नई दिल्ली. केंद्र सरकार घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों पर नियत्रंण के लिए 6 साल में पहली बार चीनी के निर्यात पर नियत्रंण लगा सकती है और इस सीजन के निर्यात पर 80 लाख टन की सीमा निर्धारित कर सकती है. सरकार और इंडस्ट्रीज से जुड़े सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी रायटर्स (Reuters) ने यह जानकारी दी है.
चीनी कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट
सूत्रों का कहना है कि इसको लेकर अगले महीने की शुरुआत में घोषणा हो सकती है. इस खबर के चलते शुक्रवार के कारोबारी सत्र में शेयर मार्केट में चीनी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली. धामपुर चीनी मिल्स और बलरामपुर चीनी मिल्स 5 फीसदी टूट गए. वहीं द्वारिकेश शुगर 6 फीसदी फिसल गया.
ये भी पढ़ें- Supertech से घर खरीदने वालों के लिए बुरी खबर, कंपनी हुई दिवालिया! जानिए क्या होगा इसका होम बायर पर असर
लेवी लगाने पर भी विचार
सूत्रों के मुताबिक चीनी का उत्पादन अपने रिकॉर्ड हाई पर है लेकिन लगातार हो रहे निर्यात चलते इसका भंडार लगातार कम हो रहा है. अनियंत्रित निर्यात के चलते देश में चीनी की कमी हो सकती है जिसके चलते इसकी कीमतें आसमान छु सकती है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर चीनी निर्यात पर कैप लगाने की तैयारी में है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार की योजना इस पेराई सीजन में एक्सपोर्ट की लिमिट 80 लाख टन तय करने की है. एक दूसरे सूत्र ने बताया है कि सरकार एक्सपोर्ट्स को हतोत्साहित करने के लिए लेवी लगाने पर भी विचार कर रही है.
ये भी पढ़ें- Income Tax से जुड़े नियमों में सरकार ने कर दिया संसोधन, बहुत जरूरी है आपके लिए इन बदलावों को जानना
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक है भारत
गौरतलब है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक है. अगर यह निर्यात पर किसी तरह का नियत्रंण लगाता है तो ग्लोबल शुगर प्राइस में तेजी देखने को मिल सकती है. लेकिन भारत सरकार घरेलू बाजार की महंगाई को लेकर ज्यादा चिंतित है और ऐसे में सरकार चीनी की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए तैयारी कर रही है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Sugar, Sugar prices