रामपुर के वायलिन को हुनर हाट में मिलेगी खास जगह, अब नबावों के शहर में हर साल लगेगा हुनरमंदों का जामवड़ा
रामपुर के वायलिन को हुनर हाट में मिलेगी खास जगह, अब नबावों के शहर में हर साल लगेगा हुनरमंदों का जामवड़ा
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर में 18-27 दिसंबर तक आयेाजित होने वाले हुनर हाट में जरदोजी कारीगरों को भी तरजीह दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश के रामपुर में 18 से 27 दिसंबर 2020 तक 'हुनर हाट' (Hunar Haat) का आयोजन किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने बताया कि हुन हाट में 27 राज्यों से आने वाले दस्तकारों और शिल्पकारों (Artisans) के करीब 200 स्टॉल लगाए जाएंगे. इससे उन्हें रोजगार के नए अवसर (Employment Opportunities) मिलेंगे. साथ उनके उत्पादों को दुनियाभर में पहचान मिलेगी.
नई दिल्ली. कोरोना संकट और चीन के सस्ते वायलिन से मिली चुनौती के कारण उत्तर प्रदेश (UP) के रामपुर (Rampur) के चार तार वाले और ब्राजील, कश्मीर व हिमाचल की खास लकड़ी से बने उमदा लेकिन महंगे वायलिन की मांग लगातार घटती चली गई. हालात कुछ ऐसे हो गए कि बॉलीवुड (Bollywood) के ज्यादातर गानों में धुन छेड़ने वाला नवाबों के शहर का ये वायलिन गुमनामी में कहीं खामोश सा हो गया. अब रामपुर के नुमाइश ग्राउंड में 18 दिसंबर 2020 से शुरू होने वाले 'हुनर हाट' (Hunar Haat) में स्थानीय चार तारे वाले इस वायलिन को बनाने वाले हुनरमंदों को खास जगह देकर उनके कारोबार को पंख लगाए जाएंगे. अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने बताया कि रामपुर में लगने वाला ये हुनर हाट इस श्रृंखला का 23वां आयोजन होगा. बता दें कि कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) करेंगे.
हाट में 27 राज्यों के शिल्पकार और दस्तकार लगाएंगे करीब 200 स्टॉल
नकवी ने बताया कि रामपुर में आयोजित होने वाले हुनर हाट की थीम 'वोकल फॉर लोकल' (Vocal for Local) होगी. उन्होंने बताया कि हुनर हाट में वायलिन के अलावा रामपुर के कारचोब, जरी व पेचवर्क के दस्तकारों को भी तव्वजो दी जाएगी. साथ ही बताया कि अब रामपुर में हर साल दिसंबर में हुनर हाट का आयोजन होगा. इससे स्थानीय दस्तकारों और शिल्पकारों (Artisans) के प्रोडक्ट्स की पहुंच दुनियाभर के बाजारों (Global Market) तक बढ़ाने का मौका मिलेगा और उनकी आमदनी (Income) में इजाफा होगा. उन्होंने बताया कि यहां देश के 27 राज्यों से आने वाले हर समाज के दस्तकारों और शिल्पकारों के करीब 200 स्टॉल (Stalls) लगाए जाएंगे.
केरल-लद्दाख के हर्बल प्रोडक्ट्स तो चांदनी चौक की चाट का लगेगा तड़का
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हुनर हाट के सभी स्टॉल ई-प्लेटफॉर्म (E-Platform) पर भी होंगे. इसके जरिये देश-दुनिया के खरीदार अपने पसंदीदा प्रोडक्ट के स्टॉल से सीधे संपर्क कर ऑर्डर दे सकेंगे. यही नहीं, यहां 9 स्टॉल खादी ग्रामोद्योग के भी होंगे. रामपुर में 27 दिसंबर तक चलने वाले हुनर हाट में शहर के अलावा आसपास के जिलों के लोगों को केरल (Kerala) व लद्दाख (Ladakh) के हर्बल प्रोडक्ट्स खरीदने का मौका भी मिलेगा. इसके अलावा हुनर हाट पहुंचने वाले लोग दिल्ली के चांदनी चौक की चाट के स्टॉल पर पारंपरिक चाट का स्वाद चख सकेंगे. उन्होंने बताया कि 5 साल में हुनर हाट के जरिये 5 लाख से ज्यादा भारतीय शिल्पकारों और दस्तकारों को रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए हैं. रामपुर का जरदोजी, टोपी, पेचवर्क का काम कई देशों में पसंद किया जाता है. वहीं, रामपुरी चाकू शहर की तंग गलियों से निकलकर बॉलीवुड फिल्मों तक में अपनी छाप छोड़ चुका है.
रामपुर के वायलिन में तीन तरह की लकड़ी के नाप की होती है बड़ी भूमिका
रामपुर के वायलिन बनाने में नाप की सबसे अहम भूमिका होती है. इसमें ब्राजील से मंगाई गई चिनार की लकड़ी से आधार बनाया जाता है. इसके बाद ऊपरी हिस्से को हिमाचल प्रदेश से लाई गई फर के पेड़ की लकड़ी से बनाया जाता है. वहीं, हिमाचल से मंगाई गई आबनूस की लकड़ी से वायलिन के बाकी हिस्से बनते हैं. इनके तय अनुपात में मामूली गलती से पूरा वायलिन बेकार हो जाता है. एक सस्ते वायलिन को बनाने में 1500 रुपये तक की लगात आती है. वहीं, औसत वायलिन की कीमत 2500 रुपये होती है. वहीं, रामपुर के शनदार वायलिन की लागत 15,000 रुपये तक बैठती है. इस समय रामपुर में पांच बड़ी फैक्ट्री हैं, जिनमें 40 लोग काम कर रहे हैं.
हुनर हाट के फायदे >> प्रतिभाशाली कलाकारों को प्लेटफार्म मिलता है. >> भारतीय कारीगरों व शिल्पकारों के विश्वसनीय ब्रांड का निर्माण. >> भारतीय धरोहर को बढ़ावा देने वाले कारीगरों व शिल्पकारों को बढ़ावा. >> शिल्पकारों व कारीगरों को सशक्तिकरण व रोज़गार के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना.
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