देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) कोरोना संकट के कारण बने हालात से उबरकर तेजी से वृद्धि की राह पर है. नीति आयोग (NITI Aayog) का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब महामारी (Pandemic) की वजह से आई गिरावट से उबर रही है. आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च 2021 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर सकारात्मक (Positive Growth) रहेगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों (New Farm Law) का मकसद किसानों की आमदनी (Farmers' Income) बढ़ाना है. नए कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन की वजह गलतफहमी और सही जानकारी नहीं पहुंचना है.
राजीव कुमार के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था अब कोविड-19 महामारी (Covid-19) की वजह से आई गिरावट से उबर रही है. मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में हम आर्थिक गतिविधियों (Economic Activities) को एक साल पहले के स्तर पर ले जाने में सफल होंगे. उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ेगी. हालांकि, यह बहुत अधिक नहीं होगी. कुमार ने कहा कि सरकार ने इस समय का इस्तेमाल कई सुधारों के लिए किया है. हालांकि, अभी कई सुधार पाइपलाइन में हैं.
आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार की ओर से किए गए सभी सुधार वित्त वर्ष 2021-22 ही नहीं भविष्य में आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने में मजबूत नींव के तौर पर काम करेंगे. चालू वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ रेट रिजर्व बैंक और दूसरे संस्थानों की ओर से लगाए गए 9-10 फीसद की गिरावट के अनुमान से बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का आर्थिक गतिविधियों पर काफी बुरा असर पड़ा है. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को तकनीकी रूप से मंदी में बताना गलत होगा. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के वृद्धि हासिल करने पर उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाला आंकड़ा है.
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FIRST PUBLISHED : December 02, 2020, 23:16 IST