नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की आर्थिक विकास दर यानी जीडीपी (India’s GDP) के अनुमान में किसी तरह की कटौती नहीं की है. हालांकि, आईएमएफ ने वैश्चिक आर्थिक विकास दर (Global Growth Rate) के लिए इस साल के अनुमान को घटा दिया है. आईएमएफ का कहना है कि आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों के कारण विकसित अर्थव्यवस्थाओं (Developed Economies) के विकास की रफ्तार पर असर पड़ेगा. वहीं, कोरोना वायरस महामारी के हालात बिगड़ने की स्थिति में कम आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक विकास की गति प्रभावित होगी.
साल 2022 में 4.9 फीसदी रहेगी ग्लोबल ग्रोथ
आईएमएफ ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक विकास दर के 5.9 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान जताया है. हालांकि, जुलाई 2021 में आईएमएफ ने ग्लोबल ग्रोथ के 6 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. दूसरे शब्दों में कहें तो मुद्रा कोष ने इसमें मामूली कटौती की है. वहीं, आईएमएफ ने साल 2022 में वैश्विक आर्थिक विकास दर के 4.9 फीसदी अनुमान को अभी भी बरकरार रखा है. मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि कम आय वाले विकासशील देशों के समूह के लिए महामारी की बिगड़ती स्थिति ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं. इसके अलावा हालिया डाउनग्रेड विकसति देशों के समूह के शॉर्ट-टर्म में मुश्किल हालात को दर्शाता है.
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भारत इस मामले में भी चीन को देगा पटखनी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास अनुमान को बरकरार रखा है. आईएमएफ के मुताबिक, भारत की मौजूदा वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी 9.5 फभ्सदी रह सकती है. वहीं, वित्त वर्ष 2023 में इसके 8.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. दूसरी ओर आईएमएफ ने चीन की अर्थव्यवस्था (Chinese Economy) में मौजूदा वित्त वर्ष में मामूली गिरावट आने का अनुमान जताया है. मुद्रा कोष ने कहा कि चीन की जीडीपी मौजूदा वित्त वर्ष में 8 फीसदी रह सकती है. यह भारत के 9.5 फीसदी जीडीपी अनुमान के मुकाबले कम है.
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