अब इन सरकारी सेविंग स्कीम में पैसे लगाने पर आपको होगा नुकसान, होने वाला है ये बड़ा बदलाव

साइबर क्राइम के बारे में सावधान
छोटी बचत योजनाएं (Small Saving Schemes) जैसे पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना तथा सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम में आपको कम इंट्रेस्ट मिल सकता है.
- भाषा
- Last Updated: March 19, 2020, 9:20 AM IST
नई दिल्ली. छोटी बचत योजनाएं (Small Saving Schemes) जैसे पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना और सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम में आपको कम इंट्रेस्ट मिल सकता है. केंद्र सरकार अगली तिमाही में छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में कटौती करने पर विचार कर रही है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. ऐसा माना जा रहा है कि इससे रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को घटाने का रास्ता साफ होगा. सरकार ने मौजूदा तिमाही के दौरान बैंक जमा दरों में कमी के बावजूद सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) जैसी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती नहीं की थी.
इस आधार पर होता है ब्याज दरों में संशोधन
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ब्याज दर में कटौती के बारे में निर्णय करेगी और कोरोना वायरस से उपजी चुनौतियों से निपटने के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा. छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है.
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बैंक कर्मचारियों की शिकायत रही है कि छोटी बचत योजनाओं पर अधिक ब्याज दर के चलते वे जमा दरों में कटौती नहीं कर पाते हैं और ऐसे में कर्ज भी सस्ता नहीं हो पाता है. इस समय एक साल की परिपक्वता वाली बैंकों की जमा दर और छोटी बचत दर के बीच लगभग एक प्रतिशत का अंतर है.
31 दिसंबर, 2019 से नहीं बदली ब्याज दरें
सरकार ने 31 दिसंबर, 2019 को पीपीएफ और एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.9 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया था, जबकि 113 महीनों की परिपक्व वाले किसान विकास पत्र की दर 7.6 प्रतिशत रखी गई थी. सरकार ने कहा था कि जनवरी-मार्च 2020 तिमाही के दौरान सुकन्या समृद्धि योजना 8.4 प्रतिशत की दर से ब्याज देगी.
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इस आधार पर होता है ब्याज दरों में संशोधन
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ब्याज दर में कटौती के बारे में निर्णय करेगी और कोरोना वायरस से उपजी चुनौतियों से निपटने के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा. छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है.
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बैंक कर्मचारियों की शिकायत रही है कि छोटी बचत योजनाओं पर अधिक ब्याज दर के चलते वे जमा दरों में कटौती नहीं कर पाते हैं और ऐसे में कर्ज भी सस्ता नहीं हो पाता है. इस समय एक साल की परिपक्वता वाली बैंकों की जमा दर और छोटी बचत दर के बीच लगभग एक प्रतिशत का अंतर है.
31 दिसंबर, 2019 से नहीं बदली ब्याज दरें
सरकार ने 31 दिसंबर, 2019 को पीपीएफ और एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.9 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया था, जबकि 113 महीनों की परिपक्व वाले किसान विकास पत्र की दर 7.6 प्रतिशत रखी गई थी. सरकार ने कहा था कि जनवरी-मार्च 2020 तिमाही के दौरान सुकन्या समृद्धि योजना 8.4 प्रतिशत की दर से ब्याज देगी.
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