विदेशी निवेशकों के ताबड़तोड़ निवेश से सेंसेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा, किया 13 साल का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट

कोरोना संकट के बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजारों में जमकर निवेश किया.
मॉर्निंग स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, आकर्षक कीमत, लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को दोबारा खोलने और कारोबारी गतिविधियों के बहाल होने के कारण भारत में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPIs) की ओर से निवेश (Investment) बढ़ा है. सितंबर 2020 तिमाही के दौरान इंडियन इक्विटीज (Indian Equities) में एफपीआई का निवेश पिछली तिमाही के 344 अरब डॉलर के मुकाबले 31 फीसदी ज्यादा रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 19, 2020, 11:07 AM IST
नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच भी विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) का भारतीय शेयर बाजार (Indian Capital Market) पर भरोसा बरकरार रहा है. इसी का नतीजा है कि जुलाई-सितंबर 2020 यानी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स (FPI) ने भारत में 6.3 अरब डॉलर का निवेश किया. मॉर्निंग स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, आकर्षक कीमत, लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को दोबारा खोलने और कारोबारी गतिविधियों के बहाल होने के कारण भारत में विदेशी निवेशकों की ओर से निवेश (Investment) बढ़ा है.
एफपीआई के निवेश की कीमत में भी हुई बढ़ोत्तरी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अप्रैल-जून 2020 तिमाही में 3.9 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश (Net Investment) किया था. इससे पहले जनवरी-मार्च 2020 तिमाही के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 6.38 अरब डॉलर निकाल लिए थे. भारतीय इक्विटी बाजारों के शानदार प्रदर्शन के चलते सितंबर तिमाही में एफपीआई की ओर से निवेश की कीमत (Investment Value) भी काफी बढ़ी. रिपोर्ट में बताया गया कि सितंबर के अंत में भारतीय इक्विटी में एफपीआई निवेश करीब 450 अरब डॉलर था.
ये भी पढ़ें- BPCL में सरकारी हिस्सेदारी खरीदेगा वेदांता ग्रुप! दाखिल किया एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्टएफपीआई ने किया अब तक का सबसे ज्यादा निवेश
सितंबर 2020 तिमाही के दौरान इंडियन इक्विटीज (Indian Equities) में एफपीआई का निवेश पिछली तिमाही के 344 अरब डॉलर के मुकाबले 31 फीसदी ज्यादा रहा है. इसके अलावा भारतीय इक्विटी के बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का योगदान भी समीक्षाधीन अवधि के दौरान 21.4 फीसदी रहा, जो जून तिमाही में 18.7 फीसदी पर था. इंडियन शेयर मार्केट्स (Indian Share Markets) में एफपीआई के योगदान का यह उच्चतम स्तर (Highest Investment) है. इससे पहले उच्चतम स्तर मार्च 2015 में 20.5 फीसदी था.
एफपीआई के निवेश की कीमत में भी हुई बढ़ोत्तरी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अप्रैल-जून 2020 तिमाही में 3.9 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश (Net Investment) किया था. इससे पहले जनवरी-मार्च 2020 तिमाही के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 6.38 अरब डॉलर निकाल लिए थे. भारतीय इक्विटी बाजारों के शानदार प्रदर्शन के चलते सितंबर तिमाही में एफपीआई की ओर से निवेश की कीमत (Investment Value) भी काफी बढ़ी. रिपोर्ट में बताया गया कि सितंबर के अंत में भारतीय इक्विटी में एफपीआई निवेश करीब 450 अरब डॉलर था.
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सितंबर 2020 तिमाही के दौरान इंडियन इक्विटीज (Indian Equities) में एफपीआई का निवेश पिछली तिमाही के 344 अरब डॉलर के मुकाबले 31 फीसदी ज्यादा रहा है. इसके अलावा भारतीय इक्विटी के बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का योगदान भी समीक्षाधीन अवधि के दौरान 21.4 फीसदी रहा, जो जून तिमाही में 18.7 फीसदी पर था. इंडियन शेयर मार्केट्स (Indian Share Markets) में एफपीआई के योगदान का यह उच्चतम स्तर (Highest Investment) है. इससे पहले उच्चतम स्तर मार्च 2015 में 20.5 फीसदी था.