साल 2021 में कंपनियों ने आईपीओ के जरिये करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं.
नई दिल्ली. भारत में खुदरा निवेशकों की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है और इसमें बड़ी संख्या पहली बार पैसे लगाने वाले कम उम्र के निवेशकों की है. यह युवा निवेशकों के लिए रोमांचक समय है, लेकिन जब बात IPO की आती है, तो उन्हें भी सावधान रहने और कुछ बुनियादी निवेश गलतियों से बचने की जरूरत है.
भारतीय शेयर बाजार में पिछले साल से IPO में तेजी देखी जा रही है. महामारी से उबरकर कंपनियां अपने विस्तार की ओर बढ़ रही हैं, जिसके लिए धन जुटाने की मंशा से ताबड़तोड़ आईपीओ बाजार में आ रहे हैं. युवा निवेशकों को आईपीओ में पैसे लगाने से पहले किन बुनियादी बातों का ध्यान रखना चाहिए, एंजेल वन लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट अमरजीत मौर्य इसकी पूरी जानकारी दे रहे हैं.
कंपनी के कारोबारी मॉडल को समझें
कंपनी के कारोबारी मॉडल को समझने के लिए और आईपीओ की कीमत किस वैल्यूएशन पर रखी गई है, यह समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कंपनी के फंडामेंटल को देखते हुए आईपीओ का कम या ज्यादा मूल्यांकन किया जाता है. वॉरेन बफे ने बिना किसी स्पष्ट व्यावसायिक मॉडल वाली कंपनियों में निवेश करने के खिलाफ चेतावनी दी है. विविध पोर्टफोलियो बनाकर आप इस गलती को करने से भी बच सकते हैं।
कंपनी के नाम के झांसे में न आएं
हाल ही में हमने देखा है कि पेटीएम और ज़ोमैटो जैसी नई युग की कंपनियों को लेकर निवेशकों का क्या शानदार रुख रहा. इन आईपीओ को लेकर मिलेनियल्स और जेनरेशन जेड के निवेशकों के बीच काफी उत्साह था, लेकिन बाजार में लिस्टेड होने के बाद इन कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन उतना स्थायी नहीं रहा.
ये भी पढ़ें – फुटवियर बनाने वाली ये कंपनी अगले महीने ला सकती है अपना आईपीओ, पढ़ें डिटेल्स
बाजार में प्रवेश करने का समय
अनुभवी निवेशकों के लिए भी बाजार को समय देना मुश्किल काम लगता है. भारतीय निवेशक गिरावट आते ही बाजार से दूर हो जाते हैं. ऐसा करने के बजाए लंबे समय तक टिके रहने की रणनीति अपनानी चाहिए. आईपीओ को लेकर भी निवेशकों को लंबी अवधि पर ध्यान देना चाहिए और छोटी अवधि में होने वाले उतार-चढ़ाव को गुजर जाने देना चाहिए.
पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन पर अमल करें
निवेशकों को कभी भी अपना सारा पैसा एक निवेश फंड में नहीं लगाना चाहिए. पोर्टफोलियो के विस्तार के साथ विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों जैसे जिंसों, संपत्ति, शेयरों और बांडों में धन बांट देना चाहिए. एक फंड में 10% से अधिक राशि न लगाई जाए. इसका एक और तरीका म्युचुअल फंड है, जहां निवेशक अलग-अलग निवेश लक्ष्यों के साथ कई म्युचुअल फंड में निवेश करके भी जोखिम घटा सकते हैं.
भावनाओं के आवेश में निर्णय न लें
यह पूंजी बाजार का सच है कि यहां भय और लालच बाजार पर राज करते हैं. एक निवेशक के रूप में आप डर को खुद पर हावी न होने दें और न ही किसी भावना के आवेश में आकर फैसला करें. याद रखें कि शेयर बाजार का रिटर्न कम समय सीमा में उतार-चढ़ाव वाला होता है. लंबे समय तक रुके रहे तो लार्ज कैप वाले शेयर 10 फीसदी से अधिक रिटर्न देंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Investment tips, IPO, Share market