ट्रेन की स्पीड को 60 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 75 किमी प्रति घंटा किया जा रहा है. (फोटो-न्यूज18)
नई दिल्ली. देश में सर्दियां बढ़ने के साथ-साथ घने कोहरे की समस्या भी बढ़ती जाती है. इन कोहरों के कारण सैकड़ों ट्रेनें लेट होती हैं, जिससे लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. भारतीय रेलवे ने कोहरे के कारण ट्रेनों को देरी होने से बचाने के लिए इनकी स्पीड को बढ़ा दिया है. रेलवे के मुताबिक ट्रेनों की स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 75 किलो मीटर प्रति घंटा करने का फैसला किया गया है.
रेल मंत्रालय के अनुसार लोकोमोटिव यानी ट्रेनों में फॉग इक्विपमेंट का इस्तेमाल कर कोहरे और खराब मौसम में भी ट्रेन की स्पीड को 60 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 75 किमी प्रति घंटा किया जा रहा है ताकि, खराब मौसम में भी ट्रेन लेट न हो और समय से स्टेशन पहुंचे, ताकि लोगों को परेशानी न हो.
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लगाए जाएंगे जरूरी डिवाइस
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, कोहरे के दौरान अगर ट्रेन ऐसे एरिया में जा रही है जहां कोहरा है, तो ट्रेन चलाने वाले ड्राइवर (Loco Pilots) को फॉग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराए जाएंगे. मंत्रालय ने रेलवे जोन से डेटोनेटर की सप्लाई को बनाए रखने के लिए कहा है. मंत्रालय ने डेटोनेटिंग सिग्नल (जिसे डेटोनेटर या फॉग सिग्नल के तौर पर भी जाना जाता है) लगाने को कहा है. इस सिग्नल के ऊपर से जब ट्रेन गुजरती है तो ये फट जाता है. इसका मकसद सिर्फ ड्राइवर का ध्यान आकर्षित करना है. इसके अलावा ट्रैक के साइट बोर्ड पर लाइम मार्किंग करने के लिए कहा गया है. ये लाइम मार्किंग लाइट पड़ने पर चमकती है.
विजिबिलटी का रखा जाएगा ध्यान
इस मामले पर रेल मंत्रालय ने अपने बयान में यह भी कहा कि सभी सिग्नल देखने वाले बोर्ड, सीटी बोर्ड, फॉग सिग्नल पोस्ट और ज्यादा बिजी रहने वाले क्रॉसिंग गेट, जहां दुर्घटना की आशंका अधिक है, उन्हें पेंट किया जाना चाहिए. उन पर पीले और काले रंग की ल्यूमिनस स्ट्रीप (luminous strips) लगाई जाए. इसके अलावा सही विजिबिलटी को ध्यान में रखते हुए अगर रिपेयर की जरूरत है, तो वह भी कराई जाए. मंत्रालय ने कहा कि ये काम कोहरे की शुरुआत से पहले होना चाहिए.
ट्रेन ड्राइवरों को स्पीड नियंत्रित रखने की हिदायत
आगे रेल मंत्रालय ने ट्रेन ड्राइवर को यह भी कहा कि वह कोहरे के दौरान सभी सावधानियों का पालन करें. अगर कोहरे के दौरान ड्राइवर को महसूस होता है कि कम दिखाई दे रहा है तो वह जिस गति पर ट्रेन को दौड़ाना चाहता है, उसी स्पीड पर दौड़ा सकता है ताकि, कोई भी परेशानी आने पर ट्रेन रोक सके. मंत्रालय ने आगे कहा कि ये स्पीड किसी भी कंडीशन में 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक नहीं होनी चाहिए.
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