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Indian Railway : ट्रेन के शुरू या आखिर में ही क्‍यों होते हैं जनरल डिब्‍बे? कारण जानकर आप भी कहेंगे, भई वाह!

हर ट्रेन का स्ट्रक्चर लगभग एक जैसा होता है.

हर ट्रेन का स्ट्रक्चर लगभग एक जैसा होता है.

Indian Railway- किसी भी ट्रेन में डिब्‍बों के स्‍थान का निर्धारण ट्रेन और यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्‍यान में ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

जनरल डिब्‍बों को इस क्रम में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए जाता है.
जनरल डिब्‍बों को आगे-पीछे लगाने से ट्रेन का बैलेंस बना रहता है और यह आसानी से चलती है.
ज्‍यादा यात्रियों वाले डिब्‍बों के बीच दूरी होने से आपातकालीन स्थिति में पैसेंजर्स को निकालने में आसानी होती है.

नई दिल्‍ली. भारतीय रेल नेटवर्क की गिनती दुनिया के बड़े रेल नेटवर्कों में होती है. लाखों लोग हर दिन भारतीय रेलवे द्वारा संचालित ट्रेनों में सफर करते हैं. इतने विस्‍तृत नेटवर्क को चलाते वक्‍त यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा, दोनों का ध्‍यान रखना पड़ता है. बहुत से लोगों के मन में यह सवाल अक्‍सर उठता है कि हर रेलगाड़ी में जनरल डिब्‍बे बीच में क्‍यों नहीं लगाए जाते हैं? जनरल डिब्‍बे ट्रेन के आगे और पीछे ही क्‍यों होते हैं? रेलवे द्वारा इन डिब्‍बों के स्‍थान का निर्धारण भी सोच समझकर किया गया है. रेलगाड़ी में अलग-अलग श्रेणी के डिब्‍बे लगाते वक्‍त भी यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्‍यान में रखा जाता है.

हर ट्रेन का स्ट्रक्चर लगभग एक जैसा होता है. यानी इंजन के बाद में या फिर सबसे लास्ट में जनरल डिब्बे और बीच में AC-3, AC-2 और स्लीपर कोच लगे होते हैं. जनरल डिब्‍बों को आगे या पीछे लगाने पर एक यात्री ने तो रेलवे पर ही जनरल डिब्‍बों में यात्रा करने वाले यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने तक का आरोप जड़ दिया.

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ट्विटर पर उसने आरोप लगाया कि रेलवे जनरल डिब्‍बों को इसलिए ट्रेन के आगे या पीछे लगाता है, ताकि दुर्घटना होने पर सबसे ज्‍यादा नुकसान गरीब यात्रियों को हो. हालांकि, रेलवे ने उसके आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि ट्रेन संचालन के स्‍थापित नियमों के अनुसार ही हर डिब्‍बे का स्‍थान निर्धारित होता है. इसमें डिब्‍बे की श्रेणी मायने नहीं रखती.

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इसलिए लगाए जाते हैं आगे-पीछे
जनरल डिब्‍बों को इस क्रम में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए रखा जाता है. साथ ही जनरल डिब्‍बों को आगे-पीछे लगाने से ट्रेन का बैलेंस भी बना रहता है. किसी भी ट्रेन के जनरल डिब्बों में सबसे ज्यादा भीड़ होती है, ऐसे में अगर जनरल डिब्बे बीच में होंगे तो बीच में भार ज्‍यादा होने से पूरी ट्रेन का संतुलन गड़बड़ा जाएगा. ऐसा होने से बोर्ड-डीबोर्ड में भी दिक्कत आएगी. जनरल डिब्‍बे बीच में होने से सिटिंग अरेंजमेंट के साथ बाकी व्यवस्थाएं भी बिखर जाएंगी. ऐसे में सामान और यात्री दोनों दिशा में नहीं जा पाएंगे. इसलिए जनरल डिब्बों को यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों कोनों पर ही लगाया जाता है.

इमरजेंसी में बचाता है जान 
रेलवे एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि जनरल डिब्बों का दोनों छोर पर होना पूरी ट्रेन की सेफ्टी के लिहाज से भी अच्छा होता है. दरअसल ऐसा होने से जनरल डिब्बों में बैठने वाली भीड़ एक डिस्टेंस के साथ दो जगह में बंट जाती है. इससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में लोगों को ट्रेन से बाहर निकालने में आसानी होती है.

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