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कृषि आंदोलन पर ट्वीटः एक्सपोज होने के बाद ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर अकाउंट से डिलीट किया ये डॉक्युमेंट

कुछ आलोचकों का कहना है कि ‘टूलकिट’ भारत में प्रदर्शनों को हवा देने की उनकी साजिश का ‘‘सबूत’’ हैं.

कुछ आलोचकों का कहना है कि ‘टूलकिट’ भारत में प्रदर्शनों को हवा देने की उनकी साजिश का ‘‘सबूत’’ हैं.

भारत में चल रहे कृषि आंदोलन को लेकर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक न्यूज़ रिपोर्ट को शेयर करने के बाद ट्विटर के ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. भारत में 3 कृषि कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन पर एक ट्वीट के बाद ग्रेटा थनबर्ग अब एक्सपोज हो चुकी हैं. दरअसल, 18 साल की इस पर्यावरण एक्टिविस्ट ने मौजूदा हलचल के बीच अपने ट्विटर अकाउंट पर एक डॉक्युमेंट शेयर किया था, जिसे उन्होंने ‘टूलकिट’ बताया. इस डॉक्युमेंट के जरिए ग्रेटा थनबर्ग भारत में चल रहे कृषि आंदोलन के बीच किसानों के लिए आवाज़ उठाने की अपील कर रही थीं. इस डॉक्युमेंट का टाइटल ‘ASKINDIAWHY’ रखा गया था, जिसमें कृषि आंदोलन की आड़ में भारत सरकार और दूसरे भारतीय कॉरपोरेट्स को टार्गेट करने के लिए निर्देश दिए गए थे. हालांकि, इस डॉक्युमेंट को शेयर करने के कुछ देर बाद उन्होंने इसे डिलीट भी कर दिया.

    इसके पहले भी ग्रेटा ने दिल्ली के कुछ इलाकों में इंटरनेट बंद करने को लेकर एक न्यूज़ रिपोर्ट शेयर किया था. बता दें कि दिल्ली पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. ग्रेटा ने इस रिपोर्ट के साथ लिखा, ‘हम भारत के #FarmersProtest में एकजुटता से खड़े होते हैं.’ इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाले कई लोगों ने ट्वीट किया. इसमें रिहाना, अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की रिश्तेदार मीना हैरिस, लिली सिंह, मिया खलीफा और जय सीन ने भी ट्वीट किया था.

    ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए गए डॉक्युमेंट में क्या था?
    ग्रेटा द्वारा शेयर किए गए इस डॉक्युमेंट में 6 पन्ने हैं. इसमें दुनियाभर के लोगों को समझाने के लिए बताया गया है कि अभी तक क्या किया जा चुका है और अपने क्षेत्र में नजदीकी भारतीय दूतावास पर कैसे प्रदर्शन किया जा सकता है. इस प्रदर्शन की फोटो कैसे शेयर करें. इस कथित ‘टूलकिट’ में बताया गया है कि ट्विटर पर किन हैशटैग्स का इस्तेमाल करना है और किन ऑफिसेज को टैग करना है.

    इस ‘टूलकिट’ को पढ़ने के बाद कई निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं. इसमें बताया गया है कि भारतीय दूतावास, सरकारी कार्यालय और मीडिया हाउसेज के नजदीक कैसे प्रदर्शन करना है. इस डॉक्युमेंट में 21-26 फरवरी के बीच भारत सरकार के खिलाफ वैश्विक स्तर पर विरोध करने की भी तैयारी के बारे में जानकारी मिलती है. ध्यान देने वाली बात है कि ग्रेटा थनबर्ग के ट्विटर अकाउंट से इस ट्वीट को डिलीट किया जा चुका है.

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    विदेशी मंत्रालय ने क्या कहा है?
    बता दें कि सरकार ने इन दुनियाभर के कई हस्तियों द्वारा ट्वीट के बाद एक बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के मामलों पर बयान देने से पहले बेहतर है कि इनसे जुड़े सभी तथ्यों को समझा जाए. बयान में कहा गया, ‘इस तरह का सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग्स, खासतौर से सेलेब्रिटिज की तरफ से आना, न तो सटीक और न ही जिम्मेदारी भरा है.’ सरकार ने साफ कर दिया है कि इस तरह के फार्म रिफॉर्म्स को संसद में बहस और चर्चा के बाद पास किया गया है. केंद्र सरकार ने किसान प्रतिनिधियों से 11 बार बैठक भी की है.

    गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इन कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है. इसके अलावा प्रदर्शन करने वाले किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता के लिए एक कमेटी भी बनाई है.

    Tags: Farm laws, Farmer Protest, Greta Thunberg, India Farmer Protests

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