रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको ने महाराष्ट्र में घर खरीदने वालों के लिए शानदार पेशकश की है.
नई दिल्ली. महाराष्ट्र में घर खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए रियल एस्टेट (Real Estate) कंपनियों के संगठन नारेडको ( NAREDCO) ने शानदार ऑफर पेश किया है. नारेडको की महाराष्ट्र यूनिट (Maharashtra Unit) ने अपनी मेंबर रेजिडेंशियल यूनिट्स (Residential Units) की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए घर के बदले स्टाम्प ड्यूटी (Stamp Duty) का वहन करने का ऐलान किया है. इसके लिए संगठन ने उसके सदस्यों को 31 दिसंबर 2020 तक का समय दिया है. बता दें कि इससे पहले यह समयसीमा अक्टूबर 2020 तक के लिए तय हुई थी. रियल एस्टेट कंपनियों के स्टाम्प ड्यूटी का खर्च खुद उठाने से होम बायर्स को घर की लागत पहले के मुकाबले कम पड़ेगी.
अगस्त से अक्टूबर 2020 के दौरान बढ़ी 300 फीसदी बिक्री
नारेडको ने यह फैसला उस वक्त लिया था, जब महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने कुछ प्रमुख शहरों में स्टाम्प ड्यूटी घटाकर 2-3 फीसदी करने का ऐलान किया था. संगठन का दावा है कि तकरीबन 1,000 रियल एस्टेट कंपनियां उसकी सदस्य हैं. साथ ही इन सदस्यों ने स्कीम के तहत अपनी प्रॉपर्टी बेचने का प्रस्ताव रखा था. नारेडको के अध्यक्ष अशोक मोहमानी के मुताबिक, जीरो स्टाम्प ड्यूटी ने मुंबई में रेजिडेंशियल यूनिट्स की बिक्री को अगस्त से अक्टूबर 2020 के दौरान 300 फीसदी तक बढ़ाने में मदद की है. यह न केवल रेजिडेंशियल बिक्री को बढ़ावा देगा बल्कि इस सेक्टर में निवेश और अधिक नकदी लाने के लिए विदेशी निवेशकों का भी ध्यान खींचेगा.
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नारेडको पूंजी जुटाने को कर रहा विदेशी निवशकों की तलाश
संगठन की महाराष्ट्र यूनिट के प्रेसिडेंट संदीप रुनवाल ने कहा कि नारेडको बिना सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाए टैक्स का बड़ा हिस्सा अदा करता आया है. संगठन अब अपने प्रोजेक्ट्स में पैसा लगाने के लिए विदेशी निवेशकों की तलाश कर रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए संगठन ने तीन दिवसीय (25 से 27 नवंबर 2020) रियल एस्टेट एंड इंस्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टर्स समिट रखा है. इस समिट की थीम 'अपॉर्च्युनिटी इन द कमिंग ईयर' है. यह समिट नारेडको और एशिया पैसेफिक रियल एस्टेट एसोसिएशन ( APREA) के सयुंक्त सहयोग से हो रहा है. समिट का उद्देश्य देश-विदेश में रियल एस्टेट इंवेस्टेमेंट को बढ़ावा देना है.
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महाराष्ट्र सरकार की पॉलिसी सेक्टर के लिए बनी मददगार
नारेडको सरकार की अफोर्डेबल रेंटल पॉलिसी की तरह किसी रियल एस्टेट पॉलिसी में भी राहत की उम्मीद कर रहा है. बता दें कि महाराष्ट्र राज्य की प्रस्तावित आवास नीति इनकम टैक्स एक्ट की धारा-43(CA) और धारा-56(2)(X) के अंतर्गत दी गई छूट के तहत डेवलपर्स और होमबॉयर दोनों को टैक्स में राहत दे रही है. संगठन का मानना है कि राज्य सरकार की यह पॉलिसी संगठन के आवासीय प्रोजेक्ट की मांग को बढ़ाने में बड़ी मददगार साबित हो सकती है.
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विदेशी निवेश को बढ़ावा देना है संगठन का मकसद
नारेडको ने अगले दो साल के लिए भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में विदेशी निवेश को बढ़ा दिया है. संगठन अब ब्लैकस्टोन, ब्रुकफील्ड, जीआईसी, जेंडर, एसेन्डास, सीपीपीआईबी, वारबर्ग पिंक्स और गोल्डमैन सैश जैसे प्रमुख विदेशी फंड से उम्मीद कर रहा है कि वे इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाएं. वहीं, इस समिट के पार्टनर एनरॉक का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में रियल एस्टेट सेक्टर में 8 अरब डॉलर के पूंजी निवेश की उम्मीद है.
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