कॉरपोरेट हेल्थ प्लान को पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस में कंवर्ट करने के लिए आपको मौजूदा बीमा कंपनी के एक प्लान का चयन करना होगा
नई दिल्ली. अगर आप प्राइवेट जॉब में हैं और नई नौकरी मिलने पर अपनी मौजूदा जॉब छोड़ रहे हैं तो एक बात जान लें कि इस फैसले इसके साथ ही आपको अपने एम्पलॉयर से मिलने वाली सैलरी के साथ-साथ हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) की सुरक्षा खत्म हो जाएगी. जैसे ही आप नई कंपनी ज्वाइन करेंगे वहां फिर से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आपको मिल जाएगा. लेकिन इस बीच अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी आ गई तो आप क्या करेंगे? स्वाभाविक है कि हेल्थ इंश्योरेंस की सुरक्षा नहीं होने पर आपको मेडिकल खर्चों का भुगतान अपनी जेब से करना होगा. लेकिन एक तरीका है जो आपको इस परेशानी से बचा सकता है.
कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को आप नौकरी छोड़ने से पहले इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी में कंवर्ट करा सकते हैं. इसका फायदा यह होगा कि नौकरी छोड़ने के बाद भी आपके पास स्वास्थ्य बीमा की सुरक्षा रहेगी और आपको किसी भी हालात में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. आइये जानते हैं आखिर कैसे कॉर्पोरेट हेल्थ प्लान को पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कंवर्ट किया जा सकता है.
कॉर्पोरेट हेल्थ प्लान को कैसे पर्सनल पॉलिसी में करें कंवर्ट
दरअसल कर्मचारी के पास हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को पोर्ट या पॉलिसी कंवर्ट करने का विकल्प होता है. कंपनी से नौकरी छोड़ने के बाद एम्पलाई पॉलिसी कंवर्ट चार्ज देकर हेल्थ पॉलिसी को एक पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम में बदल सकते है. कई कॉरपोरेट हेल्थ प्लान यह विकल्प देते हैं. इसका सबसे बड़ा
फायदा यह होता है कि पॉलिसी में अर्जित या संचित किए लाभ नष्ट नहीं होते हैं और बीमित व्यक्ति कंपनी बदलने या रिटायरमेंट के बाद भी इंश्योरेंस कवरेज में मिलने वाले लाभ प्राप्त कर सकता है.
इसके अलावा अगर आप इंश्योरेंस कंपनी सर्विसेज और सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं तो बीमा पॉलिसी को पोर्ट करा सकते हैं. हर पॉलिसी होल्डर रेनेवल के समय इंश्योरेंस कंपनी बदलने यानी पोर्ट करने पर विचार कर सकता है.
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