आर्थिक ग्रोथ भले ही कम लेकिन मंदी जैसे हालात नहीं: निर्मला सीतारमण
News18Hindi Updated: November 27, 2019, 6:50 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
बुधवार को राज्यसभा (Rajyasabha) में आर्थिक मोर्चे पर कांग्रेस (Congress) सदस्य आनंद शर्मा द्वारा उठाए गए सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भले ही आर्थिक ग्रोथ कम है, लेकिन मंदी जैसे हालात नहीं है.
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- Last Updated: November 27, 2019, 6:50 PM IST
नई दिल्ली. आर्थिक सुस्ती (Economic Slowdown) को लेकर कांग्रेस (Congress) द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में बुधवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने जवाब देते हुए कहा कि भले ही आर्थिक ग्रोथ (Economic Growth) की रफ्तार कम हुई है, लेकिन देश मंदी के दौर से नहीं गुजर रहा है. राज्यसभा में वित्त मंत्री ने जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) और बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) को लेकर जवाब देते हुए कहा, 'अगर आप विवेक की दृष्टि से अर्थव्यवस्था को देख रहे हैं तो पाएंगे कि ग्रोथ भले ही कम हुआ है, लेकिन यह मंदी का दौर नहीं है.'
अपने जवाब में वित्त मंत्री ने साल 2014 से लेकर 2019 के बीच में GDP दर का हवाला देते हुए कहा कि यह साल 2009-14 के बीच की तुलना में कहीं अधिक है. 2014 से 2019 के बीच जीडीपी दर 7.5 फीसदी रही है. वहीं, 2009 से लेकर 2014 के बीच महज 6.4 फीसदी रही थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी नहीं है. देश के लिए ऐसी स्थिति नहीं आएगी.
ये भी पढ़ें: नोटबंदी, GST और आर्थिक ग्रोथ पर कांग्रेस ने राज्यसभा में सरकार को घेरा
कांग्रेस की तरफ से आनंद शर्मा ने खड़े किए थे सवाल
गौरतलब है कि आज ही राज्यसभा में कुछ समय पहले कांग्रेस नेता आंनद शर्मा ने केंद्र सरकार पर अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर हमला बोलते हुए कई बड़े सवाल खड़े किया था. आनंद शर्मा ने कहा कि देश में गरीब और अमीर की बीच में भारी अंतर है. बीते पांच साल के दौरान यह बढ़ते हुए एक डरावने स्तर पर पहुंच गया है. हालांकि, आनंद शर्मा के बोलने के दौरान राज्यसभा (Rajya Sabha, Upper House) कम ही सदस्य मौजूद थे.
GDP से लेकर बेरोजगारी तक पर सवाल
शर्मा ने कहा, 'सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 5 फीसदी के स्तर पर फिसल चुका है जोकि बीते 7 साल का न्यूनतम स्तर है. ऑटो और टेक्टाइल इंडस्ट्री (Auto and Textile Industry) में करीब 2.5 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है. जो बेरोजगारी (Unemployment Rate) दर अमूमन 3 फीसदी के करीब रहती थी, वो आज बढ़कर 8 फीसदी तक पहुंच गई है.'
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अपने जवाब में वित्त मंत्री ने साल 2014 से लेकर 2019 के बीच में GDP दर का हवाला देते हुए कहा कि यह साल 2009-14 के बीच की तुलना में कहीं अधिक है. 2014 से 2019 के बीच जीडीपी दर 7.5 फीसदी रही है. वहीं, 2009 से लेकर 2014 के बीच महज 6.4 फीसदी रही थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी नहीं है. देश के लिए ऐसी स्थिति नहीं आएगी.
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Finance Minister Nirmala Sitharaman in Rajya Sabha: If you are looking at the economy with a discerning view, you see that growth may have come down but it is not a recession yet, it will not be a recession ever. https://t.co/i8kFOeVzet
— ANI (@ANI) November 27, 2019
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कांग्रेस की तरफ से आनंद शर्मा ने खड़े किए थे सवाल
गौरतलब है कि आज ही राज्यसभा में कुछ समय पहले कांग्रेस नेता आंनद शर्मा ने केंद्र सरकार पर अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर हमला बोलते हुए कई बड़े सवाल खड़े किया था. आनंद शर्मा ने कहा कि देश में गरीब और अमीर की बीच में भारी अंतर है. बीते पांच साल के दौरान यह बढ़ते हुए एक डरावने स्तर पर पहुंच गया है. हालांकि, आनंद शर्मा के बोलने के दौरान राज्यसभा (Rajya Sabha, Upper House) कम ही सदस्य मौजूद थे.
GDP से लेकर बेरोजगारी तक पर सवाल
शर्मा ने कहा, 'सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 5 फीसदी के स्तर पर फिसल चुका है जोकि बीते 7 साल का न्यूनतम स्तर है. ऑटो और टेक्टाइल इंडस्ट्री (Auto and Textile Industry) में करीब 2.5 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है. जो बेरोजगारी (Unemployment Rate) दर अमूमन 3 फीसदी के करीब रहती थी, वो आज बढ़कर 8 फीसदी तक पहुंच गई है.'
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अनौपचारिक सेक्टर पूरी तरह से चरमराया
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि देश में निवेश (Investment in India) तेजी से घट रहा है. खासतौर से बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) में आम लोगों का भरोसा टूट रहा है. घरेलू सेविंग्स (Household Savings) में भी गिरावट देखने को मिल रही है. देश की GDP में अनौपचारिक सेक्टर (Informal Sector) का योगदान 40 फीसदी है. रोजगार के मामले में यह योगदान 90 फीसदी तक है, लेकिन इसके बावजूद भी यह सेक्टर पूरी तरह से चरमरा गया है. अर्थव्यवस्था की इस बुरी हालत का कारण उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी को बताया.
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि देश में निवेश (Investment in India) तेजी से घट रहा है. खासतौर से बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) में आम लोगों का भरोसा टूट रहा है. घरेलू सेविंग्स (Household Savings) में भी गिरावट देखने को मिल रही है. देश की GDP में अनौपचारिक सेक्टर (Informal Sector) का योगदान 40 फीसदी है. रोजगार के मामले में यह योगदान 90 फीसदी तक है, लेकिन इसके बावजूद भी यह सेक्टर पूरी तरह से चरमरा गया है. अर्थव्यवस्था की इस बुरी हालत का कारण उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी को बताया.
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First published: November 27, 2019, 6:02 PM IST
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