नई दिल्ली. अगर आपने अब तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है तो 31 मार्च 2022 इसके लिए आखिरी तारीख है. इस अवधि तक आप जुर्माने के साथ रिटर्न भर सकते हैं. रिटर्न भरते समय आपको अपनी कमाई से लेकर निवेश तक सभी जानकारियां देनी पड़ती हैं. अगर सोने में निवेश (Gold Investment) किया है तो उसका खुलासा भी आईटीआर भरते समय करना होता है.
टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्सपेयर्स को सोने में निवेश के तरीके के आधार पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. गोल्ड बॉन्ड के जरिये सोने में निवेश करने वालों के लिए फिजिकल सोना खरीदने वालों की तुलना में अलग टैक्स देनदारी होगी.
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फिजिकल गोल्ड : कैपिटल गेन के हिसाब से टैक्स
फिजिकल गोल्ड में निवेश करने के 36 महीने के भीतर उसे बेचने पर स्लैब के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है. सोने की बिक्री से मिलने वाला रिटर्न निवेशक की सालाना कमाई में जुड़ता है. तीन साल बाद सोना बेचा जाता है, तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स माना जाएगा. इसमें टैक्स बिक्री से होने वाली आय के आधार पर तय होगा. इस पर कुल मूल्यांकन का 20 फीसदी टैक्स देना होगा. इसके अलावा, टैक्स की राशि का चार फीसदी सेस भी लगता है.
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डिजिटल गोल्ड : देना होगा 20 फीसदी कर
डिजिटल गोल्ड सोने में निवेश का नया तरीका है, जो तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इसमें निवेश अलग-अलग वॉलेट और बैंक एप के जरिये संभव है. न्यूनतम एक रुपये से डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसमें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 4 फीसदी सेस और सरचार्ज के साथ रिटर्न पर 20 फीसदी टैक्स लगता है. डिजिटल गोल्ड को 36 महीने से कम समय के लिए रखने पर रिटर्न पर सीधे टैक्स नहीं लगता है.
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गोल्ड ईटीएफ : टैक्स के साथ सेस भी देना होगा
गोल्ड म्यूचुअल फंड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये भी सोने में निवेश कर सकते हैं. इसमें सोना वर्चुअल फॉर्म में होता है न कि फिजिकल स्वरूप में. दोनों पर फिजिकल गोल्ड के समान टैक्स लगता है. गोल्ड म्यूचुअल फंड या ईटीएफ के जरिये सोने में निवेश करने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के लिए 20 फीसदी टैक्स के साथ 4 फीसदी सेस लगता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड : स्लैब के अनुसार चुकाना होगा कर
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) पर निवेशकों को सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है, जिस पर स्लैब के अनुसार टैक्स देना पड़ता है. एसजीबी में निवेश के 8 साल बाद निवेशक का रिटर्न पूरी तरह से टैक्स फ्री हो जाएगा. 5 साल बाद और मैच्योरिटी तक पहुंचने से पहले किसी भी समय होल्डिंग बेची जाती है, तो 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स व 4 फीसदी सेस भी लगता है.
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