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Indian Railway: यात्रीगण ध्यान दें..अब दिल्ली- गाजियाबाद से कानपुर, लखनऊ और प्रयागराज होते हुए पटना पहुंचने में लगेंगे और कम समय!

Indian Railway: भारतीय रेलवे का गाजियाबाद में देश का सबसे लंबा ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम बन कर तैयार हो गया है.

Indian Railway: भारतीय रेलवे का गाजियाबाद में देश का सबसे लंबा ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम बन कर तैयार हो गया है.

भारतीय रेलवे (Indian Railway) का गाजियाबाद (Ghaziabad) में देश का सबसे लंबा ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम (Automatic ...अधिक पढ़ें

गाजियाबाद. भारतीय रेलवे (Indian Railway) का गाजियाबाद (Ghaziabad) में देश का सबसे लंबा ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम (Automatic Block Signaling System) बन कर तैयार हो गया है. इस सिस्टम के बन कर तैयार हो जाने के बाद अब दिल्ली (Delhi) से यूपी के गाजियाबाद (Ghaziabad), अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, पटना (Patna), बरौनी और नॉर्थ-ईस्ट के कई शहरों की दूरी और समय में काफी कमी आएगी. साथ ही ट्रेनों के लेट होने की समस्या से भी निजात मिलेगा. प्रयागराज से गाजियाबाद तक 762 किलोमीटर रेल नेटवर्क स्वचालित ब्लॉक सिग्रलिंग सिस्टम के तहत काम करेगा. भारतीय रेलवे को इस तकनीक की मदद से ट्रैक की क्षमता, ट्रेनों की सुरक्षा और रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी.

बता दें कि गाजियाबाद के पंडित दीन दयाल उपाध्याय खंड में तैयार रेलवे का यह ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम देश का सबसे लंबा आटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सेक्शन है. भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए समय-समय बदलाव करता रहता है. अब रेलवे ने एक रूट पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम बना कर रिकॉर्ड बना दिया है. इससे एक पटरी पर ट्रेनों की संख्या और रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह सिस्टम 762 किलोमीटर भारतीय रेल के नेटवर्क को जोड़ेगा. भारतीय रेल के मौजूदा उच्च घनत्व वाले मार्गो पर और अधिक रेलगाडियां चलाने के लिए उसकी क्षमता बढ़ाने के लिए स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग एक किफायती उपाय है.

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भारतीय रेल मिशन मोड पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग की शुरूआत कर रहा है.

रेलवे ने लगाया यह एडवांस सिस्टम
भारतीय रेल मिशन मोड पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग की शुरूआत कर रहा है. एबीएस को 2022-23 के दौरान 268 आरकेएम पर अधिकृत किया गया है. 31 दिसंबर 2022 तक भारतीय रेल के 3706 रूट किमी पर एबीएस की सुविधा प्रदान की गई है. इससे ऑटोमेटिक सिग्नलिंग के कार्यान्वयन से क्षमता में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक रेल सेवाएं संभव होंगी.

दिल्ली से गाजियाबाद होते प्रयागराज जाना हुआ और आसान
इंडियन रेलवे हाल के वर्षों में परिचालन में डिजिटल तकनीक की मदद से सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को अपना रही है. साल 2022-23 के दौरान 347 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की सुविधा प्रदान की गई है. अब तक भारतीय रेल के 45.5 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हुए 2888 स्टेशनों को 31 दिसंबर 2022 तक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की सुविधा दी गई है.

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साल 2022-23 के दौरान 347 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की सुविधा प्रदान की गई है.

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गौरतलब है कि भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया के सर्वाधिक बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है. देश में हर रोज तकरीबन 13 हजार के आसपास ट्रेनें चलती हैं. यह ट्रेनें देश के अलग-अलग हिस्सों को एक राज्य से दूसरे राज्य और एक जिला से दूसरे जिला को जोड़ती है. भारतीय रेलवे समय-समय पर अपने तकनीक में बदलाव कर दूरी और समय करने पर काम करती है. गाजियाबाद में बना ऑटोमेटिक ब्लॉक सिस्टम भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है.

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