किसानों के लिए खुशखबरी: MSP पर धान की बंपर खरीद, 38627.46 करोड़ का हुआ भुगतान

एमएसपी पर देश में धान की बंपर खरीद हुई.
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल और गुजरात में धान की बम्पर खरीद जारी है. 31 अक्टूबर 2020 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 204.59 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है
- News18Hindi
- Last Updated: November 2, 2020, 12:17 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने देश में धान की रिकॉर्ड 2 करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा धान की खरीद की है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल और गुजरात में धान की बम्पर खरीद जारी है. 31 अक्टूबर 2020 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 204.59 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि इसी अवधि के दौरान पिछले वर्ष केवल 168.87 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी. इस वर्ष में अब तक हुई धान की खरीद में पिछले वर्ष से 21.16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. 204.59 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 142.81 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 69.80 प्रतिशत है.
17 लाख से ज्यादा किसानों को हुआ फायदा- धान की खरीद से लगभग 17.23 लाख किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ देते हुए मौजूदा खरीफ विपणन सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार 38,627.46 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है. इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से खरीफ विपणन सीजन 2020 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 45.10 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है. इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरे (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली: सब्जियों के दाम आसमान पर, खरीदार के साथ बेचने वाले भी हलकान
राज्यों में MSP से कम पर हुई खरीद, तो केंद्र करेगा भुगतान- यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नोडल एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके.यह भी पढ़ें: 300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में शुरू हुई भारतनेट ब्रॉडबैंड सेवा, जानिए इसके बारे में सबकुछ
दालों की भी हुई बंपर खरीद- 31 अक्टूबर 2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 10,293.61 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है. इस खरीद से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा के 6,102 किसानों को 57.78 करोड़ रुपये की आय हुई है. इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरे (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है. इसी दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है.
MSP और इससे अधिक मूल्य का कुछ राज्यों में हुआ भुगतान- खोपरा और उड़द की फसल के लिए अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर या फिर उससे ऊपर की दर पर भुगतान किया जा रहा है. इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन फसलों के आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं

वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत ही पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना राज्यों से कपास की खरीद का कार्य सुचारु रूप से जारी है. 31 अक्टूबर 2020 तक 1,20,437 किसानों से 1,84,563 लाख रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 6,33,719 गांठों की खरीद की जा चुकी है.
17 लाख से ज्यादा किसानों को हुआ फायदा- धान की खरीद से लगभग 17.23 लाख किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ देते हुए मौजूदा खरीफ विपणन सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य के अनुसार 38,627.46 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है. इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से खरीफ विपणन सीजन 2020 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 45.10 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है. इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरे (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली: सब्जियों के दाम आसमान पर, खरीदार के साथ बेचने वाले भी हलकान
राज्यों में MSP से कम पर हुई खरीद, तो केंद्र करेगा भुगतान- यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नोडल एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके.यह भी पढ़ें: 300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में शुरू हुई भारतनेट ब्रॉडबैंड सेवा, जानिए इसके बारे में सबकुछ
दालों की भी हुई बंपर खरीद- 31 अक्टूबर 2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 10,293.61 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है. इस खरीद से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा के 6,102 किसानों को 57.78 करोड़ रुपये की आय हुई है. इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरे (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है. इसी दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है.
MSP और इससे अधिक मूल्य का कुछ राज्यों में हुआ भुगतान- खोपरा और उड़द की फसल के लिए अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर या फिर उससे ऊपर की दर पर भुगतान किया जा रहा है. इनसे संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें खरीफ दलहन तथा तिलहन फसलों के आवक के आधार पर संबंधित राज्यों द्वारा तय तिथि से खरीद शुरू करने के लिए आवश्यक इंतज़ाम कर रही हैं
वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत ही पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना राज्यों से कपास की खरीद का कार्य सुचारु रूप से जारी है. 31 अक्टूबर 2020 तक 1,20,437 किसानों से 1,84,563 लाख रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 6,33,719 गांठों की खरीद की जा चुकी है.