होम लोन की सुरक्षा के लिहाज से हमारे सामने दो विकल्प होते हैं. पहला- टर्म पॉलिसी और दूसरा- होम लोन इंश्योरेंस
नई दिल्ली. घर खरीदने और बनाने के लिए बड़ी पूंजी की जरुरत होती है. ऐसे में हर व्यक्ति होम लोन लेता है चूंकि बैंक से मिलने वाले कर्ज को एक तय सीमा में EMI के जरिए चुकाना होता है. होम लेने लेते समय अक्सर कंपनी ग्राहक को इंश्योरेंस की सुरक्षा देती है. हर बैंक द्वारा आपको होम लोन इंश्योरेंस ऑफर किया जाता है. इस प्लान के तहत ग्राहक की आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर उसके द्वारा लिए गए होम लोन की भरपाई बीमा कंपनी करती है.
होम लोन की सुरक्षा के लिहाज से हमारे सामने दो विकल्प होते हैं. पहला- टर्म पॉलिसी और दूसरा- होम लोन इंश्योरेंस. होम लोन इंश्योरेंस को आम तौर पर होम लोन प्रोटेक्शन प्लान (HLPP) भी कहा जाता है. अक्सर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि होम लोन इंश्योरेंस लेना ज्यादा सही फैसला है या टर्म इंश्योरेंस खरीदना. आइये एक्सपर्ट्स की मदद से समझते हैं किन परिस्थितियों में कौन-सा निर्णय सही रहेगा?
प्रीमियम का पैसा रखता है मायने
कर और निवेश सलाहकार बलवंत जैन के अनुसार, होम लोन की सुरक्षा के लिए आपको टर्म प्लान लेना चाहिए या होम लोन प्रोटेक्शन प्लान, इस बात का फैसला करने में सबसे महत्वपूर्ण है प्रीमियम का पैसा. क्योंकि होम लोन प्रोटेक्शन प्लान में आपको एकमुश्त रकम प्रीमियम के तौर पर चुकानी होती है. वहीं, टर्म प्लान में आपके पास प्रीमियम का भुगतान नियमित अंतराल पर करने की सुविधा मिलती है.
बलवंत जैन कहते हैं कि यदि आप होम लोन प्रोटेक्शन प्लान लेते हैं और समय से पहले होम लोन चुका देते हैं तो HLPP के तहत मिलने वाला इंश्योरेंस कवर भी खत्म हो जाता है और इसके लिए आपके द्वारा प्रीमियम के तौर पर भुगतान की गई रकम बेकार चली जाती है. यदि आप टर्म इंश्योरेंस लेते हैं तो आप किस्तो में प्रीमियम अदा करते हैं और होम लोन का पैसा पटाने के बाद भी आपको टर्म इंश्योरेंस की सुरक्षा जारी रहती है. हालांकि, आप चाहें तो टर्म इंश्योरेंस भी बंद कर सकते हैं.
HLPP और टर्म इंश्योरेंस में प्रीमियम की लागत
सामान्यतः किसी युवा को एक करोड़ रुपये का टर्म प्लान 8000 से 15000 रुपये के प्रीमियम में मिल जाता है, जबकि HLPP में एक करोड़ रुपये की सुरक्षा के लिए आपको एकमुश्त 50,000 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं. हालांकि, प्रीमियम की राशि ग्राहक की आयु, होम लोन या टर्म लोन की अवधि व इंश्योरेंस कवर पर निर्भर करती है जो सभी के लिए अलग-अलग हो सकती है.
होम लोन प्रोटेक्शन प्लान और टर्म प्लान में मिलने वाली सुरक्षा
टर्म इंश्योरेंस प्लान लेने पर व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके परिवार को बीमा रकम मिल जाती है. बीमा कंपनी से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल परिजन अपने अनुसार कर सकते हैं. यानी वे होम लोन भी चुका सकते हैं और वित्तीय जरूरतों भी पूरा कर सकते हैं.
लेकिन HLPP में सिर्फ होम लोन की रकम कवर होती है. इस स्थिति में HLPP बेचने वाली कंपनी व्यक्ति के नहीं रहने की स्थिति में सिर्फ उसके होम लोन की रकम बैंक को चुका देती है. एक बार होम लोन की रकम चुका देने के बाद कंपनी की देनदारी खत्म हो जाती है.
पहले से टर्म प्लान हैं तो क्या करें?
अगर आपके पास पहले से कोई टर्म प्लान है तो जरूरी नहीं है कि होम लोन लेने पर होम प्रोटेक्शन प्लान खरीदें. मान लीजिये, आपने पूर्व में 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंस लिया है जो फिलहाल चल रहा है. अब आप 50 लाख रुपये का होम लोन ले रहे हैं तो आप बैंक को यह बता सकते हैं कि मेरे पास 1 करोड़ के टर्म इंश्योरेंस की सुरक्षा उपलब्ध है.
ऐसी स्थिति में बैंक आपसे टर्म पॉलिसी बैंक को असाइन करने के लिए कह सकता है यानी आपको पॉलिसी में बैंक को नॉमिनी बनाना होगा ताकि किसी भी दुर्भाग्यवश परिस्थिति में बैंक को लोन की रकम का भुगतान आसानी से हो सके. वहीं, लोन राशि के अलावा बचा पैसा आपके परिवार को मिल जाएगा.
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