PMC बैंक घोटाले के बाद को-ऑपरेटिव बैंकों को लेकर सरकार लेगी बड़ा फैसला!, ग्राहकों पर होगा असर
News18Hindi Updated: November 16, 2019, 10:01 AM IST

को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों पर होगा सीधा असर
PMC Bank मामला सामने आने के बाद अब केन्द्र सरकार बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट (Banking Regulation Act) में संशोधन की तैयारी कर रही है. संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा.
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- Last Updated: November 16, 2019, 10:01 AM IST
नई दिल्ली. केन्द्र सरकार अब को-ऑपरेटिव बैंकों को रेग्युलेट करने के लिए कदम उठाने जा रही है. इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को जानकारी दी. दरअसल, हाल ही में सामने आए पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक संकट (PMC Bank Crisis) के बाद सरकार ऐसा कदम उठाने जा रही है. बता दें कि पीएमसी बैंक ग्राहक अब 50,000 रुपये तक निकासी कर सकते हैं.
बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में बदलाव की तैयारी में सरकार
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सरकार एक ऐसे ड्राफ्ट पर काम रही है, जिसके बाद ये बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के अंतर्गत पूरी तरह से आ जाएंगे. इसके लिए बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट (Banking Regulation Act) में संशोधन करने के लिए सरकार ड्राफ्ट तैयार कर रही है. इसमें RBI इन बैंकों के प्रबंधन के ऊपर रहेगा. संभव है कि सरकार आरबीआई को इन बैंकों में नियुक्ती से लेकर कॉरपोरेट गवर्नेन्स स्ट्रक्चर में बदलाव का भी अधिकार दे दे. हालांकि, यह उन्हीं बैंकों के लिए होगा जो अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक एक कॉमर्शियल बैंक की तरह काम करना चाहते हैं.
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आरबीआई कर सकेगी रेग्युलेट
CNBC-TV18 ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) इस संशोधन को लेकर अपनी अनुमति दे दी है, जिसमें कहा गया है कि इन बैंकों के सभी गतिविधियों को बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट के तहत आरबीआई द्वारा रेग्युलेट किया जाएगा.शीतकालीन सत्र में बिल पेश कर सकती है सरकार
बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में बदलाव को लेकर वित्त सेवा विभाग भी काम कर रहा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की सबसे बड़ी चिंता इन बैंकों की जवाबदेही राज्य सरकारों, रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी और आरबीआई के मल्टी रेग्युलेटरी रिजीम के पास होती है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस संबंध में आगामी शीतकालीन सत्र में बिल पेश कर सकती है.
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आरबीआई ने दिया है सरकार को इनपुट
बता दें कि बीते 7 नवंबर को वित्त मंत्री से मुलाकात के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा था कि को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट (Co-operative Socities Act) में संशोधन को लेकर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी इनपुट सरकार को सौंप दी है. अब यह सरकार पर निर्भर करता है.
बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में बदलाव की तैयारी में सरकार
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सरकार एक ऐसे ड्राफ्ट पर काम रही है, जिसके बाद ये बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के अंतर्गत पूरी तरह से आ जाएंगे. इसके लिए बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट (Banking Regulation Act) में संशोधन करने के लिए सरकार ड्राफ्ट तैयार कर रही है. इसमें RBI इन बैंकों के प्रबंधन के ऊपर रहेगा. संभव है कि सरकार आरबीआई को इन बैंकों में नियुक्ती से लेकर कॉरपोरेट गवर्नेन्स स्ट्रक्चर में बदलाव का भी अधिकार दे दे. हालांकि, यह उन्हीं बैंकों के लिए होगा जो अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक एक कॉमर्शियल बैंक की तरह काम करना चाहते हैं.
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आरबीआई कर सकेगी रेग्युलेट
CNBC-TV18 ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) इस संशोधन को लेकर अपनी अनुमति दे दी है, जिसमें कहा गया है कि इन बैंकों के सभी गतिविधियों को बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट के तहत आरबीआई द्वारा रेग्युलेट किया जाएगा.शीतकालीन सत्र में बिल पेश कर सकती है सरकार
बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट में बदलाव को लेकर वित्त सेवा विभाग भी काम कर रहा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की सबसे बड़ी चिंता इन बैंकों की जवाबदेही राज्य सरकारों, रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी और आरबीआई के मल्टी रेग्युलेटरी रिजीम के पास होती है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस संबंध में आगामी शीतकालीन सत्र में बिल पेश कर सकती है.
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आरबीआई ने दिया है सरकार को इनपुट
बता दें कि बीते 7 नवंबर को वित्त मंत्री से मुलाकात के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा था कि को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट (Co-operative Socities Act) में संशोधन को लेकर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी इनपुट सरकार को सौंप दी है. अब यह सरकार पर निर्भर करता है.
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First published: November 15, 2019, 9:21 PM IST