भारत पर मजबूत हुआ विदेशी निवेशकों का भरोसा, नवंबर में निवेश के आंकड़ों से झूमा बाजार

नवंबर महीने में रिकॉर्ड विदेशी निवेश देखने को मिल रहा है.
एक लंबे एवं सख्त लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी देखने को मिल रही है. घरेलू शेयर बाजार से इसका संकेत साफ मिला है. नवंबर महीने में विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) ने भारतीय बाजार में जमकर निवेश किया है. उभरती अर्थव्यवस्थाओं में निवेशकों ने भारत पर ही सबसे ज्यादा भरोसा दिखाया है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 29, 2020, 2:17 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी के बीच भी भारतीय बाजार में बड़े स्तर पर विदेशी निवेश (Foreign Investment) आ रहा है. इसका अंदाजा नवंबर महीने में विदेशी इनफ्लो के आंकड़ों से ही लगाया जा सकता है. केवल नवंबर महीने में ही अब तक 60,358 करोड़ रुपये का निवेश आया है. अभी तक इस महीने में एक ट्रेडिंग सेशन को छोड़ दिया जाए तो हर दिन विदेशी निवेशकों ने घरेलू इक्विटी मार्केट (Domestic Equity Market) में खरीदारी की है. हालांकि, इसी साल मार्च में विदेशी निवेशकों ने उसी रफ्तार से भारतीय बाजार से पैसे निकाले थे. अप्रैल में भी यह ट्रेंड देखने को मिला था.
इस बीच कैलेंडर ईयर 2020 को देखें तो अब तक 1.06 लाख करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है. पिछले साल की तुलना में देखें तो यह 5,460 करोड़ रुपये अधिक है.
उभरते बाजारों में भारत सबसे पसंदीदा विकल्प
अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. पिछले 12 महीने में देश में 13 अरब डॉलर का विदेशी फंड आया है. जबकि इंडोनेशिया, ताईवान, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, मलेशिया, फिलिपिंस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से विदेशी फंड का आउटफ्लो देखने को मिला है.यह भी पढ़ें: आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना: गाइडलाइंस को जल्द कैबिनेट से मिलेगी मंजूरी, जानिए कैसे सैलरी बढ़ोतरी से होगा नुकसान
अक्टूबर महीने में भारत और ब्राजील के अलावा अन्य सभी उभरते बाजारों से विदेशी निवेशकों ने फंड की निकासी की. मार्केट साइज के लिहाज से देखें तो भारत में सबसे ज्यादा 2.7 अरब डॉलर और ब्राजील में 0.5 अरब डॉलर का इनफ्लो आया. दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका (-1.0 अरब डॉलर) और थाईलैंड (-0.7 अरब डॉलर) से सबसे ज्यादा विदेशी फंड की निकासी देखने को मिली. CLSA की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि नवंबर महीने में अब तक भारत (6 अरब डॉलर), ताईवान (5.6 अरब डॉलर), दक्षिण कोरिया (5.2 अरब डॉलर), ब्राजील (4.6 अरब डॉलर) और थाईलैंड (1 अरब डॉलर) में इनफ्लो देखने को मिला है.
संस्थागत निवेशकों का भी भरोसा बढ़ा
विदेशी संस्थागत निवेशकों की बात करें तो उन्होंने भी भारतीय बाजार में रिकॉर्ड निवेश किया है. नवंबर में महीने में एफआईआई ने अब तक 50,900 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर दिया है. किसी भी महीने में अब तक का यह सबसे अधिकतम रिकॉर्ड है.

इसके साथ ही अब साल 2020 में एफआईआई निवेश पॉजिटिव दायरे में आ गया है. एक्सचेंज पर मौजूद प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार यह 55 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. साल 2020 में अब तक कुल इनफ्लो 96,766 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
यह भी पढ़ें: दो दिन बाद बदल जाएगा बैंक से जुड़ा ये जरूरी नियम, अब रात-दिन मिलेगी ये सुविधा
विदेशी निवेशकों द्वारा घरेलू बाजार में दमदार भरोसे की वजह से बेंचमार्क इंडेक्सेज सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है. मार्च में न्यूनतम स्तर के बाद से अब तक देखें तो निफ्टी में 74 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली है. फिलहाल यह 13,000 के पार कारोबार कर रहा है. निफ्टी को 12,000 से 13,000 तक पहुंचने में मात्र 14 कारोबारी सत्र ही लगे हैं.
इस बीच कैलेंडर ईयर 2020 को देखें तो अब तक 1.06 लाख करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है. पिछले साल की तुलना में देखें तो यह 5,460 करोड़ रुपये अधिक है.
उभरते बाजारों में भारत सबसे पसंदीदा विकल्प
अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. पिछले 12 महीने में देश में 13 अरब डॉलर का विदेशी फंड आया है. जबकि इंडोनेशिया, ताईवान, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, मलेशिया, फिलिपिंस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से विदेशी फंड का आउटफ्लो देखने को मिला है.यह भी पढ़ें: आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना: गाइडलाइंस को जल्द कैबिनेट से मिलेगी मंजूरी, जानिए कैसे सैलरी बढ़ोतरी से होगा नुकसान
अक्टूबर महीने में भारत और ब्राजील के अलावा अन्य सभी उभरते बाजारों से विदेशी निवेशकों ने फंड की निकासी की. मार्केट साइज के लिहाज से देखें तो भारत में सबसे ज्यादा 2.7 अरब डॉलर और ब्राजील में 0.5 अरब डॉलर का इनफ्लो आया. दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका (-1.0 अरब डॉलर) और थाईलैंड (-0.7 अरब डॉलर) से सबसे ज्यादा विदेशी फंड की निकासी देखने को मिली. CLSA की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि नवंबर महीने में अब तक भारत (6 अरब डॉलर), ताईवान (5.6 अरब डॉलर), दक्षिण कोरिया (5.2 अरब डॉलर), ब्राजील (4.6 अरब डॉलर) और थाईलैंड (1 अरब डॉलर) में इनफ्लो देखने को मिला है.
संस्थागत निवेशकों का भी भरोसा बढ़ा
विदेशी संस्थागत निवेशकों की बात करें तो उन्होंने भी भारतीय बाजार में रिकॉर्ड निवेश किया है. नवंबर में महीने में एफआईआई ने अब तक 50,900 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर दिया है. किसी भी महीने में अब तक का यह सबसे अधिकतम रिकॉर्ड है.

इसके साथ ही अब साल 2020 में एफआईआई निवेश पॉजिटिव दायरे में आ गया है. एक्सचेंज पर मौजूद प्रोविजनल आंकड़ों के अनुसार यह 55 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. साल 2020 में अब तक कुल इनफ्लो 96,766 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
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विदेशी निवेशकों द्वारा घरेलू बाजार में दमदार भरोसे की वजह से बेंचमार्क इंडेक्सेज सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है. मार्च में न्यूनतम स्तर के बाद से अब तक देखें तो निफ्टी में 74 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली है. फिलहाल यह 13,000 के पार कारोबार कर रहा है. निफ्टी को 12,000 से 13,000 तक पहुंचने में मात्र 14 कारोबारी सत्र ही लगे हैं.