बराक ओबाता के कार्यकाल में बने नियमों को कोर्ट में चुनौती दी गई थी. (Image : Canva)
नई दिल्ली. अमेरिका में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को लेकर अमेरिकी कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. अमेरिका कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर किसी के पास एच-1बी वीजा (H-1B visa) है तो उसके जीवनसाथी को देश में काम करने की अनुमति है. सेव जॉब्स यूएसए नामक एक संगठन ने एच-1बी वीजाधारकों की कुछ श्रेणियों के जीवनसाथी को काम करने का अधिकार देने वाले नियमों को खारिज करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. ये नियम बराक ओमाबा के राष्ट्रपति रहते बनाए गए थे. कोर्ट के इस फैसले से भारतीयों को भी फायदा होगा क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय भी एच-1बी वीजाधारक हैं.
अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज तान्या चुटकन ने सेव जॉब्स यूएसए की याचिका खारिज करते हुए कहा कि एच-1बी वीजाधारक के पति या पत्नी को भी अमेरिका में काम करने की अनुमति है. सेव जॉब्स यूएसए की याचिका का अमेजन, एप्पल, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक कंपनियों ने विरोध किया था. कोर्ट के इस फैसले का फायदा एक लाख एच-1बी वीजाधारकों को होगा. इनमें बड़ी संख्या में भारतीय शामिल हैं.
कोर्ट ने नहीं मानी सेव जॉब्स की अपील
सेव जॉब्स यूएसए ने दलील दी की कांग्रेस ने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी अथॉरिटी को एच-4 वीजा धारकों जैसे विदेशी नागरिकों के जीवनसाथी को अमेरिका में काम करने की इजाजत देने का अधिकार नहीं दिया है. कोर्ट ने इस तर्क को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस ने अमेरिकी सरकार को ये अधिकार जानबूझकर दिया है कि वह अमेरिका में पति या पत्नी के ठहरने की शर्त के रूप में रोजगार को ऑथराइज्ड करे.
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रवासियों को कानूनी सहायता प्रदान करने वाले वकील अजय भुटोरिया ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि H1B वीजा कार्यक्रम को दूसरे देशों के कुशल कर्मचारियों को अमेरिका आने और यहां की कंपनियों में काम करने की इजाजत देने के लिए लागू किया गया था. अभी तक इसके तहत पति या पत्नी को काम करने की इजाजत नहीं थी. इस कारण यहां रहने वाले परिवारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता था. अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि वीजाधारक का जीवनसाथी भी काम करके पैसे अर्जित कर पाएंगे.
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