नई दिल्ली. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Kailash Chaudhary) ने दावा किया है कि वर्तमान में किसानों की औसत मासिक इनकम (Farmer's Average Income) 8,167 रुपये (2016-17) हो गई है. 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. 2022 तक सरकार किसानों की आय को दोगुना कर देगी. मालूम हो कि सरकार अब तक 2013-14 में आई एनएसएसओ की रिपोर्ट के आधार पर किसानों की मासिक आय 6,426 रुपये ही बताती आई थी.
चौधरी ने कहा कि 2014 से पहले, कृषि का बजट 25,000-30,000 करोड़ रुपये के बीच था, लेकिन मोदी सरकार ने कृषि के लिए बजट 1,50,000 करोड़ रुपये को पार कर दिया है.
मोदी सरकार ने अप्रैल 2016 में एक अंतर-मंत्रालयी समिति (Inter-Ministerial Committee) का गठन किया था ताकि किसानों की आय को दोगुना करने से संबंधित पहलुओं की जांच की जा सके. समिति ने सितंबर 2018 में सरकार को अपनी रिपोर्ट दे दी है. समिति ने किसानों की आय में वृद्धि के 7 मुख्य स्रोतों की पहचान की. जिसमें फसल उत्पादकता में सुधार, पशुधन उत्पादकता में सुधार और उत्पादन लागत में बचत आदि शामिल है.

कई योजनाओं में सरकार सीधे किसानों को पैसा दे रही है
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जब से किसानों को नगद सहायता दी जा रही है तब से उनकी आर्थिक स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है. वरना केंद्र या राज्य सरकारों का भेजा पैसा फाइलों के जरिए नेताओं और अधिकारियों के घर पहुंच जाता था. आईए जानते हैं कि किसानों को कहां-कहां डायरेक्ट लाभ मिल रहा है.
>>सभी प्रदेशों के किसानों को मोदी सरकार की ओर से सालाना 6000 रुपये की नगद मदद. एक साल में करीब 51 हजार करोड़ रुपये की नगद सहायता किसानों को मिल चुकी है.
>>तेलंगाना में 8000 रुपये सालाना मिल रहे हैं. दो सीजन में 4000-4000 रुपये. किसानों को नगद पैसे देने की शुरुआत तेलंगाना ने ही की.
>>आंध्र में 10 हजार रुपये सालाना मिल रहे हैं. 6000 रुपये केंद्र सरकार के और 4000 रुपये राज्य की ओर से.
>>ओडिशा में खरीफ और रबी के सीजन में बुआई के लिए आर्थिक मदद के तौर पर प्रति परिवार को 5-5 हजार रुपये यानी सालाना 10,000 रुपये दिए जा रहे हैं.
>>झारखंड में किसानों को 25 हजार रुपए सालाना की मदद, जबकि हरियाणा में किसानों को सालाना 6000 रुपये पेंशन दी जा रही है.

किसान उत्पादक संगठन के जरिए आय दोगुनी करने की कोशिश
इस तरह हो रही है आय बढ़ाने की कोशिश
(1) राज्य सरकारों के जरिए मंडी सुधार.
(2) मॉडल कांट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देना.
(3) किसानों को इलेक्ट्रॉनिक ऑनलाइन व्यापार मंच उपलब्ध कराने के लिए ई-नाम की शुरुआत.
(4) स्वायल हेल्थ कार्ड योजना, ताकि खाद का जरूरत के हिसाब से ही इस्तेमाल हो.
(5) परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा.
(6) हर मेड़ पर पेड़ अभियान यानी कृषि वानिकी को बढ़ावा.
(7) अगले पांच साल में 10 हजार एफपीओ-किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना का लक्ष्य
(8) बास को पेड़ की श्रेणी से हटाकर उसकी खेती को प्रोत्साहन.
(9) 100 फीसदी नीम कोटेड यूरिया से जमीन की सेहत सुधारने का अभियान
(10) न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को उत्पादन लागत से 150 फीसदी तक बढ़ाने की मंजूरी.
(11) किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत खेती-किसानी के लिए सालाना 6000 रुपये की सहायता.
(12) किसान क्रेडिट कार्ड की कवरेज बढ़ाने का अभियान.
(13) किसान क्रेडिट कार्ड लेने पर फसल बीमा करवाने की अनिवार्यता खत्म
(14) पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम से किसान क्रेडिट कार्ड जुड़ा
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FIRST PUBLISHED : March 06, 2020, 10:30 IST