12 अगस्त तक नहीं चलेंगी सामान्य पैसेंजर ट्रेन, जानिए कैसे वापस मिलेगा कैंसिल ट्रेन टिकट का पैसा

रेलवे ने सभी सामान्य ट्रेनों पर 12 अगस्त तक रोक लगा दी है.
रेलवे (Indian Railway) ने बताया कि इससे पहले 30 जून 2020 तक बुक टिकट को रद्द करने और उसके पूरे रिफंड के लिए निर्देश दिए गए थे. अब 1 जुलाई 2020 से 12 अगस्त 2020 तक की रेगुलेगर ट्रेनों में टिकटों को भी रद्द किया जाएगा और उनके लिए पूरा रिफंड दिया जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated: June 26, 2020, 9:57 AM IST
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने ऐलान किया कि किसी भी रेगुलर टाइम टेबल्ड पैसेंजर ट्रेन सेवा को 12 अगस्त तक नहीं चलाया जाएगा. इन ट्रेनों में मेल, एक्सप्रेस और सबअर्बन ट्रनें शामिल हैं. रेलवे बोर्ड (Railway Board) द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, सभी टाइम टेबल्ड पैसेंजर ट्रेनों को 12 अगस्त 2020 तक रद्द कर दिया गया है. रेलवे बोर्ड ने कहा है कि 1 जुलाई 2020 से 12 अगस्त 2020 तक सफर करने वाली सभी रेगुलर टाइम टेबल्ड ट्रेनों के लिए बुक की गई टिकटों को रद्द करने का फैसला किया गया है. आइए जानें कैसे आपको रद्द ट्रेन टिकट का पैसा मिलेगा.
जानिए जानें कैसे मिलेगा कैंसिल ट्रेन टिकट का पैसा वापस-
रेलवे बोर्ड ने कहा है कि 1 जुलाई 2020 से 12 अगस्त 2020 तक सफर करने वाली सभी रेगुलर टाइम टेबल्ड ट्रेनों के लिए बुक की गई टिकटों को रद्द करने का फैसला किया गया है.
भारतीय रेलवे द्वारा रद्द की गई ट्रेनों के लिए PRS काउंटर टिकट के लिए यात्री, यात्रा की तारीख के 6 महीने तक रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं.ई-टिकट ऑटो-मेटिकली ही वापस कर दिया जाएगा. अगर ट्रेन को रद्द नहीं किया गया है, लेकिन यात्री यात्रा नहीं करना चाहता है, तो भारतीय रेलवे कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर एक विशेष मामले के रूप में रिजर्व टिकटों की पूरी राशि वापस कर देगा. यह नियम PRS काउंटर जनरेट टिकट और ई-टिकट दोनों के लिए लागू होगा.
क्या कहता है रिफंड का नियम?-अगर किसी वजह से कोई भी यात्री अपनी यात्रा को रद्द करता है तो यह जरूरी है कि समय रहते टिकट कैंसिल करा लिया जाए. क्योंकि, जितनी देर आप कैंसिलेशन में लगाएंगे उतना ही कैंसिलेशन चार्ज बढ़ जाएगा या फिर कई मामलों में कुछ भी हाथ नहीं आएगा. आइये समझते हैं.
ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों के नियम अलग-अगर ऑनलाइन रिजर्वेशन कराया गया है और चार्ट बनने तक भी टिकट वेटिंग में ही है तो टिकट खुद कैंसिल हो जाएगा और रिफंड दो-तीन दिनों में उसी अकाउंट में आ जाएगा, जिसे पेमेंट के लिए इस्तेमाल किया गया था. यात्री ने अगर रिजर्वेशन सिस्टम काउंटर से टिकट बुक कराया है तो इसे कैंसिल कराने भी काउंटर पर ही जाना होगा.
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कन्फर्म टिकट कैंसिल कराया तो कितना चार्ज?-एसी फर्स्ट और एग्जिक्युटिव क्लास: 240 रुपए है. एसी सेकंड और फर्स्ट क्लास: 200 रुपए है.थर्ड एसी, इकोनॉमी और चेयरकार: 180 रुपए है. स्लीपर: 120 रुपए है. सेकंड क्लास सीटिंग: 60 रुपए है. ट्रेन रवाना होने से 48 घंटे से 12 घंटे पहले तक: किराए का 25 फीसदी कटेगा. ट्रेन रवाना होने से 12 घंटे से लेकर 4 घंटे पहले तक: किराए का 50 फीसदी कटेगा.चार्ट बनने के बाद और ट्रेन रवाना होने के बीच: कोई रिफंड नहीं है.
वेटिंग और RAC टिकट कैंसिलेशन-काउंटर से खरीदा गया वेटिंग या आरएसी का टिकट कैंसिल कराने के लिए ट्रेन रवाना होने से आधा घंटा पहले टिकट रद्द कराना होता है. इसके लिए काउंटर पर ही जाना होगा. अगर ट्रेन रवाना होने के बाद पहुंचेंगे तो कोई रिफंड नहीं होगा. ऑनलाइन टिकट लेने पर वेटिंग की स्थिति में पैसा खुद अकाउंट में रिफंड हो जाएगा. वहीं, आरएसी कैंसिल कराने पर भी अकाउंट में ही पैसा आएगा.
