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देश में मंदी का खतरा नहीं, चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दहाई अंकों में रहने की उम्मीदः सीतारमण

 सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में जीडीपी वृद्धि को लेकर सकारात्मक रुख दर्शाया.

सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में जीडीपी वृद्धि को लेकर सकारात्मक रुख दर्शाया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत मजबूत स्थिति में है. उन्होंने उन खबरों का हवाला भी ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

आप मंदी की कगार पर नहीं खड़े हैं तो इससे भरोसा मिलता है: सीतारमण
वित्त मंत्री ने जीडीपी में वृद्धि के दहाई अंकों में बने रहने की उम्मीद जताई है.
हम वास्तव में सबसे तेजी से वृद्धि करती हुई अर्थव्यवस्था हैं: सीतारमण

हैदराबाद. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के दहाई अंकों में बने रहने की उम्मीद जताई है. उन्होंने शनिवार को कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत मजबूत स्थिति में है और जरूरतमंद वर्गों को मदद देने के लिहाज से जिम्मेदार भी है. सीतारमण ने संवाददाताओं से बातचीत में जीडीपी वृद्धि को लेकर सकारात्मक रुख दर्शाया. इस दौरान उन्होंने उन खबरों का हवाला भी दिया जिनमें कहा गया था कि देश में मंदी का खतरा नहीं है.

सीतारमण ने इस वर्ष जीडीपी वृद्धि के दहाई अंकों में रहने की उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मुझे ऐसा होने की उम्मीद है. हम इसके लिए काम करेंगे. यदि आप मंदी की कगार पर नहीं खड़े हैं तो इससे भरोसा मिलता है. जरूरतमंद वर्गों की मदद करने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिहाज से आप लगातार कदम उठा रहे हैं…’’

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हम मजबूत स्थिति में
कुछ दिन पहले जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी है. वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ लोग इस उच्च वृद्धि के लिए पिछले साल के निम्न आधार को जिम्मेदार बताने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘हम जिन अर्थव्यवस्थाओं की बात कर रहे हैं उनकी तुलना में हम मजबूत स्थिति में हैं. हम वास्तव में सबसे तेजी से वृद्धि करती हुई अर्थव्यवस्था हैं.’’

 वित्तीय स्थिति का आकलन जरूरी
उन्होंने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि भारत से कहीं अधिक विकसित मानी जाने वाली अर्थव्यवस्थाएं इस समय मंदी की कगार पर हैं.

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सरकारों की तरफ से बांटे जाने वाले मुफ्त उपहारों से जुड़े एक सवाल पर सीतारमण ने कहा, ‘‘हमें इस चर्चा में हिस्सा जरूर लेना चाहिए क्योंकि अगर आप किसी को कुछ नि:शुल्क दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि उसका बोझ कोई और उठा रहा है.’’ उन्होंने सुझाव दिया कि सत्ता में आने वाली किसी भी सरकार को अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के बाद मुफ्त उपहारों के लिए वित्तीय प्रावधान करना चाहिए.

Tags: Finance minister Nirmala Sitharaman, GDP growth, Nirmala sitharaman, Nirmala sitharaman news

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