मुंबई . विदेशी निवेशक पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड में बिकवाली कर रहे हैं. अप्रैल के कुछ दिन छोड़ दिए जाएं तो पिछले 6 महीने से एफपीआई ने लगातार बिकवाली की है. एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की मार्च 2022 में एनएसई 500 कंपनियों में हिस्सेदारी पिछले 3 साल के नीचले स्तर पर चली गई है. इतनी बड़े स्तर की बिकवाली कम ही देखने को मिलती है. हालांकि घरेलू निवेशकों से बाजार को सपोर्ट मिल रहा है.
बैंक ऑफ अमेरिका के मल्टीनेशनल इंवेस्टमेंट बैंकिंग डिविजन BofA Securities की रिपोर्ट के मुताबिक एफआईआईज का एनएसई 500 में स्वामित्व महज 19.5 फीसदी रह गया है. हालांकि बोफा का मानना है कि आने वाले समय में निवेश बढ़ने पर ओनरशिप लेवल में फिर उछाल दिख सकती है.
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बोफा सिक्योरिटीज के मुताबिक इस साल के आखिरी तक निफ्टी 17 हजार के लेवल के आस-पास बना रह सकता है. फाइनेंशियल, इंडस्ट्रियल, कुठ ऑटो कंपनियों, यूटिलिटीज व हेल्थकेयर में निवेश को प्रिफरेंस दिया जा सकता है. मार्च 2022 में निफ्टी करीब 4 फीसदी मजबूत हुआ. अभी की बात करें तो निफ्टी 50 शुक्रवार (22 अप्रैल) को 1.27 फीसदी की गिरावट के साथ 17,171.95 पर बंद हुआ था.
कहां सबसे ज्यादा बिकवाली
विदेशी निवेशक उभरते बाजारों में सबसे ज्यादा बिकवाली कर रहे हैं. ताइवान के बाद सबसे ज्यादा निकासी भारत से हुई है. मार्च तक विदेशी पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स (FPIs) का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 61.9 हजार करोड़ डॉलर (4733.10 करोड़ रुपये) का रहा. इसमें सबसे अधिक 16.2 फीसदी आवंटन एनर्जी, 14.8 फीसदी आईटी और 4 फीसदी कम्यूनिकेशन में हुआ जबकि फाइनेंशियल में सबसे अधिक गिरावट रही. ताइवान और भारत से सबसे ज्यादा निकासी हुई वहीं ब्राजील में निवेश हुआ है. इस साल 2022 में विदेशी निवेशकों ने सबसे अधिक 1250 करोड़ डॉलर (95.6 हजार करोड़ रुपये) निवेश ब्राजील में हुआ.
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मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी निकसी
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने मार्च में मार्च 2020 के बाद सबसे अधिक निकासी हुई. जियोपॉलिटिकल रिस्क, लगातार बढ़ती महंगाई दर, सप्लाई की दिक्कतें और कमोडिटी के बढ़ते भाव के चलते निवेशकों ने पिछले महीने भारतीय बाजार से 540 करोड़ डॉलर (41.3 हजार करोड़ रुपये) निकाल लिए. मार्च 2020 में विदेशी निवेशकों ने 840 करोड़ डॉलर (6.42 लाख करोड़ रुपये) निकाले थे.
यहां बढ़ा निवेश
हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक एमर्जिंग मार्केट फंड्स ने पिछले एक साल में चीन की बजाय भारत में निवेश बढ़ाया. इस साल मार्च तक भारत में इनका एलोकेशन जनवरी 2021 में 13.3 फीसदी की तुलना में 19 फीसदी रहा जबकि चीन में 42.2 फीसदी की तुलना में 34.6 फीसदी आ गया.
घरेलू संस्थागत निवशकों (DIIs) की बात करें तो मार्च में लगातार दूसरे महीने निवेश 500 करोड़ डॉलर (38.2 हजार करोड़ रुपये) के पार पहुंच गया. डीआईआईज का मार्च 2022 में निवेश मासिक आधार पर 19 फीसदी अधिक 600 करोड़ डॉलर (45.9 हजार करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. इस साल डीआईआईज ने 1460 करोड़ डॉलर (1.12 लाख करोड़ रुपये) का निवेश किया.
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