नई दिल्ली. भारतीय कार निर्माता (Indian Auto Makers) चीन को एक और तगड़ा झटका दे सकते हैं. दरअसल, नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल और कलपुर्जा उद्योग (Automobile & Component Industry) वाहनों के विभिन्न हिस्सों के लिए चीन पर आयात (Chinese Import) निर्भरता खत्म करने पर जोर दे. उन्होंने भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (ACMA) के 61वें सालाना सत्र में कहा कि ऑटो कंपोनेंट के स्थानीयकरण (Localization) पर ध्यान देना चाहिए.
‘ई-चारपहिया वाहनों को प्रोत्साहन देने पर करेंगे विचार’
अमिताभ कांत ने कहा कि फेम-2 योजना (FAME-2 Policy) के तहत चुने गए 9 शहरों में 100 फीसदी इलेक्ट्रिक बसें (Electric Buses) होने के बाद इलेक्ट्रिक चारपहिया वाहनों को भी प्रोत्साहन देने पर विचार किया जाएगा. वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में फिर से संतुलन बनाने, निर्यात बढ़ाने के लिए सरकारी प्रोत्साहन व प्रौद्योगिकी व्यवधानों से ऑटोमोटिव मूल्य श्रृंखला के सभी स्तरों पर नए अवसर पैदा हो रहे हैं. यह बहुत अहम है कि उद्योग सहभागियों के सामने रास्ता एकदम साफ हो और उद्योग पूरी ताकत के साथ आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का नजरिया एकदम साफ है. लिहाजा, अब स्थानीयकरण को बढ़ावा देना ही होगा.
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‘बीएस-6 मानकों को पूरा करने वाले कंपोनेंट यहीं बनाएं’
नीति आयोग के सीईओ ने कहा, ‘आयात पर निर्भरता कम करें. मैं चीन से आयात कम करना चाहूंगा. कुछ कंपोनेंट को यहीं तैयार किया जाए, जिन्हें फिलहाल लागत प्रतिस्पर्धा और विकास क्षमताओं के कारण चीन से आयात किया जा रहा है.’ उन्होंने ऑटोमाबाइल व वाहन कलपुर्जा उद्योग को यह भी बताया कि बीएस-6 उत्सर्जन नियमों को पूरा करने के लिए जरूरी कुछ हिस्सों को चीन से मंगाया जाता है. उन्होंने इन हिस्सों को अगली दो तिमाहियों में स्थानीय स्तर पर तैयार करने की कोशिश करने पर जोर दिया.
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