नई दिल्ली. देश का पहला खिलौना क्लस्टर (India’s first toy manufacturing cluster) कर्नाटक में बनेगा. यह बेंगलुरु से 365 किमी दूर स्थित कोप्पल जिले के भानापुर गांव में बनेगा. इसकी जानाकरी कर्नाटक सरकार ने शनिवार को दी है. इसका निर्माण इसी साल दिसंबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. कर्नाटक सरकार के मुताबिक, क्लस्टर की 400 एकड़ जमीन में से 300 एकड़ एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) होगा जो निर्यात के लिए समर्पित होगा. बाकी घरेलू बाजार में पूरा होगा. इसे तैयार करने में करीब 5,000 करोड़ रुपये तक की लागत आएगी.
1 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इस क्लस्टर में खिलौना निर्माण की 100 से अधिक यूनिट्स होंगे. इससे करीब 25,000 से अधिक प्रत्यक्ष और एक लाख के आसपास अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि खिलौना निर्माण उद्योग श्रमिक-उन्मुख है और इसमें अधिकांश श्रमिक महिलाएं होती हैं. इसलिये कोप्पल में शुरू होने वाला यह खिलौना क्लस्टर महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.उन्होंने कहा कि जो महिलाएं प्रति दिन 200 रुपये कमा रही हैं, वे प्रति दिन 600 रुपये कमा सकेंगी. खिलौना निर्माण उद्योग में महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही है.
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण के अनुरूप ही खिलौना निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कोप्पला भारत का पहला खिलौना विनिर्माण क्लस्टर बनेगा.
90 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है खिलौना उद्योग
अध्यक्ष अरविंद मलिंगेरी बताते हैं कि विश्व स्तर पर खिलौना उद्योग 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है और भारतीय बाजार का आकार 1.7 बिलियन अमरीकी डॉलर है. भारत सालाना 1.2 बिलियन डॉलर के खिलौनों का आयात करता है, जो कि ज्यादातर चीन से आता है और जो खिलौना क्लस्टर विकसित किया जा रहा है वह घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने के लिए है.उन्होंने कहा कि चीन सालाना 20 बिलियन डॉलर के खिलौने और मनोरंजन के सामान का निर्यात करता है.
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