सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में इस साल किए बदलाव! अब आपकी बेटी को मिलेंगे 73 लाख रुपए, जानिए कैसे?

सुकन्या समृद्धि योजना
बेटियों का भविष्य वित्तीय रूप से सुरक्षित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना सबसे बेहतर निवेश योजना माना जाता है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि यह एक सरकारी स्कीम है और इसमें बेहतर रिटर्न भी मिलता है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 17, 2020, 9:35 AM IST
नई दिल्ली. बेटियों का भविष्य वित्तीय रूप से सुरक्षित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme) सबसे बेहतर निवेश योजना माना जाती है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि यह एक सरकारी स्कीम है और इसमें बेहतर रिटर्न भी मिलता है. इसके अलावा 10 साल से कम उम्र की बच्ची के लिए उच्च शिक्षा और शादी के लिए बचत करने के लिहाज से केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना एक अच्छी निवेश योजना है. इस निवेश स्कीम में कई बदलाव हुए हैं. 12 दिसंबर 2019 के एक नोटिफिकेशन में इस बारे में बताया गया है. वित्त मंत्रालय ने इस बारे में बताया है कि सुकन्या समृद्धि स्कीम में क्या क्या बदला गया है. आइए आपको बताते हैं इस स्कीम से जुड़ी सभी जानकारी..
समय से पहले बंद करने पर
सुकन्या योजना के नए नियमों के तहत अगर तय समय से पहली किसी सुकन्या अकाउंट को बंद कर दिया जाता है तो इसकी इजाजत है. बच्ची को किसी गंभीर बीमारी या माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में सुकन्या अकाउंट बंद किया जा सकता है. पहले सुकन्या स्कीम में बच्ची की मौत या उसके निवास स्थान में बदलाव के बाद ही अकाउंट बंद करने की सुविधा थी.
सुरक्षित भविष्यसुकन्या समृद्धि योजना में हालांकि कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. आपके लिए हालांकि यह भी जानना जरूरी है कि बेटियों का भविष्य सुरक्षित करने वाली इस सरकारी बचत स्कीम में क्या बदलाव हुए हैं.
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अधिक ब्याज
सुकन्या योजना के नए नियमों में अगर आप किसी वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये की रकम जमा नहीं भी कर पाते हैं तब भी इसे डिफॉल्ट अकाउंट ही माना जायेगा. नए नियम के मुताबिक डिफॉल्ट अकाउंट में जमा रकम पर भी वहीं ब्याज मिलेगा जो नियमित अकाउंट पर मिलता है.
सुकन्या अकाउंट को कैसे ऑपरेट करें
नए नियमों के मुताबिक सुकन्या अकाउंट बच्ची के 18 साल का होने तक नहीं चलाया जा सकता. पहले सुकन्या अकाउंट में यह सुविधा थी कि बच्ची 10 साल की उम्र के बाद अपने सुकन्या अकाउंट को ऑपरेट कर सकती है. नए नियम के अनुसार सुकन्या अकाउंट बच्ची के अभिभावक ही चला सकते हैं.
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दो से अधिक बेटी हो तब
अगर आपके पास दो से अधिक बेटियां हैं तो उसके लिए खोले जाने वाले सुकन्या समृद्धि अकाउंट के नियम भी बदल गए हैं. अगर आप दो बेटी से अधिक के लिए सुकन्या अकाउंट खोल रहे हैं तो उनके बर्थ सर्टिफिकेट के साथ एक एफ्फिडेविट भी देने की जरूरत है. पुराने नियम में अभिभावक को मेडिकल सर्टिफिकेट देना पड़ता था.
कौन से नियम बदले?
इनके अलावा सुकन्या अकाउंट से संबंधित कई प्रावधान बदल दिए गए हैं और कुछ के बारे में स्पष्टीकरण दिया गया है. नए नियम में गलती से जमा ब्याज को वापस लेने से रोका गया है. अब सुकन्या अकाउंट में हर वित्त वर्ष के आखिर में ब्याज दिया जायेगा.
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समय से पहले बंद करने पर
सुकन्या योजना के नए नियमों के तहत अगर तय समय से पहली किसी सुकन्या अकाउंट को बंद कर दिया जाता है तो इसकी इजाजत है. बच्ची को किसी गंभीर बीमारी या माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में सुकन्या अकाउंट बंद किया जा सकता है. पहले सुकन्या स्कीम में बच्ची की मौत या उसके निवास स्थान में बदलाव के बाद ही अकाउंट बंद करने की सुविधा थी.
सुरक्षित भविष्यसुकन्या समृद्धि योजना में हालांकि कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. आपके लिए हालांकि यह भी जानना जरूरी है कि बेटियों का भविष्य सुरक्षित करने वाली इस सरकारी बचत स्कीम में क्या बदलाव हुए हैं.
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अधिक ब्याज
सुकन्या योजना के नए नियमों में अगर आप किसी वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये की रकम जमा नहीं भी कर पाते हैं तब भी इसे डिफॉल्ट अकाउंट ही माना जायेगा. नए नियम के मुताबिक डिफॉल्ट अकाउंट में जमा रकम पर भी वहीं ब्याज मिलेगा जो नियमित अकाउंट पर मिलता है.
सुकन्या अकाउंट को कैसे ऑपरेट करें
नए नियमों के मुताबिक सुकन्या अकाउंट बच्ची के 18 साल का होने तक नहीं चलाया जा सकता. पहले सुकन्या अकाउंट में यह सुविधा थी कि बच्ची 10 साल की उम्र के बाद अपने सुकन्या अकाउंट को ऑपरेट कर सकती है. नए नियम के अनुसार सुकन्या अकाउंट बच्ची के अभिभावक ही चला सकते हैं.
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दो से अधिक बेटी हो तब
अगर आपके पास दो से अधिक बेटियां हैं तो उसके लिए खोले जाने वाले सुकन्या समृद्धि अकाउंट के नियम भी बदल गए हैं. अगर आप दो बेटी से अधिक के लिए सुकन्या अकाउंट खोल रहे हैं तो उनके बर्थ सर्टिफिकेट के साथ एक एफ्फिडेविट भी देने की जरूरत है. पुराने नियम में अभिभावक को मेडिकल सर्टिफिकेट देना पड़ता था.
कौन से नियम बदले?
इनके अलावा सुकन्या अकाउंट से संबंधित कई प्रावधान बदल दिए गए हैं और कुछ के बारे में स्पष्टीकरण दिया गया है. नए नियम में गलती से जमा ब्याज को वापस लेने से रोका गया है. अब सुकन्या अकाउंट में हर वित्त वर्ष के आखिर में ब्याज दिया जायेगा.
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