नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रुपये में जारी गिरावट को लेकर कहा है कि ऐसा केवल भारतीय करेंसी के साथ नहीं हो रहा बल्कि डॉलर के मुकाबले दुनियाभर की तमाम करेंसी की वैल्यू में गिरावट देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों ही इस पर नजर बनाए हुए हैं.
1 जुलाई को रुपये ने डॉलर के मुकाबले नया लो हिट किया. डॉलर के मुकाबले रुपया इंट्रा डे ट्रेड में 79.1187 के नए न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया. वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर होने वाली घटनाएं भारत पर भी असर डालती हैं क्योंकि दुनिया में हम अकेले नहीं हैं.
आरबीआई के गवर्नर से मिलती है अपडेट
वित्त मंत्री ने कहा कि रुपये की स्थिति के बारे में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास से उनकी बात होती रहती है. उन्होंने कहा कि वह बताते हैं कि स्थिति को लेकर रिजर्व बैंक क्या कर रहा है. बकौल वित्त मंत्री गवर्नर शक्तिकांत दास इस बात को लेकर सतर्क हैं कि रुपये की विनियम दर कमजोर होने से भारत में होने वाले इंपोर्ट पर क्या प्रभाव पड़ेगा और यह कितना महंगा होगा.
क्या है इस गिरावट की वजह
इसका सबसे बड़ा कारण रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुईं वैश्विक परिस्थितियां हैं. डॉलर के मुकाबले केवल रुपया ही नहीं दुनिया की तमाम करेंसी कमजोर हो रही हैं. अनिश्चितताओं के बीच विदेशी निवेशक भी लगातार भारतीय बाजार से अपना पैसा लगातार निकाल रहे हैं. बढ़ती महंगाई और तेल की कीमतों में वृद्धि ने भी रुपये की वैल्यू पर नकरात्मक असर किया है. इसके अलावा देश के चालू खाता घाटे में वृद्धि भी चिंता का कारण बना हुआ है. यही कारण है कि सरकार आयात को घटाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है.
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रुपये को बचाने के लिए हर प्रयास किया जाएगा
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा है कि रुपये कहां तक नीचे जाएगा इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व भी नहीं जानता कि डॉलर कहां तक चढ़ेगा. बकौल पात्रा, लेकिन आरबीआई रुपये को स्थिर रखने के लिए हर प्रयास करेगा.
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