भारतीय शेयर बाजार अभी नौ महीने के शीर्ष पर है.
नई दिल्ली. एक निवेशक के तौर पर आप देखें तो पिछले एक साल से भारतीय और ग्लोबल इक्विटी मार्केट काफी अस्थिर (volatile) रहे हैं. बढ़ती महंगाई का मुकाबला करने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं. भारत के सेंट्रल बैंक, सरकार और कॉरपोरेट्स ने मिलकर अब तक स्थिति को बहुत अच्छी तरह से संभाला है, लेकिन ग्लोबल मार्केट का जोखिम अभी बरकरार है. ऐसे में एक निवेशक को अपना पोर्टफोलियो किस तरह बनाना चाहिए, ताकि वह बाजार के जोखिम से दूर रहकर मोटा मुनाफा कमा सके.
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ निमेश शाह का कहना है कि आज दुनिया पहले की तुलना में बहुत अधिक आपस में जुड़ी हुई है और इस लिहाज से अगर दुनिया में कोई समस्या आती है तो भारत में इक्विटी निवेशकों के लिए सफर आसान नहीं रह जाता. हमें यह देखना होगा कि भू-राजनीतिक घटनाक्रम कैसे सामने आता है और आगे बढ़ता है. एक व्यक्तिगत निवेशक के रूप में आपको अपना पोर्टफोलियो मुख्य रूप से तीन विकल्पों के इर्द-गिर्द तैयार करना चाहिए.
डेट म्यूचुअल फंड है काफी आकर्षक
डेट म्यूचुअल फंड पिछले 18-20 महीने में फिर आकर्षक दिखने लगा है. अनुमान है कि आने वाली बैठकों में रेपो दर में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची हैं. इसलिए भविष्य में ऊंची अक्रूअल स्कीम और डाइनैमिक ड्यूरेशन वाली स्कीम पर दांव लगाना बेहतर होगा. हमारा मानना है कि फ्लोटिंग रेट बांड अर्थात एफआरबी आगे बेहतर प्रदर्शन कर सकता है. निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि डेट म्यूचुअल फंड की पोर्टफोलियो में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
एसआईपी के जरिये लगाएं पैसा
शाह ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जब तक यूएस फेड मुद्रास्फीति से निपटने के लिए सभी उपलब्ध उपायों का सहारा लेगा, तब तक मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रहेगा. लिहाजा निवेशकों को अभी सावधानी बरतनी चाहिए. आने वाले वर्ष में, निवेशकों को आदर्श रूप से तीन से पांच साल के समय के साथ एसआईपी के जरिये पैसे लगाने चाहिए. इक्विटी इनवेस्टमेंट के नजरिए से एकमुश्त पैसे लगाना सही फैसला नहीं होगा. लिहाजा निवेशकों को बूस्टर एसआईपी, बूस्टर एसटीपी, फ्रीडम एसआईपी या फ्रीडम एसडब्ल्यूपी जैसे फीचर्स पर जोर देना चाहिए.
गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ जबरदस्त विकल्प
किसी निवेशक का पोर्टफोलियो जितना डाइवर्सिफाई रहेगा, उसमें जोखिम के चांज उतने ही कम रहेंगे. मौजूदा अनिश्चितता को देखते हुए सोने और चांदी में इन्वेस्टमेंट करना बेहतर फैसला हो सकता है. ये विकल्प महंगाई और करेंसी डेप्रिसिएशन दोनों का बचाव करते हैं. इनवेस्टर्स इसमें ईटीएफ के जरिए निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, उनके लिए गोल्ड या सिल्वर फंड ऑफ फंड अच्छा विकल्प बन सकता है.
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Tags: Business news in hindi, Investment tips, Money Making Tips, Mutual fund, Share market
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