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68 हजार करदाताओं की 'कुंडली' खंगालेगा इनकम टैक्‍स विभाग, क्‍या गलती है इनकी, आपसे भी तो नहीं हुई चूक

टैक्सपेयर्स के काम की खबर

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर (ITR) में इनकम नहीं बताने या फिर कम बताने को लेकर ई-वेरिफिकेशन (E-Verification) के लिए ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

इनमें ऐसे मामले शामिल हैं, जिनमें हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन किए गए हैं.
अगर आपने अभी तक रिवाइज्ड ITR नहीं भरा है.
तो आपके पास 31 मार्च 2023 तक आखिरी मौका है.

नई दिल्ली. अगर आप भी टैक्सपेयर्स हैं तो यह खबर आपके बेहद काम की है. बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर (ITR) में इनकम नहीं बताने या फिर कम बताने को लेकर ई-वेरिफिकेशन (E-Verification) के लिए 68,000 मामलों को उठाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) प्रमुख नितिन गुप्ता ने यह जानकारी दी है. गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि आयकर विभाग (IT) ने असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए वेरिफिकेशन के लिए 68,000 आयकर रिटर्न जुटाए हैं. इनमें से 35,000 मामलों (56 प्रतिशत) में करदाता पहले से ही संतोषजनक जवाब भेज चुके हैं या संशोधित आईटीआर भर दिया है. हालांकि शेष 33,000 मामलों में करदाताओं से कोई जवाब नहीं आया है.

इनमें ऐसे मामले शामिल हैं, जिनमें हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन किए गए हैं. अगर आपने अभी तक रिवाइज्ड ITR नहीं भरा है तो आपके पास 31 मार्च 2023 तक आखिरी मौका है. अगर आप ई-वेरिफिकेशन नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो संभावना है कि मामले की जांच शुरू हो जाएगी. आयकर विभाग ई-वेरिफिकेशन योजना के अंतर्गत करदाताओं को वित्तीय लेनदेन और भरे गए आईटी रिटर्न के बारे में वार्षिक सूचना विवरण (AIS) में असमानता के बारे में बताता है. करदाताओं को अगर लगता है कि ई-वेरिफिकेशन में बताई गई असमानता सही है तो वह इसके लिए स्पष्टीकरण देते हुए कर विभाग को जवाब भेज सकते हैं.

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1,250 करोड़ रुपये टैक्स हुआ एकत्रित
गुप्ता बताया कि अब तक कुल 15 लाख संशोधित आईटीआर भरे जा चुके हैं और कर के रूप में 1,250 करोड़ रुपये एकत्रित हो चुके हैं. करदाताओं के पास 2019-20 के लिए संशोधित आईटीआर जमा करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक समय है. गुप्ता ने कहा कि जब कोई आयकरदाता संशोधित आईटीआर भर देता है तो उसके मामले को जांच या पुनर्मूल्यांकन के लिए उठाए जाने की संभावना बहुत कम हो जाती है. उन्होंने कहा कि ई-वेरिफिकेशन के लिये जोखिम मानक हर साल तय किये जाते हैं. हालांकि उन्होंने ई-वेरिफिकेशन के लिए मामले के चयन को लेकर मानदंडों का खुलासा नहीं किया.

15 दिन का मिलता है समय
टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जब टैक्सपेयर्स को ई-वेरिफिकेशन के बारे में मेल पर सूचित किया जाता है तो करदाता के पास आईटी डिपार्टमेंट को सूचना का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय होता है. ई-वेरिफिकेशन के तहत किसी विशेष मामले को पूरा करने के लिए सीबीडीटी के पास 90 दिनों की समयावधि होती है, लेकिन जटिल मामलों में अधिक समय लग सकता है.

Tags: Filing income tax return, Income tax department, Income tax notice, ITR, ITR filing

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