रात में करानी हो टिकट कैंसिल?-कई बार ऐसी स्थिति होती है कि ट्रेन का समय देर रात या जल्दी सुबह का होता है. ऐसी स्थिति में काउंटर से लिए गए टिकट को कैंसिल कैसे कराया जाए. क्योंकि, रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रेलवे टिकट काउंटर बंद रहता है. ऐसी स्थिति टिकट कन्फर्म नहीं होने पर सुबह काउंटर खुलने के दो घंटे के बाद तक रिफंड लिया जा सकता है. साथ ही दूसरा विकल्प यह है कि यात्री चाहे तो रात में ही 139 पर टिकट कैंसिल रिक्वेस्ट दर्ज करा सकता है. हालांकि, सुबह उसे तय अवधि के भीतर किसी भी काउंटर पर जाकर टिकट सरेंडर करना होगा.
जानिए जानें कैसे मिलेगा कैंसिल ट्रेन टिकट का पैसा वापस-
रेलवे बोर्ड ने कहा है कि 1 जुलाई 2020 से 12 अगस्त 2020 तक सफर करने वाली सभी रेगुलर टाइम टेबल्ड ट्रेनों के लिए बुक की गई टिकटों को रद्द करने का फैसला किया गया है.
भारतीय रेलवे द्वारा रद्द की गई ट्रेनों के लिए PRS काउंटर टिकट के लिए यात्री, यात्रा की तारीख के 6 महीने तक रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं.ई-टिकट ऑटो-मेटिकली ही वापस कर दिया जाएगा. अगर ट्रेन को रद्द नहीं किया गया है, लेकिन यात्री यात्रा नहीं करना चाहता है, तो भारतीय रेलवे कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर एक विशेष मामले के रूप में रिजर्व टिकटों की पूरी राशि वापस कर देगा. यह नियम PRS काउंटर जनरेट टिकट और ई-टिकट दोनों के लिए लागू होगा.
क्या कहता है रिफंड का नियम?-अगर किसी वजह से कोई भी यात्री अपनी यात्रा को रद्द करता है तो यह जरूरी है कि समय रहते टिकट कैंसिल करा लिया जाए. क्योंकि, जितनी देर आप कैंसिलेशन में लगाएंगे उतना ही कैंसिलेशन चार्ज बढ़ जाएगा या फिर कई मामलों में कुछ भी हाथ नहीं आएगा. आइये समझते हैं.
ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों के नियम अलग-अगर ऑनलाइन रिजर्वेशन कराया गया है और चार्ट बनने तक भी टिकट वेटिंग में ही है तो टिकट खुद कैंसिल हो जाएगा और रिफंड दो-तीन दिनों में उसी अकाउंट में आ जाएगा, जिसे पेमेंट के लिए इस्तेमाल किया गया था. यात्री ने अगर रिजर्वेशन सिस्टम काउंटर से टिकट बुक कराया है तो इसे कैंसिल कराने भी काउंटर पर ही जाना होगा.
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कन्फर्म टिकट कैंसिल कराया तो कितना चार्ज?-एसी फर्स्ट और एग्जिक्युटिव क्लास: 240 रुपए है. एसी सेकंड और फर्स्ट क्लास: 200 रुपए है.थर्ड एसी, इकोनॉमी और चेयरकार: 180 रुपए है. स्लीपर: 120 रुपए है. सेकंड क्लास सीटिंग: 60 रुपए है. ट्रेन रवाना होने से 48 घंटे से 12 घंटे पहले तक: किराए का 25 फीसदी कटेगा. ट्रेन रवाना होने से 12 घंटे से लेकर 4 घंटे पहले तक: किराए का 50 फीसदी कटेगा.चार्ट बनने के बाद और ट्रेन रवाना होने के बीच: कोई रिफंड नहीं है.
वेटिंग और RAC टिकट कैंसिलेशन-काउंटर से खरीदा गया वेटिंग या आरएसी का टिकट कैंसिल कराने के लिए ट्रेन रवाना होने से आधा घंटा पहले टिकट रद्द कराना होता है. इसके लिए काउंटर पर ही जाना होगा. अगर ट्रेन रवाना होने के बाद पहुंचेंगे तो कोई रिफंड नहीं होगा. ऑनलाइन टिकट लेने पर वेटिंग की स्थिति में पैसा खुद अकाउंट में रिफंड हो जाएगा. वहीं, आरएसी कैंसिल कराने पर भी अकाउंट में ही पैसा आएगा.
रात में करानी हो टिकट कैंसिल?-कई बार ऐसी स्थिति होती है कि ट्रेन का समय देर रात या जल्दी सुबह का होता है. ऐसी स्थिति में काउंटर से लिए गए टिकट को कैंसिल कैसे कराया जाए. क्योंकि, रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच रेलवे टिकट काउंटर बंद रहता है. ऐसी स्थिति टिकट कन्फर्म नहीं होने पर सुबह काउंटर खुलने के दो घंटे के बाद तक रिफंड लिया जा सकता है. साथ ही दूसरा विकल्प यह है कि यात्री चाहे तो रात में ही 139 पर टिकट कैंसिल रिक्वेस्ट दर्ज करा सकता है. हालांकि, सुबह उसे तय अवधि के भीतर किसी भी काउंटर पर जाकर टिकट सरेंडर करना होगा.