्ट्रम फ्रीक्वेंसी का हिस्सा हैं. इसका इस्तेमाल एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए एयर सर्विलांस रडार, वेदर रडार, सरफेस शिप रडार के लिए किया जाता है. इसका कुछ हिस्सा कम्युनिकेशंस सेटेलाइट के तौर पर होता है, जिसका इस्तेमाल NASA स्पेस शटल और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में बात करने के लिए करता है.
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