home loan पर कब नहीं मिलती है टैक्स में छूट. (news18)
नई दिल्ली. कई बार प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री व अन्य कागजी कार्यवाहियों में पैसा बचाने के लिए कर्जधारक अपनी जीवनसाथी के नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर कर देता है. ऐसे में एक सवाल यह उठता है कि क्या इस लोन पर अब वह टैक्स में छूट प्राप्त कर पाएंगे. इसका जवाब हां और ना दोनों हो सकता है और ये इस बात पर निर्भर करेगा कि घर में क्या पूरी तरह उनकी पत्नी के नाम पर है या फिर वह भी घर में कुछ हिस्सेदार हैं.
मिंट में छपे एक लेख में निवेश और टैक्स सलाहकार बलवंत जैन कहते हैं कि कोई व्यक्ति या HUF (हिंदू यूनाइटेड फैमिली) 2 तरह तरीके से होम लोन पर टैक्स में राहत प्राप्त कर सकती है. पहली राहत आयकर की धारा 80(सी) के तहत घर कर्ज के लिए गए मूलधन को चुकाने पर मिलती है. दूसरी छूट धारा 24(बी) के तहत आपके द्वारा दिए जा रहे ब्याज पर मिलती है. इन दोनों ही तरीकों से टैक्स राहत लेने के लिए आपको 2 शर्तें पूरी करनी होती हैं.
क्या हैं शर्तें
पहली शर्त यह होती है कि आप उस घर के मालिक होने चाहिए. आप अकेले भी मालिक हो सकते हैं और किसी के साथ भी. दूसरी शर्त कि आपने लोन अकेले या किसी के साथ साझेदारी में लिया हो. इसमें जो पहली शर्त है वह अनिवार्य है. इसका मतलब है कि आपको घर का मालिक या कम-से-कम को-ओनर तो होना ही होगा. अगर आप पहली कंडीशन पूरी नहीं करते हैं और घर की इकलौती मालिक आपकी जीवनसाथी है तो आप लोन पर टैक्स छूट नहीं ले सकते. भले ही लोन की किस्त सीधे तौर पर आप ही क्यों न भर रहे हों.
कितनी मिलेगी छूट
अगर आप घर के सह-मालिक हैं तो भी यह आपको पूरी छूट नहीं मिलेगी. ज्ञात रहे कि घर की हिस्सेदारी लोन लेने के समय शरुआत में ही तय हो जाती है. आप टैक्स में छूट भी इसी अनुपात में ले सकते हैं. जितना हिस्सा आपका घर में है आप उतने के हिसाब से छूट का दावा करने के हकदार हैं. गौरतलब है कि टैक्स में छूट केवल घर खरीदने या बनाने के लिए लगे लोन पर ही नहीं मिलती, अगर आप घर की मरम्मत के लिए लोन लेते हैं तब भी आपको टैक्स में राहत मिलेगी.
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