Maruti Suzuki के चेयरमैन आरसी भार्गव बोले- भारत लो-कॉस्ट मैन्युफैक्चरिंग में चीन को पछाड़ सकता है

मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव (Maruti Suzuki Chairman RC Bhargava) ने कहा कि ने गुरुवार को कहा कि यदि उद्योग और सरकार साथ मिलकर काम करें तो भारत लो-कॉस्ट मैन्युफैक्चरिंग (Low-Cost Manufacturing) में चीन को पीछे छोड़ सकता है.
- भाषा
- Last Updated: November 26, 2020, 8:37 PM IST
नई दिल्ली. मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव (Maruti Suzuki Chairman RC Bhargava) ने कहा कि ने गुरुवार को कहा कि यदि उद्योग और सरकार साथ मिलकर काम करें तो भारत लो-कॉस्ट मैन्युफैक्चरिंग (Low-Cost Manufacturing) में चीन को पीछे छोड़ सकता है. वह ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (All India Management Association) के एक ऑनलाइन कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने को लेकर अपने विचार रखे.
उन्होंने कहा, ''यदि सरकार और उद्योग साथ काम करें तो भारत के पास चीन से अधिक सस्ती लागत पर मैन्युफैक्चरिंग करने की क्षमता है.'' भार्गव ने कहा कि सरकार की नीतियों का मूल उद्देश्य भारतीय उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना होना चाहिए. इससे अपने आप ही दुनिया में सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले कम लागत के उत्पाद बनाए जा सकेंगे.
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सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना महत्वपूर्ण उन्होंने कहा, ''उद्योग जितना अधिक बिक्री करेंगे और अर्थव्यवस्था में उतने ही रोजगार सृजित होंगे.'' भार्गव ने कहा कि पूरी अर्थव्यवस्था के वृद्धि करने के लिए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना महत्वपूर्ण है.
स्थानीय लोगों के लिए रोजगार आरक्षित रखना गैर-प्रतिस्पर्धी
हालांकि उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार आरक्षित रखने के लिए राज्यों की आलोचना की. उन्होंने इसे एक गैर-प्रतिस्पर्धी कदम करार दिया. भार्गव ने कहा कि देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को भी वैश्विक स्तर पर उतना ही प्रतिस्पर्धी होना चाहिए जितना बड़ी कंपनियां हैं, क्योंकि पूरी आपूर्ति श्रृंखला ही संपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाती है.
उन्होंने कहा कि उद्योग तब तक प्रतिस्पर्धी नहीं हो सकते जब तक कंपनी के प्रमोटर और प्रबंधक अन्य कर्मचारी और श्रमिकों को सहयोगियों की तरह तवज्जो नहीं देते. भार्गव ने इस संदर्भ में मारुति सुजुकी की नीति का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों को समझाया कि यदि कंपनी वृद्धि करेगी तो वे भी समृद्ध होंगे.
उन्होंने कहा, ''यदि सरकार और उद्योग साथ काम करें तो भारत के पास चीन से अधिक सस्ती लागत पर मैन्युफैक्चरिंग करने की क्षमता है.'' भार्गव ने कहा कि सरकार की नीतियों का मूल उद्देश्य भारतीय उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना होना चाहिए. इससे अपने आप ही दुनिया में सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले कम लागत के उत्पाद बनाए जा सकेंगे.
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सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना महत्वपूर्ण उन्होंने कहा, ''उद्योग जितना अधिक बिक्री करेंगे और अर्थव्यवस्था में उतने ही रोजगार सृजित होंगे.'' भार्गव ने कहा कि पूरी अर्थव्यवस्था के वृद्धि करने के लिए सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना महत्वपूर्ण है.
स्थानीय लोगों के लिए रोजगार आरक्षित रखना गैर-प्रतिस्पर्धी
हालांकि उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार आरक्षित रखने के लिए राज्यों की आलोचना की. उन्होंने इसे एक गैर-प्रतिस्पर्धी कदम करार दिया. भार्गव ने कहा कि देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को भी वैश्विक स्तर पर उतना ही प्रतिस्पर्धी होना चाहिए जितना बड़ी कंपनियां हैं, क्योंकि पूरी आपूर्ति श्रृंखला ही संपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाती है.
उन्होंने कहा कि उद्योग तब तक प्रतिस्पर्धी नहीं हो सकते जब तक कंपनी के प्रमोटर और प्रबंधक अन्य कर्मचारी और श्रमिकों को सहयोगियों की तरह तवज्जो नहीं देते. भार्गव ने इस संदर्भ में मारुति सुजुकी की नीति का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों को समझाया कि यदि कंपनी वृद्धि करेगी तो वे भी समृद्ध होंगे.