केंद्र सरकार इंडियन टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स को ग्लोबल मार्केट तक पहुंचाने के लिए खास रणनीति पर काम कर रही है.
नई दिल्ली. लद्दाख की गलवान घाटी से शुरू हुए विवाद के बाद भारत (India) एक के बाद एक ऐसे कदम उठा रहा है, जो चीन (China) के लिए भारी पड़ रहे हैं. भारत ने कई बड़ी परियोजना में साझेदारी से हाथ खींचने के बाद चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगानी शुरू की. वहीं, त्योहारी मौसम में स्थानीय कारोबारी भी चीन का माल नहीं बेचकर तगड़ा झटका दे रहे हैं. अब केंद्र सरकार (Central Government) ने एक और सेक्टर में चीन को पछाड़ने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. सरकार ने टेक्सटाइल सेक्टर (Textile Sector) में चीन से आयात रोकने और स्थानीय उत्पादों को दुनिया भर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मेगा मार्केटिंग स्ट्रैटेजी (Mega Marketing Strategy) पर काम शुरू कर दिया है.
ग्लोबल मार्केट में पहुंचाए जाने वाले प्रोडक्ट्स कर ली गई है पहचान
केंद्र सरकार ने लोकल टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स को ग्लोबल मार्केट (Global Market) तक पहुंचाने के लिए उत्पादों की पहचान कर ली है. साथ ही डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद (Financial Support) देने की तैयारी भी की जा रही है. इस सेक्टर के जरिये सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को नौकरियां (Job Creation) भी देना चाहती है. देश में टेक्सटाइल से जुड़े उत्पादों की पूरी क्षमता होने के बाद भी वित्त वर्ष 2019-20 में करीब 2538 मिलियन डॉलर का आयात सिर्फ चीन से किया गया. केंद्र ने अब इसे रोकने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू कर दी है.
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स्थानीय प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए नया तरीका अपनाएगा केंद्र
डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने की कवायद से लेकर स्थानीय उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. मार्केटिंग के नए फॉर्मूले पर काम शुरू हो गया है. जीएफएक्स आउट मैन मेड फैबरिक्स का प्रोडक्शन बढ़ाने के साथ-साथ गारमेंट्स और होम टेक्सटाइल प्रोडक्टस की मार्केटिंग नए तरीके से की जाएगी. केंद्र दरियां, चादर, टेबल क्लॉथ, टॉवेल्स, हैंडलूम की मार्केटिंग के लिए भी नया तरीका अपनाने की योजना बना रहा है. दरअसल, इस इंडस्ट्री ने सरकार को दुनिया भर में लोगों के चीन विरोधी रुख का फायदा उठाने की सलाह दी है.
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ड्यूटी से बचने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में तेजी चाहती हैं कंपनियां
अमेरिका, ताइवान, इजरायल, जापान, यूरोप और खाड़ी देशों में बड़े पैमाने पर निर्यात की रणनीति बनाई जा रही है. कंपनियां चाहती हैं कि सरकार फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में तेजी लाए ताकि भारतीय उत्पाद ड्यूटी से बच सकें. टेक्सटाइल मिनिस्ट्री पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर इंटिग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क की स्कीम को नई रफ्तार देने जा रही है, जिसमें कंपनियों को सीधे इंफ्रा सपोर्ट मिलेगा. ड्यूटी क्रेडिट के तौर पर सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अभी तक 7,398 करोड़ रुपये जारी किए हैं. बता दें कि सरकार के सामने इस सेक्टर से जड़ी 1 करोड़ नौकरियां बचाने के साथ-साथ नए रोजगार पैदा करने की चुनौती है.
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