प्राइवेट बैंक IDFC अपना नाम बदलने जा रहा है. बैंक ने नाम बदलने का प्रस्ताव आरबीआई को भेजा है. अगर आरबीआई की मंजूरी मिल जाती है तो बैंक का नाम बदलकर ‘आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड’ हो जाएगा. ऐसे में अब सवाल उठता है कि ग्राहकों पर इसका क्या असर होगा, क्या बैंक जाकर अपनी पास बुक बदलनी होगी या फिर चेक पुराना ही काम करेगा. आइए जानें पूरा मामला...
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बदल जाएगा नाम- प्राइवेट बैंक आईडीएफसी बैंक ने अपना नाम बदलकर ‘आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड’ करने का प्रस्ताव किया है. बैंक अपनी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी कैपिटल फर्स्ट को खुद के साथ मिलाने की प्रक्रिया में है. बैंक ने शेयर बाजार को वृहस्पतिवार को बताया कि उसके निदेशक मंडल ने बुधवार को हुई बैठक में रिजर्व बैंक से नाम बदलने की मंजूरी मांगने का फैसला किया है.ये भी पढ़ें-
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इस सभी से लेनी होगी मंजूरी- बैंक ने कहा, ‘‘नाम बदलने के लिए इसके बाद विधायी एवं नियामकीय प्राधिकरणों, कंपनियों के रजिस्ट्रार, शेयरधारकों तथा अन्य संबंधित पक्षों की मंजूरी की भी जरूरत होगी
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बैंक ने कहा है कि कैपिटल फर्स्ट को आईडीएफसी बैंक के साथ मिलाने का काम अब काफी आगे बढ़ चुका है. इसे प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी मिल चुकी है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से मंजूरी की प्रतीक्षा है.
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ग्राहकों पर क्या असर होगा? एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे में बैंक ग्राहकों पर ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि बैंक खुद चेकबुक बदल देता है. साथ ही, ग्राहकों को पासबुक, चेकबुक बदलवाने के लिए ज्यादा समय दिया जाएगा. बैंक इसकी जानकारी एसएमस, ईमेल और फोन के जरिए देगा.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2018, 14:23 IST